जयपुर. राजस्थान में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी हमलों के साथ आरोप-पत्यारोप भी लगातार जारी है. सीएम अशोक गहलोत ने अपनी सरकार गिराने का मुद्दा एक बार फिर उठाया. गहलोत ने अपने विधायकों से बीजेपी से लिए 10 से 20 करोड़ रुपए वापस देने की नसीहत दी. साथ ही पीएम मोदी , धर्मेंद्र प्रधान और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सरकार गिराने के आरोप को दोहराया.
गहलोत के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट करते हुए पलटवार किया. शेखावत ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'गहलोत एक नंबर के झूठे हैं. इतने ही सच्चे हैं तो करोड़ों लेने वालों पर केस क्यों नहीं दर्ज कराया अब तक? यह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है, जिसे जीतने के लिए गहलोत हर नाजायज तरीका इस्तेमाल कर रहे हैं. वे अपने विरोधी खेमे को गद्दार साबित करना चाहते हैं'.
विधायकों ने लिए 10 से 20 करोड़ः बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर उनकी सरकार गिराने के आरोपों को दोहराते हुए बीजेपी के केंद्रीय नेताओं को निशाने पर लिया. गहलोत ने धौलपुर में महंगाई राहत कैम्प की सभा के दौरान कहा कि पिछले दिनों जो प्रदेश में सियासी संकट आया था, उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र प्रधान और जोधपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत जिम्मेदार हैं. उन्होंने सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के विधायकों को 10 से 20 करोड़ रुपए दिए थे.
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गहलोत ने अपने विधायकों को नसीहत दी कि वह जो पैसे उन्होंने सरकार गिराने के लिए लिए थे, वह उन्हें वापस दें. अगर उनके पास उन पैसों में से एक दो करोड़ खर्च हो भी गए हैं तो वह उन्हें बताएं. उसके लिए एआईसीसी से बात करके जो पैसा कम पड़ रहा है वह उन्हें दिला देंगे, ताकि बीजेपी के लिए गए पैसों को वापस लौटा सकें. इतना ही नहीं गहलोत ने यह भी कहा था कि वह सिर्फ प्रदेश की जनता की सेवा करना चाहते हैं, बचपन से उनका सपना था कि गरीब जरूरतमंद को तमाम सुविधाएं मिले जिसके वह हकदार हैं.
संजीवनी घोटाले पर भी आमने सामनेः बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच ये कोई पहला मौका नही है जब आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं. इससे पहले गहलोत और शेखवात बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले को लेकर भी आमने सामने होते रहे हैं. गहलोत संजीवनी घोटाले को लेकर कई बार शेखावत पर निशाना साधते हुए यहां तक कहा है कि उन्होंने जो लोगों के पैसे हड़पे हैं, वह जमीन बेचकर उन्हें वापस लौटाएं.
इतना ही नहीं इस मामले में जांच कर रही एजेंसी ने शेखावत को आरोपी भी बनाया है. हालांकि गजेंद्र सिंह शेखवात अपने ऊपर लगे इन आरोपों को हमेशा से ही खारिज करते रहे हैं. शेखवात ने कई बार इस बात को दोहराया कि गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत की हार को पचा नहीं पा रहे हैं , इस कारण इस तरह के झूंठे आरोप लगाते रहे हैं.