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राजस्थान में कांग्रेस संगठन के 'पायलट' सचिन ने की 103 चुनावी रैलियां, 10 राज्यों में गए स्टार प्रचारक बनकर - राजस्थान कांग्रेस

राजस्थान में कांग्रेस संगठन के पायलट सचिन ने राजस्थान में 103 चुनावी रैलियां की. जहां सबसे ज्यादा 18 रैलिया अपनी परंपरागत सीट दौसा पर, तो 13 रैलियां अपनी पुरानी सीट अजमेर की है. अगर तीसरे नंबर पर सभाएं की तो वो है टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट. जहां पायलट ने 11 सभाओं को संबोधित किया. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत की लोकसभा सीट झालावाड़ पर पायलट ने एक भी रैली नहीं की.

सचिन राजस्थान के ही नहीं..देश के 10 राज्यों में कांग्रेस के हैं पायलट
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Published : May 18, 2019, 11:18 PM IST

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण संपन्न हो चुके है. अब सभी को इंतजार 23 मई को है, जब नतीजे आएंगे. लेकिन, राजस्थान के लोकसभा चुनाव में हार हो या जीत. जिन्हें सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाएगा वो हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट.

बात करें सचिन पायलट की तो पायलट ने 14 मार्च से अपना लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का सीकर के लक्ष्मणगढ़ से शुरू किया था. जो राजस्थान में दूसरे चरण के चुनाव प्रचार खत्म होने के अंतिम दिन 4 मई तक जारी रहा. वहीं 4 मई के बाद पायलट का प्रचार बंद नहीं हुआ और वह देश के अन्य राज्यों में प्रचार करने के लिए निकल गए.

वसुंधरा के गढ़ में पायलट की एक भी रैली नहीं
नजर डाले सचिन पायलट की राजस्थान के दौरों की तो, राजस्थान में वैसे तो सचिन पायलट ने पूरे प्रदेश में सभाएं की. लेकिन, झालावाड़ सीट को सचिन पायलट ने प्रचार से महरूम कर दिया. झालावाड़ सीट पर सचिन पायलट की एक भी जनसभा रैली नहीं हुई. पायलट के सबसे ज्यादा पसंदीदा जगहों की लिस्ट में नजर डाली गई तो तीन वह सीटें सामने आई जिससे सचिन पायलट का सीधा नाता हैं.

दौसा में पायलट की सबसे ज्यादा 18 सभाएं
इनमें से सबसे ज्यादा 18 सभाएं पायलट ने की दौसा में. फिर अजमेर में 13 सभाएं और रोड शो किए. तो वहीं तीसरे नंबर पर 11 सभाएं टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर हुई. इसी लोकसभा सीट की टोंक विधानसभा से पायलट विधायक भी हैं. ऐसे में इस सीट से भी पायलट का सीधा संबंध है.

सचिन राजस्थान के ही नहीं..देश के 10 राज्यों में कांग्रेस के हैं पायलट

राजस्थान में 103 चुनावी रैलियों को सचिन पायलट ने संबोधित किया
इसके बाद बात करें तो पायलट ने चित्तौड़गढ़ में 6 सभाएं, जयपुर ग्रामीण में 5 सभाएं, सीकर में 4 सभाएं, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, भरतपुर, कोटा, राजसमंद, भीलवाड़ा और करौली- धौलपुर लोकसभा में 3-3 जनसभाएं की. वहीं गंगानगर, बांसवाड़ा, पाली, जालोर, झुंझुनू, अलवर, चूरु में पायलट ने 2 जन सभाएं की. तो वहीं उदयपुर और बाड़मेर में पायलट की एक-एक सभा हुई. इस तरह पायलट ने कुल 24 लोकसभा सीटों पर रैलियां और जन सभाएं की. हालांकि पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह की सीट झालावाड़ पर एक भी सभाएं नहीं की. खास बात यह है यह वह सीट है जहां से कांग्रेस लगातार 8 चुनाव हार चुकी हैं.

राजस्थान ही नहीं 10 राज्यों में स्टार प्रचारक के तौर पर पायलट ने की 25 सभाएं
ऐसा नहीं है कि प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण सचिन पायलट की जिम्मेदारी और डिमांड राजस्थान ही थी. बल्कि सचिन पायलट का क्रेज देश के अन्य राज्यों में भी देखने को मिला. सचिन पायलट को राजस्थान के अलावा 10 राज्यों में भी स्टार प्रचारक बनाया गया था. वहां पर जाकर पायलट ने सभाएं की. सचिन पायलट ने मध्य प्रदेश और हरियाणा में 4-4सभाएं की. वहीं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और कोलकाता में 3 -3 सभाएं की. इसी तरह से असम में दो जनसभाएं और तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब में सचिन पायलट की एक-एक सभा हुई. पायलट ने राजस्थान के अलावा 10 राज्यों में कुल 25 रैलियां और जनसभाएं की और जनता से वोट मांगे.

जयपुर. राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण संपन्न हो चुके है. अब सभी को इंतजार 23 मई को है, जब नतीजे आएंगे. लेकिन, राजस्थान के लोकसभा चुनाव में हार हो या जीत. जिन्हें सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाएगा वो हैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट.

बात करें सचिन पायलट की तो पायलट ने 14 मार्च से अपना लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान का सीकर के लक्ष्मणगढ़ से शुरू किया था. जो राजस्थान में दूसरे चरण के चुनाव प्रचार खत्म होने के अंतिम दिन 4 मई तक जारी रहा. वहीं 4 मई के बाद पायलट का प्रचार बंद नहीं हुआ और वह देश के अन्य राज्यों में प्रचार करने के लिए निकल गए.

वसुंधरा के गढ़ में पायलट की एक भी रैली नहीं
नजर डाले सचिन पायलट की राजस्थान के दौरों की तो, राजस्थान में वैसे तो सचिन पायलट ने पूरे प्रदेश में सभाएं की. लेकिन, झालावाड़ सीट को सचिन पायलट ने प्रचार से महरूम कर दिया. झालावाड़ सीट पर सचिन पायलट की एक भी जनसभा रैली नहीं हुई. पायलट के सबसे ज्यादा पसंदीदा जगहों की लिस्ट में नजर डाली गई तो तीन वह सीटें सामने आई जिससे सचिन पायलट का सीधा नाता हैं.

दौसा में पायलट की सबसे ज्यादा 18 सभाएं
इनमें से सबसे ज्यादा 18 सभाएं पायलट ने की दौसा में. फिर अजमेर में 13 सभाएं और रोड शो किए. तो वहीं तीसरे नंबर पर 11 सभाएं टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर हुई. इसी लोकसभा सीट की टोंक विधानसभा से पायलट विधायक भी हैं. ऐसे में इस सीट से भी पायलट का सीधा संबंध है.

सचिन राजस्थान के ही नहीं..देश के 10 राज्यों में कांग्रेस के हैं पायलट

राजस्थान में 103 चुनावी रैलियों को सचिन पायलट ने संबोधित किया
इसके बाद बात करें तो पायलट ने चित्तौड़गढ़ में 6 सभाएं, जयपुर ग्रामीण में 5 सभाएं, सीकर में 4 सभाएं, बीकानेर, जोधपुर, नागौर, भरतपुर, कोटा, राजसमंद, भीलवाड़ा और करौली- धौलपुर लोकसभा में 3-3 जनसभाएं की. वहीं गंगानगर, बांसवाड़ा, पाली, जालोर, झुंझुनू, अलवर, चूरु में पायलट ने 2 जन सभाएं की. तो वहीं उदयपुर और बाड़मेर में पायलट की एक-एक सभा हुई. इस तरह पायलट ने कुल 24 लोकसभा सीटों पर रैलियां और जन सभाएं की. हालांकि पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह की सीट झालावाड़ पर एक भी सभाएं नहीं की. खास बात यह है यह वह सीट है जहां से कांग्रेस लगातार 8 चुनाव हार चुकी हैं.

राजस्थान ही नहीं 10 राज्यों में स्टार प्रचारक के तौर पर पायलट ने की 25 सभाएं
ऐसा नहीं है कि प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण सचिन पायलट की जिम्मेदारी और डिमांड राजस्थान ही थी. बल्कि सचिन पायलट का क्रेज देश के अन्य राज्यों में भी देखने को मिला. सचिन पायलट को राजस्थान के अलावा 10 राज्यों में भी स्टार प्रचारक बनाया गया था. वहां पर जाकर पायलट ने सभाएं की. सचिन पायलट ने मध्य प्रदेश और हरियाणा में 4-4सभाएं की. वहीं उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और कोलकाता में 3 -3 सभाएं की. इसी तरह से असम में दो जनसभाएं और तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब में सचिन पायलट की एक-एक सभा हुई. पायलट ने राजस्थान के अलावा 10 राज्यों में कुल 25 रैलियां और जनसभाएं की और जनता से वोट मांगे.

Intro:राजस्थान में संगठन के पायलट सचिन ने राजस्थान में की 103 चुनावी रैलियां सबसे ज्यादा 18 रेलिया की अपनी परंपरागत सीट दौसा पर तो 13 रेलिया की अपनी पुरानी सीट अजमेर पर तीसरे नंबर पर टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट जहां की 11 रैलियां और सभाएं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत की लोकसभा सीट झालावाड़ पर एक बार भी नहीं गए पायलट


Body:राजस्थान में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण संपन्न हो चुके हैं अब सभी को इंतजार 23 मई को है जब नतीजे आएंगे लेकिन राजस्थान के लोकसभा चुनाव में हां हो या जीत जिन्हें सबसे ज्यादा जिम्मेदार माना जाएगा वह है मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट बात करें सचिन पायलट की तो पायलट ने 14 मार्च से अपना चुनाव प्रचार अभियान लोकसभा के लक्ष्मणगढ़ से शुरू किया था जो राजस्थान में दूसरे चरण के चुनाव प्रचार खत्म होने अंतिम दिन 4 मई तक जारी रहा वहीं 4 मई के बाद पायलट का प्रचार बंद नहीं हुआ और वह देश के अन्य राज्यों में प्रचार करने के लिए निकल गए बात करें सचिन पायलट की राजस्थान के दौरों की तो राजस्थान में वैसे तो सचिन पायलट ने पूरे प्रदेश मैं सभाएं की लेकिन झालावाड़ सीट को सचिन पायलट ने प्रचार से महरूम कर दिया झालावार सीट पर सचिन पायलट की एक भी जनसभा रैली नहीं हुई वही बात करें पायलट के सबसे ज्यादा पसंदीदा जगह में तो जब लिस्ट पर नजर डाली गई तो तीन वह सीटें सामने आई जिससे सचिन पायलट का सीधा नाता है इनमें से सबसे ज्यादा 18 सभाएं पायलट ने की दौसा में दरअसल दौसा से पायलट परिवार का पुराना नाता रहा है इस सीट को 2009 में हुई परिसीमन से पहले परंपरागत रूप से पायलट परिवार की सीट माना जाता रहा था यहां से सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट सचिन की मां रमा पायलट और खुद सचिन पायलट सांसद रह चुके हैं लेकिन सचिन पायलट का आज भी दौसा में ना केवल लगाओ है बल्कि प्रभाव भी है ऐसे में सबसे दौरे पायलट के दौसा में ही हुए इसके बाद में दूसरे नंबर पर आती है अजमेर लोकसभा अजमेर लोकसभा में सचिन पायलट दोसा के बाद साल 2009 में सांसद बने और सचिन पायलट आज तक का एकमात्र चुनाव भी साल 2014 में इसी अजमेर सीट से हारे अजमेर सीट को पायलट की सीट माना जाता है ऐसे में अजमेर से दिन आने के लिए पायलट ने 13 सभाएं और रोड शो किए तो वहीं तीसरे नंबर पर 11 सभाएं सचिन पायलट की टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर हुई इसी लोकसभा सीट की टोंक विधानसभा से पायलट विधायक भी हैं ऐसे में इस सीट से भी पायलट का सीधा संबंध है इसके बाद बात करें तो पायलट ने चित्तौड़गढ़ में 6 सभाएं जयपुर ग्रामीण में 5 सभाएं सीकर में 4 सभाएं बीकानेर जोधपुर नागौर भरतपुर कोटा राजसमंद भीलवाड़ा और करौली धौलपुर लोकसभा में 3 3 जन सभाएं की वहीं गंगानगर बांसवाड़ा पाली जालौर झुंझुनू अलवर चूरु में पायलट ने 2 जन सभाएं की तो वहीं उदयपुर और बाड़मेर में पायलट की एक एक सभा हुई इस तरह पायलट ने कुल 24 लोकसभा सीटों पर रैलियां और जन सभाएं की हालांकि पायलट ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह की सीट झालावाड़ पर एक भी सवाल नहीं की खास बात यह है यह वह सीट है जहां से कांग्रेस लगातार 8 चुनाव हार चुकी है
राजस्थान ही नहीं 10 राज्यों में स्टार प्रचारक के तौर पर पायलट ने की 25 सभाएं
ऐसा नहीं है कि प्रदेश अध्यक्ष होने के कारण सचिन पायलट की जिम्मेदारी और डिमांड राजस्थान ही थी बल्कि सचिन पायलट का क्रेज देश के अन्य राज्यों में भी देखने को मिला सचिन पायलट को राजस्थान के अलावा 10 राज्यों में भी स्टार प्रचारक बनाया गया था और वहां पर जाकर पायलट ने सभाएं की सचिन पायलट ने मध्य प्रदेश हरियाणा में 4 -4सभाएं उत्तर प्रदेश उत्तराखंड दिल्ली और कोलकाता में 3 -3 सभाएं की इसी तरह से आसाम में दो जनसभाएं और तेलंगाना महाराष्ट्र पंजाब में सचिन पायलट की एक एक सभा हुई पायलट ने राजस्थान के अलावा 10 राज्यों में कुल 25 रैलियां और जनसभाएं की और जनता से वोट मांगे
पीटीसी अजीत


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