जयपुर. ऐसे लोग जो सोशल मीडिया (social media) के विभिन्न प्लेटफार्म का इस्तेमाल सांप्रदायिक सौहार्द (communal harmony) बिगाड़ने के लिए या फिर किसी तरह का विवाद उत्पन्न करने के लिए करते हैं उनके खिलाफ पुलिस द्वारा आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है. हाल ही में राजधानी के मालवीय नगर थाने में यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी (UPA Chairperson Sonia Gandhi) की तस्वीर के पीछे रखी किताब को फोटोशॉप (Photoshop) के जरिए एडिट कर विवाद उत्पन्न करने के लिए एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल किया गया, जिसको लेकर आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है. पुलिस आईपीसी की विभिन्न धाराओं के साथ ही आईटी एक्ट के अलग-अलग सेक्शन में कार्रवाई करती है, जिसमें सजा के साथ जुर्माना राशि का प्रावधान है.
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जयपुर पुलिस की आईटी सेल लगातार सोशल नेटवर्किंग साइट के विभिन्न प्लेटफार्म पर निगरानी रखती है. ऐसी कोई भी पोस्ट जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का काम करे, किसी धर्म पर टिप्पणी कर विवाद खड़ा करे या फिर किसी व्यक्ति की छवि धूमिल करने का काम करे उस पर तुरंत एक्शन लिया जाता है. कोतवाली थाना अधिकारी विक्रम सिंह चारण ने बताया कि ऐसे लोग जो सोशल नेटवर्किंग साइट को एक जरिया बनाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने या फिर किसी धर्म पर टिप्पणी कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने या फिर किसी व्यक्ति की छवि धूमिल करने का काम करते हैं, उनके खिलाफ पुलिस द्वारा अलग-अलग धाराओं में कार्रवाई की जाती है, जिसमें 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान और 1 लाख रुपए की जुर्माना राशि का प्रावधान है.
आईपीसी और आईटी एक्ट की इन धाराओं में की जाती है कार्रवाई
कोतवाली थाना अधिकारी विक्रम सिंह चारण ने बताया कि धर्म के नाम पर किसी तरह की विवादित पोस्ट करने पर और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने पर आईपीसी की धारा 153 ए के तहत पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाती है, जिसके तहत 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. इसी प्रकार से यदि किसी व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया पर किसी धर्म पर टिप्पणी करते हुए लोगों की धार्मिक भावनाओं की जाती है तो उसमें पुलिस द्वारा आईपीसी की धारा 295 ए के तहत कार्रवाई की जाती है, जिसमें भी 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है. इसी प्रकार से आईटी एक्ट की धारा 66 सी और 66 डी के तहत भी किसी फोटो को एडिट कर पेश करने और किसी व्यक्ति की छवि धूमिल करने पर कार्रवाई की जाती है. इसमें भी 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान और 1 लाख रुपए की जुर्माना राशि का प्रावधान है.