कोटा. प्रदेश कांग्रेस कमेटी (rajasthan pcc cheif) के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और यूडीएच मंत्री (udh minister) शांति धारीवाल के बीच विवाद अभी थमा भी नहीं था कि कोटा के सांगोद विधानसभा सीट से विधायक भरत सिंह में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वन एवं पर्यावरण मंत्री (Forest and Environment Minister) की शिकायत करते हुए पत्र लिख दिया है. यहां तक कि सांगोद के कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने वन एवं पर्यावरण मंत्री का महकमा भी बदलने की मांग कर दी है.
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विधायक भरत सिंह स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड (State Wildlife Board) के भी सदस्य हैं. उन्होंने सीएम गहलोत को लिखे पत्र में बताया है कि 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में पर्यावरण के संरक्षण (environmental protection) के महत्व को मानव जीवन के साथ जोड़कर देखना और समझना जरूरी है. विकास के नाम पर पर्यावरण और वनों का सत्यानाश बीते 70 सालों से हम लोगों ने किया है. सरकार को वनों के संरक्षण पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, लेकिन प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का मुखिया अपने दायित्व के प्रति गंभीर नहीं है. साथ ही भरत सिंह ने पत्र में लिखा है कि राजस्थान के वन मंत्री वन एवं पर्यावरण के लिए गंभीर नहीं है. वह इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं.
मंत्री जंगल और वाइल्डलाइफ के लिए नहीं है चिंतित
विधायक भरत सिंह ने कहा कि कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (Mukundara Hills Tiger Reserve) और बारां जिले के सोरसन अभ्यारण में गोडावण और चीता बसाने में उनकी कोई रुचि नहीं है. वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने कभी भी जंगलों में घूम कर इनकी सुध नहीं ली है. ऐसे में भरत सिंह ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पत्र में अनुरोध किया है कि इस जिम्मेदारी से वन एवं पर्यावरण मंत्री को मुक्त कर दिया जाए. उनकी योग्यता को देखते हुए उनकी रूचि का अच्छा महकमा दिया जाए, ताकि वह खुश रहे. इसके तहत विश्व पर्यावरण दिवस पर जंगल और जंगली जानवरों के संरक्षण प्रदान करने का नेक कार्य होगा.
विजिट के लिए कई बार लिख चुके हैं पत्र
विधायक भरत सिंह मंत्री सुखराम बिश्नोई को कई बार कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, बारां जिले के सोरसन और शेरगढ़ अभ्यारण, रामगढ़ विषधारी और चम्बल घड़ियाल सेंचुरी की विजिट के लिए कई बार पत्र लिख चुके हैं. साथ ही उन्होंने कई बार मांग भी की है कि हाड़ौती संभाग के जंगलों की विजिट सुखराम विश्नोई करें और यहां पर कायाकल्प हो, जिससे वन्यजीव की सुरक्षा बढ़े और पर्यावरण भी संरक्षित हों.
भरत सिंह के वन मंत्री पर आरोप
सुखराम विश्नोई वन मंत्री हैं. कोटा सहित पूरे प्रदेश में बड़ी बड़ी घटनाएं घटित हो जाने के बाद भी मंत्री सुखराम बिश्नोई ने दौरा नहीं किया. उन्होंने वनों को नजदीकी से नहीं देखा. वहां जो गलत काम और अवैध खनन हो रहे हैं, बूंदी के जंगलों में अवैध माइनिंग हो रही है. बारां जिले के सोरसन में गोडावण संरक्षण की बात हुई लेकिन वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई के कार्यकाल में ही वहां खनन जारी है. मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघ बसाने को लेकर तो कोई काम नहीं दिख रहा. यहां से आठ लेन का नेशनल हाईवे निकल रहा है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लोग रस्ता बनाने के लिए काम कर रहे हैं. एनएचएआई का काम तो दिखता है, लेकिन वन मंत्री का कोई काम नजर नहीं आता.