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पानी की तलाश में जंगल से बाहर निकले पैंथर की सड़क दुर्घटना में मौत - पैंथर की मौत

प्रदेश में लगातार हो रही पैंथर्स की मौत को रोकने के लिए वन विभाग को एक ऐसी कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है. जिससे जंगलों में ही पैंथरों को पर्याप्त पानी और भोजन मिल सके.

पैंथर की सड़क दुर्घटना में मौत
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Published : May 20, 2019, 6:50 PM IST


जयपुर. जंगलों में बढ़ती पैंथर की तादात वन विभाग के लिए चुनौती बन गई है. आए दिन प्रदेश में एक के बाद एक पैंथर की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी है. क्योंकि जंगलों में पैंथर को पानी और भोजन पर्याप्त नहीं मिल पा रहा. पानी और भोजन की तलाश में पैंथर आबादी क्षेत्रों की तरफ रुख कर रहे हैं. ऐसे में रविवार रात एक पैंथर भी बस्सी इलाके के आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच गया. जहां आगरा हाईवे पर एक ट्रक की चपेट में आने से पैंथर की मौके पर ही मौत हो गई.

जयपुर आगरा हाईवे 21 पर पैंथर की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग और स्थानीय थाने को सूचना दी. कई घंटों बाद वनकर्मी मौके पर पहुंचे और पैंथर के शव को कब्जे में लेकर वन विभाग की चौकी पर पहुंचाया. इसके बाद पैंथर के शव को जयपुर जू लाया गया. जहां पर पोस्टमार्टम करवाकर पैंथर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

ट्रक की चपेट में आने से पैंथर की मौत
स्थानीय निवासी योगेश गुप्ता ने बताया कि रविवार रात को तीन पैंथर पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र की ओर आ गया था. इसके बाद आगरा हाईवे पर एक पैंथर ट्रक की चपेट में आ गया. जिससे पैंथर की मौके पर मौत हो गई. साथ में आए दो पैंथर जंगल की ओर भाग गए. इससे पहले भी एक पैंथर की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी. इलाके में लगातार पैंथर पानी और भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों की तरफ आते रहते है.

पैंथर की सड़क दुर्घटना में मौत

15 दिन पहले भी दिल्ली हाईवे पर हुई थी पैंथर की मौत
आपको बता दें कि 15 दिन पहले भी दिल्ली हाईवे पर ट्रक की चपेट में आने से एक पैंथर की मौत हो गई थी. झालाना लेपर्ड प्रोजेक्ट में बढ़ती पैंथर की संख्या भी वन विभाग के लिए एक चुनौती बन गई है. बघेरों का आपसी संघर्ष और पानी की कमी आबादी क्षेत्रों की तरफ जाने को मजबूर कर रही है. इसी तरह बीती रात भी पैंथर जंगल से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंचा था जहां पर सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. दूसरी तरफ प्रदेश में लगातार हो रही पैंथरों की मौत को रोकने के लिए वन विभाग को एक ऐसी कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है.जिससे जंगलों में ही पैंथर्स को पर्याप्त पानी और भोजन मिल सकें.


जयपुर. जंगलों में बढ़ती पैंथर की तादात वन विभाग के लिए चुनौती बन गई है. आए दिन प्रदेश में एक के बाद एक पैंथर की मौत की घटनाएं सामने आ चुकी है. क्योंकि जंगलों में पैंथर को पानी और भोजन पर्याप्त नहीं मिल पा रहा. पानी और भोजन की तलाश में पैंथर आबादी क्षेत्रों की तरफ रुख कर रहे हैं. ऐसे में रविवार रात एक पैंथर भी बस्सी इलाके के आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच गया. जहां आगरा हाईवे पर एक ट्रक की चपेट में आने से पैंथर की मौके पर ही मौत हो गई.

जयपुर आगरा हाईवे 21 पर पैंथर की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग और स्थानीय थाने को सूचना दी. कई घंटों बाद वनकर्मी मौके पर पहुंचे और पैंथर के शव को कब्जे में लेकर वन विभाग की चौकी पर पहुंचाया. इसके बाद पैंथर के शव को जयपुर जू लाया गया. जहां पर पोस्टमार्टम करवाकर पैंथर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

ट्रक की चपेट में आने से पैंथर की मौत
स्थानीय निवासी योगेश गुप्ता ने बताया कि रविवार रात को तीन पैंथर पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र की ओर आ गया था. इसके बाद आगरा हाईवे पर एक पैंथर ट्रक की चपेट में आ गया. जिससे पैंथर की मौके पर मौत हो गई. साथ में आए दो पैंथर जंगल की ओर भाग गए. इससे पहले भी एक पैंथर की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी. इलाके में लगातार पैंथर पानी और भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों की तरफ आते रहते है.

पैंथर की सड़क दुर्घटना में मौत

15 दिन पहले भी दिल्ली हाईवे पर हुई थी पैंथर की मौत
आपको बता दें कि 15 दिन पहले भी दिल्ली हाईवे पर ट्रक की चपेट में आने से एक पैंथर की मौत हो गई थी. झालाना लेपर्ड प्रोजेक्ट में बढ़ती पैंथर की संख्या भी वन विभाग के लिए एक चुनौती बन गई है. बघेरों का आपसी संघर्ष और पानी की कमी आबादी क्षेत्रों की तरफ जाने को मजबूर कर रही है. इसी तरह बीती रात भी पैंथर जंगल से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंचा था जहां पर सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. दूसरी तरफ प्रदेश में लगातार हो रही पैंथरों की मौत को रोकने के लिए वन विभाग को एक ऐसी कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है.जिससे जंगलों में ही पैंथर्स को पर्याप्त पानी और भोजन मिल सकें.

Intro:जयपुर
एंकर- जंगलों में बढ़ती पैंथरो की तादात वन विभाग के लिए चुनौती बन गई है। आए दिन प्रदेश में एक के बाद एक पैंथरो की मौत के मामले सामने आ रहे हैं। जंगलों में बघेरो को पानी और भोजन पर्याप्त नहीं मिल पा रहा। पानी और भोजन की तलाश में पैंथर आबादी क्षेत्रों की तरफ रुख कर रहे हैं। बीती रात एक पैंथर पानी और भोजन की तलाश में बस्सी इलाके के आबादी क्षेत्र में पहुंच गया। जहा आगरा हाईवे पर एक ट्रक की चपेट में आने से पैंथर की मौके पर ही मौत हो गई।


Body:आगरा हाईवे पर पैंथर की मौत होने के बाद स्थानीय लोगों ने वन विभाग और स्थानीय थाने को सूचना दी। कई घंटों बाद वन कर्मी मौके पर पहुंचे और पैंथर के शव को कब्जे में लेकर वन विभाग की चौकी पर पहुंचाया। इसके बाद पैंथर के शव को जयपुर जू लाया गया जहां पर पोस्टमार्टम करवाकर पैंथर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
स्थानीय निवासी योगेश गुप्ता ने बताया कि रविवार रात को तीन पैंथर पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र की ओर आ गए थे। इसके बाद आगरा हाईवे पर एक पैंथर ट्रक की चपेट में आ गया। जिससे पैंथर की मौके पर मौत हो गई। साथ में आए दो पैंथर जंगल की ओर भाग गए। इससे पहले भी एक पैंथर की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। इलाके में लगातार पैंथर पानी और भोजन की तलाश में आबादी क्षेत्रों की तरफ आ रहे हैं।
बता दे कि 15 दिन पहले भी दिल्ली हाईवे पर ट्रक की चपेट में आने से एक पैंथर की मौत हो गई थी।
झालाना लेपर्ड प्रोजेक्ट में बढ़ती पैंथरो की संख्या भी वन विभाग के लिए एक चुनौती बन गई है। बघेरो का आपसी संघर्ष और पानी की कमी आबादी क्षेत्रों की तरफ जाने को मजबूर कर रही है। इसी तरह बीती रात भी पैंथर जंगल से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंचा था जहां पर सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। पहले भी कई पैंथर पानी और भोजन की तलाश में जंगलों से बाहर निकल चुके हैं। प्रदेश में लगातार पैंथरों के आपसी संघर्ष और पानी-भोजन की कमी से मौत होने के मामले सामने आ रहे हैं।



Conclusion:प्रदेश में लगातार हो रही पैंथरो की मौत को रोकने के लिए वन विभाग को एक ऐसी कार्य योजना तैयार करने की जरूरत है। जिससे जंगलों में ही पैंथरों को पर्याप्त पानी और भोजन मिल सके।

पीटीसी- उमेश सैनी
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