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'नई शिक्षा नीति हमारे अनुरूप हुई तो लागू होगी...नहीं तो हम ऑब्जेक्शन भी कर सकते हैं'

केंद्र की नई शिक्षा नीति को लेकर राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि यह कोई नई बात नहीं है, इस ड्राफ्ट को पहले भी लाया जा चुका है.

नई शिक्षा नीति पर मंत्री डोटासरा का बयान
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Published : Jun 21, 2019, 11:57 PM IST

जयपुर. राजस्थान में नई शिक्षा नीति को लेकर चर्चा हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति प्रदेश में लागू होगी या नहीं यह अभी तय नहीं है. शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को एग्जामिन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. उस कमेटी के निर्णय के आधार पर ही देखा जाएगा कि इसे प्रदेश में लागू किया जाए या नहीं.

इस मामले पर बोलते हुए शुक्रवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नई शिक्षा नीति का जो ड्राफ्ट आया है वह साल 1964, 1968 और उसके बाद साल 1986 में जो राजीव गांधी के समय पर शिक्षा नीति आई थी उसी के इर्द-गिर्द घूम रही है.

नई शिक्षा नीति पर मंत्री डोटासरा का बयान

उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति के जरिए प्रधानमंत्री मोदी यह साबित करना चाहते हैं कि वह नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं, लेकिन प्रदेश में हमने एक कमेटी का गठन किया है जो एग्जामिन कर रही है. यह हमारे स्टेट के अनुरूप होगा तो उसे हम मानेंगे, हमें लगेगा कि हमारे स्टेट के अनुकूल नहीं है तो हम उस पर ऑब्जेक्शन भी करेंगे. यह सब लोगों की राय जानकर कदम उठाया जाएगा.

शिक्षा मंत्री ने केंद्र की इस बात पर भी ऐतराज जताया कि एकदम से इस तरह की पॉलिसी लाना और स्टेट को लिमिटेड समय देना गलत है. हर स्टेट का भौगोलिक स्तर और वहां के बच्चों का मेंटल स्टेटस अलग-अलग होता है. इन सब बातों को एग्जामिन करने के बाद वही काम करेंगे जो हमारे बच्चों के हित में होगा. वहीं मंत्री डोटासरा ने कहा कि जो नई शिक्षा नीति आ रही है उसे लेकर हम चाहते हैं कि नई शिक्षा नीति में दोबारा भविष्य में कोई राजनीति ना कर सके.

जयपुर. राजस्थान में नई शिक्षा नीति को लेकर चर्चा हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति प्रदेश में लागू होगी या नहीं यह अभी तय नहीं है. शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को एग्जामिन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. उस कमेटी के निर्णय के आधार पर ही देखा जाएगा कि इसे प्रदेश में लागू किया जाए या नहीं.

इस मामले पर बोलते हुए शुक्रवार को शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नई शिक्षा नीति का जो ड्राफ्ट आया है वह साल 1964, 1968 और उसके बाद साल 1986 में जो राजीव गांधी के समय पर शिक्षा नीति आई थी उसी के इर्द-गिर्द घूम रही है.

नई शिक्षा नीति पर मंत्री डोटासरा का बयान

उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति के जरिए प्रधानमंत्री मोदी यह साबित करना चाहते हैं कि वह नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं, लेकिन प्रदेश में हमने एक कमेटी का गठन किया है जो एग्जामिन कर रही है. यह हमारे स्टेट के अनुरूप होगा तो उसे हम मानेंगे, हमें लगेगा कि हमारे स्टेट के अनुकूल नहीं है तो हम उस पर ऑब्जेक्शन भी करेंगे. यह सब लोगों की राय जानकर कदम उठाया जाएगा.

शिक्षा मंत्री ने केंद्र की इस बात पर भी ऐतराज जताया कि एकदम से इस तरह की पॉलिसी लाना और स्टेट को लिमिटेड समय देना गलत है. हर स्टेट का भौगोलिक स्तर और वहां के बच्चों का मेंटल स्टेटस अलग-अलग होता है. इन सब बातों को एग्जामिन करने के बाद वही काम करेंगे जो हमारे बच्चों के हित में होगा. वहीं मंत्री डोटासरा ने कहा कि जो नई शिक्षा नीति आ रही है उसे लेकर हम चाहते हैं कि नई शिक्षा नीति में दोबारा भविष्य में कोई राजनीति ना कर सके.

Intro:नई शिक्षा नीति अगर राजस्थान के विद्यार्थियों के अनुरूप हुई तो ही लागू हो गई प्रदेश में शिक्षा नीति को लेकर बनाई गई कमेटी वह कमेटी ही तय करेगी यह क्या राजस्थान के लिए हितकारी होगी प्रधानमंत्री मोदी की नई शिक्षा नीति - शिक्षा मंत्री


Body:जयपुर।
राजस्थान में नई शिक्षा नीति को लेकर चर्चा हो रही है लेकिन केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति प्रदेश में लागू होगी या नहीं यह अभी तय नहीं है शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट को एग्जामिन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है उस कमेटी के निर्णय के आधार पर ही देखा जाएगा कि इसे राजस्थान में लागू किया जाए या नहीं इस मामले पर बोलते हुए आज शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की नई शिक्षा नीति का जो ड्राफ्ट आया है साल 1964 साल 1968 और उसके बाद साल 1986 में जो राजीव गांधी के समय पर शिक्षा नीति आई थी उसी के इर्द-गिर्द घूम रही है शिक्षा नीति के जरिए प्रधानमंत्री मोदी यह साबित करना चाहते हैं कि वह नई शिक्षा नीति लेकर आए है लेकिन प्रदेश में हमने एक कमेटी का गठन किया है जो एग्जामिन कर रही है जो हमारे स्टेट के अनुरूप होगा उसे हम मानेंगे जो हमें लगेगा कि हमारे स्टेट के अनुकूल नहीं है हम उस पर ऑब्जेक्शन भी करेंगे यह सब लोगों की राय देकर कदम उठाया जाएगा शिक्षा मंत्री ने केंद्र की इस बात पर भी ऐतराज जताया की एकदम से इस तरह की पॉलिसी लाना और स्टेट को लिमिटेड समय देना यह गलत है हर स्टेट का भौगोलिक स्तर और वहां के बच्चों का मेंटल स्टेटस अलग अलग होता है इन सब बातों को एग्जामिन करने के बाद वही काम करेंगे जो हमारे बच्चों के हित में होगा
वही मंत्री डोटासरा ने कहा की जो नई शिक्षा नीति आ रही है उसे लेकर हम चाहते हैं कि नई शिक्षा नीति मैं दोबारा भविष्य में कोई राजनीति ना कर सके उसके लिए ठोस कार्य नीति कर बनाई हुई हो
वाइट गोविंद डोटासरा शिक्षा मंत्री




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