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राजस्थान : सीवरेज लाइन में नीचे उतरे MP के तीन मजदूरों की जहरीली गैस से मौत

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Published : Jun 6, 2023, 7:33 PM IST

Updated : Jun 6, 2023, 9:55 PM IST

राजस्थान के कोटा में बालिता रोड पर नई डाली गई सीवरेज लाइन की सफाई व कनेक्शन करने के लिए नीचे उतरे तीन मजदूरों की दर्दनाक मौत का मामला (Three Laborers Died in Kota) सामने आया है. सीवरेज के चेंबर में जहरीली गैस से ही इन मजदूरों की मौत मानी जा रही है.

Madhya Pradesh People Death in Rajasthan
कोटा में बड़ा हादसा
तीन मजदूरों की जहरीली गैस से मौत

कोटा. राजस्थान में कोटा शहर के कुन्हाड़ी थाना इलाके में बालिता रोड पर नई डाली गई सीवरेज लाइन की सफाई व कनेक्शन करने के लिए नीचे उतरे तीन मजदूरों की मंगलवार को दर्दनाक मौत हो गई. सीवरेज के चेंबर में जहरीली गैस से ही इन मजदूरों की मौत मानी जा रही है. इसकी सफाई के लिए चार मजदूरों को नीचे उतारा गया था, अचानक एक के बाद एक बेहोश हो गए, जिसकी सूचना मिलने पर नगर निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और इन्हें निकाला गया था. चारों मजदूर मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के जूनापानी निवासी हैं. घटना के बाद पुलिस ने मौके से काम का सुपर विजन कर रहे हैं. कुलदीप सिंह को हिरासत में ले लिया, साथ ही उसे कुन्हाड़ी थाने ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है.

मामले के अनुसार शाम करीब 4:30 बजे के आसपास इन मजदूरों के अचेत होकर अंदर ही गिरने की सूचना मिली थी, जिसके बाद कुन्हाड़ी थाना पुलिस और नगर निगम की रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई. दोनों मौके पर पहुंचे और नगर निगम कोटा दक्षिण की रेस्क्यू टीम ने अभियान भी शुरू कर दिया. इन लोगों को निकालने के लिए इस दौरान तीन लोगों को अचेत अवस्था में निकाला गया, जबकि एक व्यक्ति को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, जिन्हें तुरंत एंबुलेंस की मदद से एमबीएस अस्पताल भेजा गया. जहां पर 25 वर्षीय कमल कुमार, 24 वर्षीय गालिया व 26 वर्ष किरे सिंह को मृत घोषित कर दिया है. घटना की जानकारी मिलने पर हड़कंप मच गया और राजस्थान अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.

Three Laborers Died in Kota
मौके पर कोटा नगर निगम की रेस्क्यू टीम...

20 मिनट में निकाला टीम ने, जहरीली गैस के चलते मौत : नगर निगम कोटा उत्तर के चीफ फायर ऑफिसर मोहम्मद अजहर खान ने बताया 4:53 पर हमें हादसे की जानकारी मिली थी. जिस पर मौके पर पहुंच कर पूरी सेफ्टी के साथ अभियान छेड़ा गया. सीवरेज के चेंबर में उतारा गया था. करीब 20 फिट नीचे चेंबर में गोताखोर आसिंम हुसैन को ब्रीदिंग अपरेटस पहनाकर उतारा, जिनसे चेंबर में फंसे हुए लोगों को बारी बारी से निकाला है. जहां पर अचेत अवस्था में पड़े तीन मजदूरों को निकाला है. साथ ही एक मजदूर सकुशल था, जिसे भी निकाल लिया गया है. यह काम महज 20 मिनट से भी कम समय में हुआ है. साथ ही उनका कहना है कि जहरीली गैस होने के चलते ही यह लोग अचेत हुए थे और इसी के चलते उनकी जान चली गई है.

पढ़ें : Labourers Buried in debris : रेनोवेशन के दौरान कॉम्प्लेक्स की छत गिरी, 3 मजदूर दबे

पुलिस ने एफएसएल जांच करवाई व दर्ज किया मुकदमा : एडिशनल एसपी प्रवीण जैन का कहना है कि सीवरेज लाइन को लिंक करने के लिए सफाई की जा रही थी. इसलिए मजदूरों को नीचे उतारा गया था. परिजनों की शिकायत पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, जिस पर आगे कार्रवाई की जाएगी. साथ ही अभी देखा जा रहा है कि इस घटना का क्या कारण रहा है. मौके पर एफएसएल टीम को भेज दिया गया है. यह पूरा मामला अनुसंधान का विषय है. तीनों मृतकों के पोस्टमार्टम की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति कौन है या क्या लापरवाही हुई है, यह अनुसंधान का विषय है. इस संबंध में पुलिस पूरी जांच करेगी. परिजनों की शिकायत पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है.

प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के दिए निर्देश : घटना की जानकारी मिलने पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर सिटी बृजमोहन बैरवा और कोटा शहर के एडिशनल एसपी प्रवीण जैन मौके पर पहुंच गए. इसके अलावा आला पुलिस अमला और प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे. आरयूआईडीपी के इंजीनियर को भी मौके पर बुलाया गया, साथ ही सघन जांच इस मामले में शुरू कर दी गई है. एडीएम सिटी बृजमोहन बैरवा का कहना है कि घटना के तुरंत बाद ही हम तीनों मजदूरों को अस्पताल ले आए थे. पूरा पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया था. हालांकि, इन मजदूरों को नहीं बचाया जा सका है. इस पूरे प्रकरण की जांच भी जिला कलेक्टर ओपी बुनकर के निर्देश पर की जाएगी. यह काम आरयूआईडीपी कांट्रेक्टर के जरिए करा रही थी. हाउसहोल्ड में कनेक्शन अब शुरू इस लाइन से होने थे, इसी के लिए साफ-सफाई के लिए यह नीचे लोग उतरे थे.

लगातार होते रहे हैं हादसे : कोटा शहर में आरयूआईडीपी की तरफ से 300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा लागत की सीवरेज लाइनें डाली गई हैं. यह है 500 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी है. इस दौरान करीब आधा दर्जन से ज्यादा हादसे हुए हैं. इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत अब तक हो चुकी है, जिनमें मजदूर व स्थानीय लोगों की मौत भी हुई है. साथ ही सड़कों के खराब होने और कार्यस्थल पर डायवर्टेड रोड को सही नहीं रखने के चलते दुर्घटनाएं भी काफी हुई हैं.

पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल

बीजेपी हुई हमलावर : वहीं, इस पूरे मामले पर बीजेपी हमलावर हो गई है. भाजपा नेताओं ने इस पूरे प्रकरण के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को जिम्मेदार बताया है. पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल मौके पर पहुंचे. उन्होंने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को इन तीनों मौतों के लिए जिम्मेदार बताया, साथ ही कहा कि कामों की आपाधापी और पैसों के लालच में अनियोजित विकास यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने किया है और इस आपाधापी के चक्कर में ही इन तीनों मजदूरों की जान गई है. मंत्री धारीवाल चाहते हैं कि काम पूरा होने के बाद कमीशन का पूरा पैसा उन्हें मिल जाए, इसलिए कामों को जल्दबाजी में पूरा करवा रहे हैं. इसी की भेंट चढ़ गए हैं, जिनके परिवार उजड़ गए हैं और बच्चे अनाथ हो गए हैं.

दूसरी तरफ, भाजपा नेता और जीएमए में अध्यक्ष राकेश जैन ने भी इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने की मांग की है. उनका कहना है कि यह हादसा कैसे हुआ. इसकी जांच होनी चाहिए. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

तीन मजदूरों की जहरीली गैस से मौत

कोटा. राजस्थान में कोटा शहर के कुन्हाड़ी थाना इलाके में बालिता रोड पर नई डाली गई सीवरेज लाइन की सफाई व कनेक्शन करने के लिए नीचे उतरे तीन मजदूरों की मंगलवार को दर्दनाक मौत हो गई. सीवरेज के चेंबर में जहरीली गैस से ही इन मजदूरों की मौत मानी जा रही है. इसकी सफाई के लिए चार मजदूरों को नीचे उतारा गया था, अचानक एक के बाद एक बेहोश हो गए, जिसकी सूचना मिलने पर नगर निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और इन्हें निकाला गया था. चारों मजदूर मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के जूनापानी निवासी हैं. घटना के बाद पुलिस ने मौके से काम का सुपर विजन कर रहे हैं. कुलदीप सिंह को हिरासत में ले लिया, साथ ही उसे कुन्हाड़ी थाने ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी है.

मामले के अनुसार शाम करीब 4:30 बजे के आसपास इन मजदूरों के अचेत होकर अंदर ही गिरने की सूचना मिली थी, जिसके बाद कुन्हाड़ी थाना पुलिस और नगर निगम की रेस्क्यू टीम को सूचना दी गई. दोनों मौके पर पहुंचे और नगर निगम कोटा दक्षिण की रेस्क्यू टीम ने अभियान भी शुरू कर दिया. इन लोगों को निकालने के लिए इस दौरान तीन लोगों को अचेत अवस्था में निकाला गया, जबकि एक व्यक्ति को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, जिन्हें तुरंत एंबुलेंस की मदद से एमबीएस अस्पताल भेजा गया. जहां पर 25 वर्षीय कमल कुमार, 24 वर्षीय गालिया व 26 वर्ष किरे सिंह को मृत घोषित कर दिया है. घटना की जानकारी मिलने पर हड़कंप मच गया और राजस्थान अर्बन इन्फ्राट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.

Three Laborers Died in Kota
मौके पर कोटा नगर निगम की रेस्क्यू टीम...

20 मिनट में निकाला टीम ने, जहरीली गैस के चलते मौत : नगर निगम कोटा उत्तर के चीफ फायर ऑफिसर मोहम्मद अजहर खान ने बताया 4:53 पर हमें हादसे की जानकारी मिली थी. जिस पर मौके पर पहुंच कर पूरी सेफ्टी के साथ अभियान छेड़ा गया. सीवरेज के चेंबर में उतारा गया था. करीब 20 फिट नीचे चेंबर में गोताखोर आसिंम हुसैन को ब्रीदिंग अपरेटस पहनाकर उतारा, जिनसे चेंबर में फंसे हुए लोगों को बारी बारी से निकाला है. जहां पर अचेत अवस्था में पड़े तीन मजदूरों को निकाला है. साथ ही एक मजदूर सकुशल था, जिसे भी निकाल लिया गया है. यह काम महज 20 मिनट से भी कम समय में हुआ है. साथ ही उनका कहना है कि जहरीली गैस होने के चलते ही यह लोग अचेत हुए थे और इसी के चलते उनकी जान चली गई है.

पढ़ें : Labourers Buried in debris : रेनोवेशन के दौरान कॉम्प्लेक्स की छत गिरी, 3 मजदूर दबे

पुलिस ने एफएसएल जांच करवाई व दर्ज किया मुकदमा : एडिशनल एसपी प्रवीण जैन का कहना है कि सीवरेज लाइन को लिंक करने के लिए सफाई की जा रही थी. इसलिए मजदूरों को नीचे उतारा गया था. परिजनों की शिकायत पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, जिस पर आगे कार्रवाई की जाएगी. साथ ही अभी देखा जा रहा है कि इस घटना का क्या कारण रहा है. मौके पर एफएसएल टीम को भेज दिया गया है. यह पूरा मामला अनुसंधान का विषय है. तीनों मृतकों के पोस्टमार्टम की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्ति कौन है या क्या लापरवाही हुई है, यह अनुसंधान का विषय है. इस संबंध में पुलिस पूरी जांच करेगी. परिजनों की शिकायत पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है.

प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के दिए निर्देश : घटना की जानकारी मिलने पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर सिटी बृजमोहन बैरवा और कोटा शहर के एडिशनल एसपी प्रवीण जैन मौके पर पहुंच गए. इसके अलावा आला पुलिस अमला और प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे. आरयूआईडीपी के इंजीनियर को भी मौके पर बुलाया गया, साथ ही सघन जांच इस मामले में शुरू कर दी गई है. एडीएम सिटी बृजमोहन बैरवा का कहना है कि घटना के तुरंत बाद ही हम तीनों मजदूरों को अस्पताल ले आए थे. पूरा पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया था. हालांकि, इन मजदूरों को नहीं बचाया जा सका है. इस पूरे प्रकरण की जांच भी जिला कलेक्टर ओपी बुनकर के निर्देश पर की जाएगी. यह काम आरयूआईडीपी कांट्रेक्टर के जरिए करा रही थी. हाउसहोल्ड में कनेक्शन अब शुरू इस लाइन से होने थे, इसी के लिए साफ-सफाई के लिए यह नीचे लोग उतरे थे.

लगातार होते रहे हैं हादसे : कोटा शहर में आरयूआईडीपी की तरफ से 300 करोड़ रुपए से भी ज्यादा लागत की सीवरेज लाइनें डाली गई हैं. यह है 500 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी है. इस दौरान करीब आधा दर्जन से ज्यादा हादसे हुए हैं. इसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत अब तक हो चुकी है, जिनमें मजदूर व स्थानीय लोगों की मौत भी हुई है. साथ ही सड़कों के खराब होने और कार्यस्थल पर डायवर्टेड रोड को सही नहीं रखने के चलते दुर्घटनाएं भी काफी हुई हैं.

पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल

बीजेपी हुई हमलावर : वहीं, इस पूरे मामले पर बीजेपी हमलावर हो गई है. भाजपा नेताओं ने इस पूरे प्रकरण के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को जिम्मेदार बताया है. पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल मौके पर पहुंचे. उन्होंने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को इन तीनों मौतों के लिए जिम्मेदार बताया, साथ ही कहा कि कामों की आपाधापी और पैसों के लालच में अनियोजित विकास यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने किया है और इस आपाधापी के चक्कर में ही इन तीनों मजदूरों की जान गई है. मंत्री धारीवाल चाहते हैं कि काम पूरा होने के बाद कमीशन का पूरा पैसा उन्हें मिल जाए, इसलिए कामों को जल्दबाजी में पूरा करवा रहे हैं. इसी की भेंट चढ़ गए हैं, जिनके परिवार उजड़ गए हैं और बच्चे अनाथ हो गए हैं.

दूसरी तरफ, भाजपा नेता और जीएमए में अध्यक्ष राकेश जैन ने भी इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने की मांग की है. उनका कहना है कि यह हादसा कैसे हुआ. इसकी जांच होनी चाहिए. दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

Last Updated : Jun 6, 2023, 9:55 PM IST
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