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लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे गुढ़ा, कहा मैं सदन में टेबल करने आया, लेकिन विधायकों और मंत्रियों ने मारपीट कर छीन ली वो डायरी

लाल डायरी लेकर विधानसभा पहुंचे बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि कहा मैं लाल सदन में टेबल करने आया, लेकिन मेरे साथ विधायकों और मंत्रियों ने मारपीट कर मुझसे छीन ली वो लाल डायरी. अब सवाल ये है कि आखिर उस डायरी में ऐसा क्या है.

लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे गुढ़ा
लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे गुढ़ा
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Published : Jul 24, 2023, 2:41 PM IST

Updated : Jul 24, 2023, 4:17 PM IST

लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे गुढ़ा

जयपुर. गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी का मामला लगातार तुल पकड़ता जा रहा है. अपनी बर्खास्तगी के बाद विधायक गुढ़ा सोमवार को उस लाल डायरी को लेकर विधानसभा पहुंचे जिसको लेकर बीजेपी हमेशा से सवाल उठाती रही है. जैसे गुढ़ा विधानसभा पहुंचे सदन में जोरदार हंगामा हो गया. गुढ़ा ने विधानसभा अध्यक्ष से लाल डायरी को सदन की मेज पर रखने की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने इसकी अनुमति नहीं दी. इस बात पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ और सदन की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. विधानसभा से बाहर आने के बाद गुढ़ा ने आरोप लगाया कि वो लाल डायरी को विधानसभा के पटल रखना चाह रहे थे, लेकिन कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों ने मेरे साथ मारपीट की और मुझसे वो डायरी छीन ली.

अभी एक ओर डायरी बाकी : राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैंने इस सरकार को 2008 और 2018 में संकट के वक्त साथ दिया और आज उन्होंने ही मुझे विधानसभा के अंदर लात घुसा से मारा है. गुढ़ा ने कहा कि मैं लाल डायरी को सदन की पटल पर रखने के लिए लेकर गया था. लेकिन मुझे इसकी अनुमति नहीं दी. इतना ही नहीं कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों ने मुझे लात घुसे मारे, मुझे जबरन सदन से बाहर निकाला गया. मुझसे लाल डायरी का एक हिस्सा छीन लिया गया, लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि अभी भी मेरे पास वह मेन डायरी बाकी है जिसमें उनके सारे कारनामे लिखे हुए हैं.

गुढ़ा ने कहा कि मेरा कसूर सिर्फ इतना था कि मैं मेरे क्षेत्र में महिलाओं के और बच्चियों के साथ में हो रही दुष्कर्म के खिलाफ आवाज उठाया. अगर यह मेरी गलती है तो ऐसी गलती मैं लगातार करता रहूंगा. सच बोलने की सजा अगर मुझे मिली है तो यह सजा मैं भुगतने के लिए बार बार तैयार हूं. गुढ़ा ने कहा कि अगर मुझे महिलाओं बच्चियों की दुष्कर्म की आवाज उठाने पर जेल की सलाखों के पीछे भी डाल दे तो भी मैं जाने को तैयार हूं. लेकिन इस घमंडी और अहंकारी सरकार से अब जनता सड़कों पर जवाब मांगेगी. बता दें कि वहीं, मदन दिलावर और पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को 15वीं विधानसभा की शेष कार्यवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है.

संकट के समय सीएम गहलोत ने भेजा था लाल डायरी लेने : राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि जब कांग्रेस पर संकट आया था, तब मुख्यमंत्री ने मुझे बुलाकर कहा था कि वह लाल डायरी लेकर आओ. अगर वह लाल डायरी नहीं आई तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा, यह सरकार गिर जाएगी, उन्होंने मुझसे कहा कि ये काम सिर्फ तू ही कर सकता है. मैं उनके कहने पर अपनी जान जोखिम में डालकर वह लाल डायरी लेकर आया, लेकिन आज मुझे बर्खास्त कर दिया गया. लाल डायरी लेने पर यही मुख्यमंत्री ने मुझसे कहा था कि मेरी वजह से न केवल उनकी सरकार बची है बल्कि वो खुद जेल जाने से बच गए. आज मुझे यह झूठे मुकदमों में जेल में डालने की तैयारी कर रहे हैं. गुढ़ा ने कहा कि अब मैं जनता के बीच जाऊंगा और उनके काले कारनामों को जनता के सामने रखूंगा.

पढे़ं सदस्यता ही नहीं जेल जाने का भी है खतरा, नहीं मांगूंगा माफी, विधानसभा में गुढ़ा ने लहराई लाल डायरी

लाल डायरी लेकर विधानसभा में पहुंचे गुढ़ा

जयपुर. गहलोत सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा की बर्खास्तगी का मामला लगातार तुल पकड़ता जा रहा है. अपनी बर्खास्तगी के बाद विधायक गुढ़ा सोमवार को उस लाल डायरी को लेकर विधानसभा पहुंचे जिसको लेकर बीजेपी हमेशा से सवाल उठाती रही है. जैसे गुढ़ा विधानसभा पहुंचे सदन में जोरदार हंगामा हो गया. गुढ़ा ने विधानसभा अध्यक्ष से लाल डायरी को सदन की मेज पर रखने की मांग की, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने इसकी अनुमति नहीं दी. इस बात पर सदन में जोरदार हंगामा हुआ और सदन की कार्रवाई दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. विधानसभा से बाहर आने के बाद गुढ़ा ने आरोप लगाया कि वो लाल डायरी को विधानसभा के पटल रखना चाह रहे थे, लेकिन कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों ने मेरे साथ मारपीट की और मुझसे वो डायरी छीन ली.

अभी एक ओर डायरी बाकी : राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैंने इस सरकार को 2008 और 2018 में संकट के वक्त साथ दिया और आज उन्होंने ही मुझे विधानसभा के अंदर लात घुसा से मारा है. गुढ़ा ने कहा कि मैं लाल डायरी को सदन की पटल पर रखने के लिए लेकर गया था. लेकिन मुझे इसकी अनुमति नहीं दी. इतना ही नहीं कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों ने मुझे लात घुसे मारे, मुझे जबरन सदन से बाहर निकाला गया. मुझसे लाल डायरी का एक हिस्सा छीन लिया गया, लेकिन मैं उन्हें बता दूं कि अभी भी मेरे पास वह मेन डायरी बाकी है जिसमें उनके सारे कारनामे लिखे हुए हैं.

गुढ़ा ने कहा कि मेरा कसूर सिर्फ इतना था कि मैं मेरे क्षेत्र में महिलाओं के और बच्चियों के साथ में हो रही दुष्कर्म के खिलाफ आवाज उठाया. अगर यह मेरी गलती है तो ऐसी गलती मैं लगातार करता रहूंगा. सच बोलने की सजा अगर मुझे मिली है तो यह सजा मैं भुगतने के लिए बार बार तैयार हूं. गुढ़ा ने कहा कि अगर मुझे महिलाओं बच्चियों की दुष्कर्म की आवाज उठाने पर जेल की सलाखों के पीछे भी डाल दे तो भी मैं जाने को तैयार हूं. लेकिन इस घमंडी और अहंकारी सरकार से अब जनता सड़कों पर जवाब मांगेगी. बता दें कि वहीं, मदन दिलावर और पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को 15वीं विधानसभा की शेष कार्यवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है.

संकट के समय सीएम गहलोत ने भेजा था लाल डायरी लेने : राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि जब कांग्रेस पर संकट आया था, तब मुख्यमंत्री ने मुझे बुलाकर कहा था कि वह लाल डायरी लेकर आओ. अगर वह लाल डायरी नहीं आई तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा, यह सरकार गिर जाएगी, उन्होंने मुझसे कहा कि ये काम सिर्फ तू ही कर सकता है. मैं उनके कहने पर अपनी जान जोखिम में डालकर वह लाल डायरी लेकर आया, लेकिन आज मुझे बर्खास्त कर दिया गया. लाल डायरी लेने पर यही मुख्यमंत्री ने मुझसे कहा था कि मेरी वजह से न केवल उनकी सरकार बची है बल्कि वो खुद जेल जाने से बच गए. आज मुझे यह झूठे मुकदमों में जेल में डालने की तैयारी कर रहे हैं. गुढ़ा ने कहा कि अब मैं जनता के बीच जाऊंगा और उनके काले कारनामों को जनता के सामने रखूंगा.

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Last Updated : Jul 24, 2023, 4:17 PM IST
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