जयपुर. राजस्थान के सियासी रण का परिणाम रविवार को आ चुका है. नतीजों को अशोक गहलोत जहां इस परिणाम को चौंकाने वाला बताकर इसके कारण पता करने की बात कर रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने अब उन्हीं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसे लेकर एक लंबा पोस्ट भी किया है.
जिसमें उन्होंने लिखा, लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है. मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ. उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस पार्टी राजाथान में निःसंदेह रिवाज बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे. यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत की शिकस्त है. गहलोत के चेहरे पर उनको फ्री हैंड देकर उनके नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा और उनके मुताबिक प्रत्येक सीट पर वे स्वयं चुनाव लड़ रहे थे. न उनका अनुभव चला, न जादू और हर बार की तरह कांग्रेस को उनकी योजनाओं के सहारे जीत नहीं मिली.
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लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है।
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मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ..
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मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ..
कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी…लोकतंत्र में जनता ही माई-बाप है और जनादेश शिरोधार्य है, विनम्रता से स्वीकार है।
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मैं नतीजों से आहत जरूर हूँ, लेकिन अचंभित नहीं हूँ..
कांग्रेस पार्टी #Rajasthan में निःसंदेह रिवाज़ बदल सकती थी लेकिन अशोक गहलोत जी कभी कोई बदलाव नहीं चाहते थे। यह कांग्रेस की नहीं बल्कि अशोक गहलोत जी…
तीसरी बार सीएम रहते पार्टी को हाशिए पर पहुंचाया: लोकेश शर्मा ने लिखा है कि तीसरी बार लगातार सीएम रहते हुए गहलोत ने पार्टी को फिर हाशिये पर लाकर खड़ा कर दिया. आज तक पार्टी से सिर्फ लिया ही लिया है लेकिन कभी अपने रहते पार्टी की सत्ता में वापसी नहीं करवा पाए गहलोत.
न ऊपर सही फीडबैक और न ही विकल्प बनने देना: लोकेश शर्मा ने यह भी लिखा कि आलाकमान के साथ फरेब, ऊपर सही फीडबैक न पहुंचने देना, किसी को विकल्प तक न बनने देना, अपरिपक्व और अपने फायदे के लिए जुड़े लोगों से घिरे रहकर आत्ममुग्धता में लगातार गलत निर्णय और आपा धापी में फैसले लिए जाते रहना, तमाम फीडबैक और सर्वे को दरकिनार कर अपनी मनमर्जी और अपने पसंदीदा प्रत्याशियों को उनकी स्पष्ट हार को देखते हुए भी टिकट दिलवाने की जिद आज के ये नतीजे तय थे. मैं स्वयं मुख्यमंत्री को यह पहले बता चुका था, कई बार आगाह कर चुका था लेकिन उन्हें कोई ऐसी सलाह या व्यक्ति अपने साथ नहीं चाहिए था जो सच बताए.
127 सीटों से जुटाई ग्राउंड रिपोर्ट: इस पोस्ट में लोकेश शर्मा ने लिखा, मैं छह महीने लगातार घूम-घूम कर राजस्थान के कस्बों-गांव-ढाणी में गया, लोगों से मिला, हजारों युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किए. लगभग 127 विधानसभा क्षेत्रों को कवर करते हुए ग्राउंड रिपोर्ट सीएम को लाकर दी. जमीनी हकीकत को बिना लाग-लपेट सामने रखा ताकि समय पर सुधारात्मक कदम उठाते हुए फैसले किये जा सकें, जिससे पार्टी की वापसी सुनिश्चित हो.
छह महीने पहले बताया कल्ला 20 हजार से हार रहे: उन्होंने यह भी लिखा है कि मैंने खुद ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी, पहले बीकानेर से फिर सीएम के कहने पर भीलवाड़ा से, जिस सीट को हम 20 साल से हार रहे थे, लेकिन ये नया प्रयोग नहीं कर पाए, और बीडी कल्ला जी के लिए मैंने 6 महीने पहले बता दिया था कि वे 20 हजार से ज्यादा मत से चुनाव हारेंगे और वही हुआ. अशोक गहलोत जी के पार्ट पर इस तरह फैसले लिए गए कि विकल्प तैयार ही नहीं हो पाए.
लोकेश शर्मा ने राजस्थान में कांग्रेस के लिहाज से बहुचर्चित 25 दिसंबर की घटना का भी अपनी इस पोस्ट में जिक्र किया है और इसे पूरी तरह से प्रायोजित घटना बताया है. उन्होंने लिखा कि 25 सितंबर की घटना भी पूरी तरह से प्रायोजित थी. जब आलाकमान के खिलाफ विद्रोह कर अवमानना की गई और उसी दिन से शुरू हो गया था खेल.