कोटा. शहर में अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन ने एक टीम को गठित किया. जो बाल विवाह की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंची. लेकिन बार-बार जगह बदलने को लेकर परेशान हो गई. लेकिन जब मौके पर पहुंची टीम ने देखा तो जब तक बाल विवाह हो चुका था.जिसके बाद टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा.
दरअसल, बाल विवाह की सूचना के आधार पर टीम ने आर के पुरम थाना को सूचित किया. लेकिन आर के पुरम पुलिस बताए गए स्थान पर पहुंचती उससे पहले ही बाल विवाह का स्थान बदल दिया. वापस कॉलर की सूचना पर टीम दादाबाड़ी थाने के पुलिसकर्मियों के साथ एक से डेढ़ घंटे तक ढूंढते हुए मौके पर पहुंची.
वहां पर सिर्फ बच्चे मिले बाद में परिजन आने पर परिजनों ने बताया कि बाल विवाह तो हो गया. वहीं जिला बाल संरक्षण इकाई के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने आर के पुरम थाने की कार्यशैली पर कई आरोप लगाए, साथ ही कहा कि बाल विवाह के संबंध में जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.