बाड़मेर. केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ साधु संत सड़कों पर उतर गए हैं. साधु संतों का यह आरोप है कि दोनों सरकारें गोवंश बचाने के लिए कोई भी राहत का काम नहीं कर रही हैं. इसलिए साधु लोग जिला कलेक्ट्रेट बाड़मेर के सामने गो भक्तों के साथ धरने पर बैठे हैं. धरने पर बैठे साधु संतों का कहना है कि अगर 2 दिन के भीतर सरकार नहीं जागी तो बॉर्डर पर गोवंश के कंकाल लाकर हम सरकार को बताएंगे कि किस तरीके से आए दिन मवेशी मर रहे हैं.
राजस्थान गोवंश समिति पिछले कई दिनों से लगातार केंद्र और राज्य सरकार से अपील कर रही है कि बाड़मेर जिले में भयंकर अकाल है. पशुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते पशुधन दम तोड़ रहा है. सरकार जल्द से जल्द पशु शिविर खोले, लेकिन सरकार ने चुनिंदा पशु शिविर खोले हैं. जिससे पशुधन को पूरी तरीके से राहत नहीं मिल रही है.
मोदी और गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा दो दिन पहले भी जिला कलेक्टर बाड़मेर से मुलाकात कर यह निवेदन किया गया था कि अगर 2 दिन में गोवंश के चारे-पानी की व्यवस्था नहीं होती है तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे. जिसके बाद शुक्रवार को साधु-संतों की ओर से गो भक्तों के साथ बाड़मेर जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना प्रदर्शन किया गया. साथ ही इस बात का ऐलान किया गया कि अगले 2 दिनों में अगर सरकार नहीं जागी तो गोवंश के कंकाल लाकर हम जिला प्रशासन और सरकार को बताएंगे कि गोवंश का क्या हाल बॉर्डर के इलाकों में हो रहा है.आपको बता दें कि एक दिन पहले ही बाड़मेर जिले के प्रभारी मंत्री बी.डी.कल्ला ने फीडबैक लिया था और कहा था कि हम आवारा पशुधन को गौशाला में डालेंगे. तो वहीं साधु-संतों का कहना है कि आलम यह कि 6 महीनों में अभी तक एक महीने का अनुदान की राशि भी गौशालाओं के पास नहीं आई है. सरकार गोवंश को लेकर इतनी बेफिक्र कैसे हो सकती है अब उसे जागना होगा.