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टोंक: बनास में माफियाओं और पुलिस के गठजोड़ से एसीबी ने उठाया पर्दा...Exclusive

पहले शक था. लेकिन अब ये जगजाहिर हो गया है कि बनास में बजरी माफियाओं को टोंक पुलिस की शह है. जिसका खुलासा खुद एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह से ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान किया.

बनास में पुलिस के गठजोड़ से एसीबी ने उठाया पर्दा
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Published : May 18, 2019, 8:41 PM IST

टोंक. बनास का सीना छलनी करने में जितना खनन माफियाओं का हाथ है. उतना ही खाकी भी इसकी बराबर की गुनहगार है. बनास में हो रहे अवैध बजरी खनन में पुलिस की माफियाओं को शह अब जगजाहिर हो गई है. जैसे का एसीबी की कार्रवाई में साफ हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बनास नदी से चल रहे अवैध बजरी परिवहन के गोरखधंधे में पुलिस की मिलीभगत है.

बनास में पुलिस के जंगल राज पर एसीबी का डंडा उस वक्त चला. जब टीम ने कांस्टेबल को बजरी के वाहन पास कराने के मामले में एन्ट्री के रूप में घूस लेते हुए दबोच लिया. जिसके बाद टोंक की बनास नदी में बजरी खनन में पुलिस की हिस्सेदारी सबके सामने आ गई. वहीं अब एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह ने ईटीवी भारत के साथ पुलिस और बजरी माफियाओं के गठजोड़ की परतों पर से भी पर्दा उठा दिया. सुनिए क्या कहा....

एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह से खास बातचीत

बनास में पुलिस के गठजोड़ से एसीबी ने उठाया पर्दा

एक थाने की, एक रात की कमाई 1.50 से 2 लाख तक
दरअसल, टोंक की बनास में सुप्रीम कोर्ट की रोक बेअसर साबित हो रही थी. बजरी खनन को लेकर एसीबी को लगातार शिकायतें मिल रही थी. जब कार्रवाई पर निकले एसीबी के अधिकारी-कर्मचारी तो निशाने पर टोंक पुलिस का नेटवर्क था. सामने आया कि एक थाने की कमाई एक रात की डेढ़ से दो लाख है. टोंक जिले में बजरी खनन वाले कुल थाने 10 है. अब खुद सोचिए ये नेटवर्क करोड़ों की कमाई कर कैसे चांदी कूट रहे थे.

एसीबी ने कांस्टेबल को वसूली करते रंगे हाथों दबोचा
एसीबी ने पीपलू थानेदार के लिए हर रात बजरी के वाहनों से उगाही करने वाले पुलिस कांस्टेबल को जब रंगे हाथों किया. गिरफ्तार कांस्टेबल के कब्जे से 1 लाख 46 हजार 500 रुपये मिले. जो सिर्फ एक रात की कमाई थी. वह पीपलू थाने की पकड़े गए कांस्टेबल कैलाश जाट ने कई राज खोले. उसने बताया कि वो एक महीने में 40 लाख रुपये थानेदार को दे चुका था. दूसरी तरफ कार्रवाई के बाद भले ही भनक लगने से थानेदार थाना छोड़कर भाग खड़ा हुआ हो. लेकिन मोबाइल रिकॉर्ड से अब कई राज खुलने बाकी है.


अभी कई और राज से पर्दा उठना बाकी
फिलहाल एसीबी इस पूरे नेटवर्क को ब्रेक करने में जुटी है. यहीं नहीं सबसे बड़ा खुलासा यह हो रहा है कि बजरी के थानों पर एक जाति विशेष के अधिकारियों और पुलिस वालों को नियुक्तियां दी जाती थी. एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह ने ईटीवी भारत के साथ कई राज के पर्दा उठाया है. अभी पुलिस की बजरी के खेल में मिलीभगत के कई महत्वपूर्ण राज पर बड़े खुलासे का इंतजार है.

हालांकि टोंक की बनास में बजरी का खेल किसी से छिपा नहीं है. इस खेल में पूरा पुलिस महकमा ऊपर से नीचे तक मिला है. एक तरफ इस राज से तो एसीबी ने पर्दा उठा दिया.लेकिन अब देखने वाली बात यह है कि आखिर बड़े अधिकारियों पर राजस्थान पुलिस और सरकार क्या एक्शन लेती है. टोंक पुलिस के अधिकारियों के पास हर रात लाखों रुपयों की रकम पहुंचता है. जो एक महीने में करोड़ों का आंकड़ा पहुंच जाता है. फिलहाल एसीबी के निशाने पर कई और खाकीधारी भी हैं.

टोंक. बनास का सीना छलनी करने में जितना खनन माफियाओं का हाथ है. उतना ही खाकी भी इसकी बराबर की गुनहगार है. बनास में हो रहे अवैध बजरी खनन में पुलिस की माफियाओं को शह अब जगजाहिर हो गई है. जैसे का एसीबी की कार्रवाई में साफ हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बनास नदी से चल रहे अवैध बजरी परिवहन के गोरखधंधे में पुलिस की मिलीभगत है.

बनास में पुलिस के जंगल राज पर एसीबी का डंडा उस वक्त चला. जब टीम ने कांस्टेबल को बजरी के वाहन पास कराने के मामले में एन्ट्री के रूप में घूस लेते हुए दबोच लिया. जिसके बाद टोंक की बनास नदी में बजरी खनन में पुलिस की हिस्सेदारी सबके सामने आ गई. वहीं अब एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह ने ईटीवी भारत के साथ पुलिस और बजरी माफियाओं के गठजोड़ की परतों पर से भी पर्दा उठा दिया. सुनिए क्या कहा....

एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह से खास बातचीत

बनास में पुलिस के गठजोड़ से एसीबी ने उठाया पर्दा

एक थाने की, एक रात की कमाई 1.50 से 2 लाख तक
दरअसल, टोंक की बनास में सुप्रीम कोर्ट की रोक बेअसर साबित हो रही थी. बजरी खनन को लेकर एसीबी को लगातार शिकायतें मिल रही थी. जब कार्रवाई पर निकले एसीबी के अधिकारी-कर्मचारी तो निशाने पर टोंक पुलिस का नेटवर्क था. सामने आया कि एक थाने की कमाई एक रात की डेढ़ से दो लाख है. टोंक जिले में बजरी खनन वाले कुल थाने 10 है. अब खुद सोचिए ये नेटवर्क करोड़ों की कमाई कर कैसे चांदी कूट रहे थे.

एसीबी ने कांस्टेबल को वसूली करते रंगे हाथों दबोचा
एसीबी ने पीपलू थानेदार के लिए हर रात बजरी के वाहनों से उगाही करने वाले पुलिस कांस्टेबल को जब रंगे हाथों किया. गिरफ्तार कांस्टेबल के कब्जे से 1 लाख 46 हजार 500 रुपये मिले. जो सिर्फ एक रात की कमाई थी. वह पीपलू थाने की पकड़े गए कांस्टेबल कैलाश जाट ने कई राज खोले. उसने बताया कि वो एक महीने में 40 लाख रुपये थानेदार को दे चुका था. दूसरी तरफ कार्रवाई के बाद भले ही भनक लगने से थानेदार थाना छोड़कर भाग खड़ा हुआ हो. लेकिन मोबाइल रिकॉर्ड से अब कई राज खुलने बाकी है.


अभी कई और राज से पर्दा उठना बाकी
फिलहाल एसीबी इस पूरे नेटवर्क को ब्रेक करने में जुटी है. यहीं नहीं सबसे बड़ा खुलासा यह हो रहा है कि बजरी के थानों पर एक जाति विशेष के अधिकारियों और पुलिस वालों को नियुक्तियां दी जाती थी. एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह ने ईटीवी भारत के साथ कई राज के पर्दा उठाया है. अभी पुलिस की बजरी के खेल में मिलीभगत के कई महत्वपूर्ण राज पर बड़े खुलासे का इंतजार है.

हालांकि टोंक की बनास में बजरी का खेल किसी से छिपा नहीं है. इस खेल में पूरा पुलिस महकमा ऊपर से नीचे तक मिला है. एक तरफ इस राज से तो एसीबी ने पर्दा उठा दिया.लेकिन अब देखने वाली बात यह है कि आखिर बड़े अधिकारियों पर राजस्थान पुलिस और सरकार क्या एक्शन लेती है. टोंक पुलिस के अधिकारियों के पास हर रात लाखों रुपयों की रकम पहुंचता है. जो एक महीने में करोड़ों का आंकड़ा पहुंच जाता है. फिलहाल एसीबी के निशाने पर कई और खाकीधारी भी हैं.

Intro:नोट- एसीबी के एडिशनल एसपी ने ETV BHARAT से वन टू वन में खोले है पुलिस मिलीभगत के राज,इस लिए फिड 4 मिनट की है और यह एककलुसिव है।

बनास में पुलिस का जंगल राज।

एंकर :-एसीबी की सबसे बड़ी कार्यवाही के बाद टोंक बनास में बजरी खनन में पुलिस की भागीदारी हो गई जगजाहिर ओर लग गया खाकी पर कभी न मिटने वाला दाग,बनास में बजरी माफियाओ ओर पुलिस की साठ-गांठ से उड़ाई जा रही थी सुप्रीम कोर्ट के राजस्थान में बजरी खनन पर रोक के आदेशों की हवा,माफियाओ ओर लठैतों का डर इतना कि एसीबी को भी जयपुर से मंगवाना पड़ा जाप्ता, बनास में जंगल राज की कहानी सुनिये उस जांबाज अधिकारी की जुबानी जिसने खोल कर रख दी पुलिस की पोल।


Body:वीओ 01 टोंक की बनास में सुप्रीम कोर्ट की रोक बेअसर थी बजरी खनन को लेकर एसीबी को मिल रही थी शिकायते जब कार्यवाही पर निकले एसीबी के अधिकारी-कर्मचारी तो दहशत के साये में पर निशाने पर था टोंक पुलिस का नेटवर्क को बजरी के3 खेल में दलदल में लिप्त था एक थाने की कमाई वह भी एक रात की डेढ़ से दो लाख ओर टोंक जिले में बजरी खनन वाले कुल थाने है 10 अब खुद सोचिए करोड़ो की कमाई का बन चुका था नेटवर्क,एसीबी ने पीपलू थानेदार के लिए हर रात बजरी के वाहनों से उगाई करने वाले पुलिस कॉन्स्टेबल को जब रंगे हाथों किया गिरिफ्तार तो उसके कब्जे से मिले 1 लाख 46 हजार 500 रुपये जी हां एक रात की कमाई थी वह पीपलू थाने की पकड़े गए कॉन्स्टेबल कैलाश जाट ने खोला राज की वह एक महीने में 40 लाख रुपये दे चुका था थानेदार को,कार्यवाही के बाद भले ही भनक लगने से थानेदार थानां छोड़कर भाग छुटा हो पर मोबाइल रिकॉर्ड से अब कई राज खुलने बाकी है और एसीबी इस पूरे नेटवर्क को ब्रेक करने में जुटी है,यही नही सबसे बड़ा खुलासा यह हो रहा है कि बजरी के थानों पर एक जाति विशेष के अधिकारियों और पुलिस वालों को दी जाती थी नियुक्तियां,एसीबी के एडिशनल एसपी विजय सिंह ने ETV BHARAT के साथ खोले है पुलिस की बजरी के खेल में मिली भगत के कई महत्वपूर्ण राज पर इंतजार है बड़े खुलासे का।

वन टू वन विजय सिंह,एसीपी,ACB


Conclusion:वीओ 02 टोंक की बनास में बजरी का खेल किसी से छिपा नही है पर इस खेल में पूरा पुलिस महकमा ऊपर से नीचे तक मिला है इस राज से पर्दा उठा दिया एसीबी ने यही नही अब देखने वाली बात यह है कि आखिर बड़े अधिकारियों पर राजस्थान पुलिस और सरकार क्या कार्यवाही करती है देखने वाली बात यह होगी क्यो की टोंक पुलिस के अधिकारियों के पास हर रात पंहुचता था लाखो रुपया जो एक महीने में हो जाता था करोड़ो में,फिलहाल एसीबी के निशाने पर है कई थाने ओर अधिकारी।

रिपोर्ट।
रविश टेलर,टोंक
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