करौली. जिले में एक पत्नी ने बहादुरी दिखाते हुए पति को मौत के मुंह से बचा लिया. मंडरायल उपखंड से गुजरने वाली चंबल नदी में एक पशुपालक को मगरमच्छ ने दबोच लिया. मगरमच्छ युवक को पानी में खींचकर ले जा रहा था लेकिन तभी कुछ दूर पर मौजूद पत्नी ने उसकी चीख सुन ली औऱ लाठी लेकर दौड़ पड़ी. पती के प्राण बचाने के लिए निडर महिला ने लाठी लेकर मगरमच्छ पर हमला बोल दिया और कई वार किए जिसके बाद वह युवक को छोड़कर पानी में चला गया.
पत्नी की बहादुरी से पशुपालक की जान बच गई. हालांकि मगरमच्छ के हमले में पशुपालक के पांव में गंभीर चोटें आई हैं. जिला अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. घटना की जानकारी सोशल मीडिया पर आने बाद हर कोई पशुपालक की पत्नी के साहस औऱ बहादुरी की प्रशंसा कर रहे हैं.
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मंगलवार को पशुपालक बनी सिंह मीणा (29) निवासी केमकच्छ बकरियों को चंबल नदी में पानी पिलाने के लिए गया था. तभी पशुपालक को भी प्यास लगी और वह खुद भी चंबल के किनारे बैठकर पानी पीने लगा. तभी अचानक नदी से मगरमच्छ निकलकर आ गया और पशुपालक पर हमला बोल दिया. मगरमच्छ ने पशुपालक बनी सिंह के पैर अपने जबड़ों में जकड़ लिए और उसे पानी में खींचने लगा. कुछ दूर पर मौजूद उसकी पत्नी विमला बाई ने पति की चीख पुकार सुनी तो भागकर पहुंची. विमला बाई ने हिम्मत दिखाते हुए मगरमच्छ पर डंडे से हमला बोल दिया. विमला ने कई बार वार किया तो मगरमच्छ ने बनी सिंह को छोड़ दिया और वापस नदी में चला गया.
शोर शराबे पर ग्रामीण भी पहुंच गए और घायल पशुपालक को मंडरायल सीएचसी में भर्ती कराया जहां हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया जहां उसका इलाज चल रहा है. इधर, ग्रामीणों का कहना है की कैमकच्छ घाट पर मगरमच्छों का इतना आतंक है कि सालभर के अंदर कई पशु पालक और पशुओं को उसने घायल कर दिया है तो कई पशुओं का शिकार भी कर लिया है.
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सोशल मिडिया पर विमला बाई की चर्चा
विमला बाई की बहादुरी की खबर तेजी से ग्रामीणों में फैल गई कि किस प्रकार उसने साहस दिखाते हुए डंडे के बल पर मगरमच्छ से अपने पति की जान बचाई. खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर भी विमला बाई की बहादुरी के चर्चे हो रहे हैं. लोग बहादुर विमला की प्रशंसा और सराहना कर रहे हैं. लोग सोशल मीडिया पर प्रशासन को विमला बाई को सम्मानित करने की भी मांग कर रहे हैं जिससे अन्य महिलाओं में भी हौसला बढ़े. इधर, घायल पशुपालक बनी सिंह ने बताया कि आंखों के सामने मौत थी लेकिन पत्नी ने बचा लिया. पशुपालक ने कहा कि एक पैर मगरमच्छ के जबड़े में था तो दूसरा पैर पानी में था लेकिन पत्नी ने अपनी जान पर खेल कर मुझे बचा लिया.
विमला बोली- मैंने अपना फर्ज निभाया
पशुपालक बनी सिंह की पत्नी विमला का कहना है कि मैंने पत्नी होने का फर्ज निभाया है. विमला ने कहा कि अगर पति को बचाने में मेरी जान भी चली जाती तो परवाह नहीं. पति को मगरमच्छ से बचाकर मैंने भी अपना दूसरा जन्म पाया है. मगरमच्छ मेरे पति को जबड़े से पकड़कर गहरे पानी में ले जा रहा था, लेकिन डंडा लेकर बिना डरे उसपर टूट पड़ी. मुझे यह डर नहीं लगा कि मैं मौत से जंग लड़ रही हूं. मेरे पति अभी घायल हैं लेकिन भगवान से प्रार्थना करती हूं कि जल्द ही वह स्वस्थ हो जाएं.