जयपुर. राजस्थान में संगठित अपराध को लेकर विधानसभा में मंगलवार को "राजस्थान संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023" चर्चा के बाद पारित हो गया. इसके साथ ही महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के बाद राजस्थान चौथा राज्य बन गया है, जहां इस बिल को पारित किया गया है. विधेयक पर बहस के दौरान साल 2020 में सचिन पायलट की बगावत के समय फोन टैपिंग का मुद्दा भी सदन में उठा. इस मुद्दे पर मंत्री शांति धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के बीच बहस हुई.
झूठ की इभी इंतेहा हैः संगठित अपराध को लेकर विधानसभा में पारित हुए विधेयक पर चर्चा के दौरान उदयपुर के कन्हैया लाल मर्डर का भी जिक्र हुआ. इसे लेकर मंत्री शांति धारीवाल ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक पर तंज कसे. धारीवाल ने कहा कि आप लोग कहते हो कि उन्हें दो लड़कों ने पकड़ा, जबकि हकीकत यह है कि कन्हैया लाल की हत्या करने वालों के हाथ में चाकू थे, उन्हें दो युवक कैसे पकड़ सकते हैं?. धारीवाल ने कहा कि उन्हें दो लड़कों ने नहीं, बल्कि राजस्थान पुलिस ने पकड़ा. इसके आगे उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह पर तंज कसते हुए कहा कि गृहमंत्री कहते हैं कि उन्हें (आरोपियों को) एनआईए ने पकड़ा, जबकि उन्हें राजस्थान पुलिस ने पकड़ा था. झूठ की भी इंतेहा है.
यह है बिल में प्रावधानः यह विधेयक पास होने के बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के बाद राजस्थान चौथा राज्य बन गया है, जहां संगठित अपराध के खिलाफ कानून बना है. इसमें 5 साल की सजा से लेकर उम्र कैद और अगर किसी की उस संगठित अपराध से मौत हुई तो फांसी की सजा तक का प्रावधान है. यह कानून हुबहू महाराष्ट्र के कानून की तर्ज पर बना है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज होने या राष्ट्रपति के पास इस कानून को रोकने की संभावना न के बराबर है. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि ऑर्गेनाइज क्राइम को रोकने के लिए यह कानून बनाया जा रहा है, जिसमे आरोपियों की अर्जित संपत्ति जप्त करने के प्रावधान के साथ ही सुनवाई के लिए विशेष न्यायालय होंगे. इस बिल में अग्रिम जमानत नहीं हो, यह भी प्रोविजन रखा गया है.
फोन टैपिंग का मुद्दा भी उठाः विधानसभा में चर्चा के दौरान फोन टैपिंग का मुद्दा भी उठा. इस मुद्दे को लेकर मंत्री धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ में काफी बहस हुई. चर्चा में जब मंत्री शांति धारीवाल ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ से कहा कि टेलीफोन टैपिंग का तो बहुत लंबा किस्सा है. कई बार हम कह चुके हैं, उन बातों को याद मत दिलाओ. अगर उन बातों को याद दिलाओगे तो फंस जाओगे. इस पर राजेंद्र राठौड़ ने भी धारीवाल को कहा कि उस समय सचिन पायलट और अपने मंत्रियों, जिनको अब साथ लेकर बैठे हो, उन पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करवाते हो और हमसे इस मुद्दे में आंख लड़ाते हो. इस दौरान फोन टैपिंग को लेकर जोगेश्वर गर्ग ने भी मंत्री शांति धारीवाल से पूछा कि क्या फोन टैपिंग को भी अब संगठित अपराध में माना जाएगा?. इस पर शांति धारीवाल ने जवाब देते हुए कहा कि आप भी अपने मन में जानते हो, हमसे क्यों कहलाते हो. अपराधी आपकी ही पार्टी के लोग हैं.
हनुमान बेनीवाल का नाम लिए बगैर बरसे हरीश चौधरीः राजस्थान विधानसभा में संगठित अपराध को रोकने के लिए जो विधेयक पास हुआ. उसके चर्चा में हरीश चौधरी ने भी भाग लिया. इस दौरान हरीश चौधरी ने अपना भाषण पूरी तरीके से बजरी माफिया और उन्हें सह देने वालों पर केंद्रित कर दिया. उन्होंने विधानसभा में अपनी बात रखते हुए लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उन्होंने बजरी माफिया के खिलाफ अभियान को लेकर बात रखी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने और ठेकेदार को फायदा दिलवाने के लिए जनता को भ्रमित कर रहे हैं.