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रक्षाबंधन पर न भद्रा की झंझट न ग्रहण की छाया, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त - श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मानाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है, जो हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मानाया जाता है. इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 22 अगस्त (रविवार) को मनाया जाएगा. इस साल क्या है शुभ मुहूर्त और शुभ संयोग जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर.

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Published : Aug 21, 2021, 5:12 PM IST

नई दिल्ली : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार में बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उन्हें राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती हैं. इस बार रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा. इस साल भद्राकाल नहीं होने के कारण बहनें सूर्योदय से लेकर सायंकाल 5:30 बजे तक किसी भी समय अपने भाई को राखी बांध सकेंगी.

रक्षाबंधन पर चार विशिष्ट योग पड़ रहे हैं. सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग के साथ इस बार का रक्षाबंधन परिपूर्ण है. यह योग पूरे 50 साल बाद बन रहा है. इससे पहले 1981 में ये चारों योग एक साथ बने थे. इन चारों योगों से रक्षाबंधन का महत्व और बढ़ गया है. इस मध्य भाई और बहन के लिए रक्षा बंधन की रस्म विशेष कल्याणकारी होगी.

ये भी पढ़ें: भाइयाें की कलाई पर सजेगी गंगा, यमुना और महानदी की मिट्टी से बनी राखी

हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त को शुभ संयोग बन रहा है. पंचांग के अनुसार, इस बार पूर्णिमा की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग रहेगा. जो इस बार रक्षाबंधन को विशेष बना रहा है. बात शुभ मुहूर्त की करें तो सुबह 06:15 बजे से सुबह 10:34 बजे तक शोभन योग रहेगा. दोपहर 01:42 बजे से शाम 04:18 बजे तक राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा. जबकि धनिष्ठा नक्षत्र शाम को करीब 07:39 बजे तक रहेगा.

हिंदू धर्म में रक्षा बंधन की विशेष मान्यता है. ऐसे में अपने भाई को राखी बांधते वक्त आप इस विशेष मंत्र का जाप करें...

'येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः,

तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः'

जिसका अर्थ है कि 'जिस तरह राजा बलि ने रक्षा सूत्र से विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया था उसी तरह रक्षा सूत्र आज मैं तुम्हें बांध रही हूं. तुम भी अपने उद्देश्य से विचलित हुए बिना दृढ़ बने रहना'.

नई दिल्ली : हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस त्योहार में बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए उन्हें राखी बांधकर अपनी रक्षा का वचन लेती हैं. इस बार रक्षाबंधन 22 अगस्त दिन रविवार को मनाया जाएगा. इस साल भद्राकाल नहीं होने के कारण बहनें सूर्योदय से लेकर सायंकाल 5:30 बजे तक किसी भी समय अपने भाई को राखी बांध सकेंगी.

रक्षाबंधन पर चार विशिष्ट योग पड़ रहे हैं. सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग के साथ इस बार का रक्षाबंधन परिपूर्ण है. यह योग पूरे 50 साल बाद बन रहा है. इससे पहले 1981 में ये चारों योग एक साथ बने थे. इन चारों योगों से रक्षाबंधन का महत्व और बढ़ गया है. इस मध्य भाई और बहन के लिए रक्षा बंधन की रस्म विशेष कल्याणकारी होगी.

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हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त को शुभ संयोग बन रहा है. पंचांग के अनुसार, इस बार पूर्णिमा की तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ शोभन योग रहेगा. जो इस बार रक्षाबंधन को विशेष बना रहा है. बात शुभ मुहूर्त की करें तो सुबह 06:15 बजे से सुबह 10:34 बजे तक शोभन योग रहेगा. दोपहर 01:42 बजे से शाम 04:18 बजे तक राखी बांधना सबसे शुभ रहेगा. जबकि धनिष्ठा नक्षत्र शाम को करीब 07:39 बजे तक रहेगा.

हिंदू धर्म में रक्षा बंधन की विशेष मान्यता है. ऐसे में अपने भाई को राखी बांधते वक्त आप इस विशेष मंत्र का जाप करें...

'येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः,

तेनत्वाम प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल-माचलः'

जिसका अर्थ है कि 'जिस तरह राजा बलि ने रक्षा सूत्र से विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया था उसी तरह रक्षा सूत्र आज मैं तुम्हें बांध रही हूं. तुम भी अपने उद्देश्य से विचलित हुए बिना दृढ़ बने रहना'.

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