जयपुर. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने पेयजल योजनाओं के लिए पाइप खरीद में कथित अनियमितता के करीब डेढ़ दशक पुराने मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित अन्य पर पब्लिकेशन के जरिए नोटिस तामील कराने के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने यह आदेश मंजू सुराणा की एसएलपी पर दिए. एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट और एसीबी कोर्ट के आदेशों को चुनौती दी गई है.
रजिस्ट्रार के आदेश देने के बाद असिस्टेंट रजिस्ट्रार ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं. जारी निर्देश में कहा गया है कि नोटिस मिलने के तीस दिन के भीतर स्वयं या अपने अधिवक्ता के जरिए पक्ष रखें. ऐसा नहीं होने पर अपील का निस्तारण उनकी अनुपस्थिति में कर दिया जाएगा.
यह है मामलाः एसएलपी में कहा गया कि बाड़मेर लिफ्ट प्रोजेक्ट और पोकरण-फालसूद प्रोजेक्ट सहित कुल पांच पेयजल योजनाओं के लिए पाइप खरीद में अनियमितता कर राजकोष को 646 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया गया. एसएलपी में बताया कि योजना के लिए निविदा में सबसे कम दर रखने वाली कंपनी को ठेका नहीं दिया गया और शर्तों में बदलाव कर मनचाही फर्म को ठेका दिया गया. इस संबंध में राज्यसभा सांसद वीपी यादव ने वर्ष 2007 में वसुंधरा राजे को शिकायत दी, लेकिन उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं, इस संबंध में पेश परिवाद को भी एसीबी कोर्ट और बाद में हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.