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HC ने सौम्या गुर्जर की निलंबन वाली याचिका पर कल तक के लिए टाली सुनवाई - जयपुर ग्रेटर मेयर निलंबन

राजस्थान हाइ कोर्ट (Rajasthan High Court) ने सौम्या गुर्जर (Soumya Gurjar) की याचिका पर सुनवाई 11 जून तक टाल दी है. मेयर पद से निलंबित होने के बाद सौम्या गुर्जर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अब सुनवाई शुक्रवार को होगी.

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सौम्या गुर्जर की याचिका पर सुनवाई
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Published : Jun 10, 2021, 1:48 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने ग्रेटर नगर निगम की निलंबित मेयर (Suspended Mayor of Greater Municipal Corporation) सौम्या गुर्जर की ओर से निलंबन प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका पर 11 जून तक सुनवाई टाल दी है. न्यायाधीश पंकज भंडारी (Judge Pankaj Bhandari) और न्यायाधीश सीके सोनगरा (Judge CK Sonagara) की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार (State Government) की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई टाली दी.

सौम्या गुर्जर (Soumya Gurjar) की ओर से याचिका में कहा गया है कि निगम आयुक्त की ओर से राज्य सरकार को भेजी शिकायत और दर्ज कराई गई एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम ही नहीं है. इसके अलावा राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (Senior IAS officer) से जुडे़ प्रकरण की जांच आरएएस अधिकारी को सौंप दी है. जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया है. जब याचिकाकर्ता ने समय मांगा तो जांच अधिकारी ने इसे ही याचिकाकर्ता का जवाब मानते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी.

यह भी पढ़ें- महापौर-पार्षद निलंबन मामला : BJP विधायकों की दूरी पाटने में जुटे संगठन महामंत्री, विधायकों ने जताई नाराजगी

वहीं जांच रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने तत्काल न्यायिक जांच के आदेश देते हुए याचिकाकर्ता को महापौर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया. राज्य सरकार को निलंबन का अधिकार तो है, लेकिन वह तय प्रक्रिया अपनाकर ही कार्रवाई कर सकती है. राज्य सरकार की याचिकाकर्ता को निलंबित करने की प्रक्रिया गलत है. इसलिए उनके निलंबन की प्रक्रिया और निलंबन आदेश को रद्द किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने ग्रेटर नगर निगम की निलंबित मेयर (Suspended Mayor of Greater Municipal Corporation) सौम्या गुर्जर की ओर से निलंबन प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका पर 11 जून तक सुनवाई टाल दी है. न्यायाधीश पंकज भंडारी (Judge Pankaj Bhandari) और न्यायाधीश सीके सोनगरा (Judge CK Sonagara) की खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार (State Government) की ओर से जवाब पेश करने के लिए समय मांगा गया. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई टाली दी.

सौम्या गुर्जर (Soumya Gurjar) की ओर से याचिका में कहा गया है कि निगम आयुक्त की ओर से राज्य सरकार को भेजी शिकायत और दर्ज कराई गई एफआईआर में याचिकाकर्ता का नाम ही नहीं है. इसके अलावा राज्य सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (Senior IAS officer) से जुडे़ प्रकरण की जांच आरएएस अधिकारी को सौंप दी है. जांच अधिकारी ने याचिकाकर्ता को जवाब देने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया है. जब याचिकाकर्ता ने समय मांगा तो जांच अधिकारी ने इसे ही याचिकाकर्ता का जवाब मानते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी.

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वहीं जांच रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने तत्काल न्यायिक जांच के आदेश देते हुए याचिकाकर्ता को महापौर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया. राज्य सरकार को निलंबन का अधिकार तो है, लेकिन वह तय प्रक्रिया अपनाकर ही कार्रवाई कर सकती है. राज्य सरकार की याचिकाकर्ता को निलंबित करने की प्रक्रिया गलत है. इसलिए उनके निलंबन की प्रक्रिया और निलंबन आदेश को रद्द किया जाए.

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