जयपुर. राजस्थान में नई शिक्षा नीति को लेकर चर्चा हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति प्रदेश में लागू होगी या नहीं यह अभी तय नहीं है. शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को एग्जामिन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. उस कमेटी के निर्णय के आधार पर ही देखा जाएगा कि इसे प्रदेश में लागू किया जाए या नहीं.
इस मामले पर बोलते हुए शुक्रवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नई शिक्षा नीति का जो ड्राफ्ट आया है वह साल 1964, 1968 और उसके बाद साल 1986 में जो राजीव गांधी के समय पर शिक्षा नीति आई थी उसी के इर्द-गिर्द घूम रही है.
उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति के जरिए प्रधानमंत्री मोदी यह साबित करना चाहते हैं कि वह नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं, लेकिन प्रदेश में हमने एक कमेटी का गठन किया है जो एग्जामिन कर रही है. यह हमारे स्टेट के अनुरूप होगा तो उसे हम मानेंगे, हमें लगेगा कि हमारे स्टेट के अनुकूल नहीं है तो हम उस पर ऑब्जेक्शन भी करेंगे. यह सब लोगों की राय जानकर कदम उठाया जाएगा.
शिक्षा मंत्री ने केंद्र की इस बात पर भी ऐतराज जताया कि एकदम से इस तरह की पॉलिसी लाना और स्टेट को लिमिटेड समय देना गलत है. हर स्टेट का भौगोलिक स्तर और वहां के बच्चों का मेंटल स्टेटस अलग-अलग होता है. इन सब बातों को एग्जामिन करने के बाद वही काम करेंगे जो हमारे बच्चों के हित में होगा. वहीं मंत्री डोटासरा ने कहा कि जो नई शिक्षा नीति आ रही है उसे लेकर हम चाहते हैं कि नई शिक्षा नीति में दोबारा भविष्य में कोई राजनीति ना कर सके.