जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के मंत्रियों के हारने का सिलसिला नहीं थमा है. खास बात यह है कि अशोक गहलोत सरकार के 17 मंत्री अपनी सीट को नहीं बचा सके. चुनाव हारने वाले इन शहरों में वे नेता भी शामिल हैं, जिनके कंधों पर कांग्रेस को चुनाव जीताने की जिम्मेदारी सौंप गई थी. कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल खाजूवाला से डॉक्टर विश्वनाथ से चुनाव हार गए. वहीं, कई स्टार प्रचारक मंत्री भी अपनी सीट को नहीं बचा सके.
बीकानेर जिले में हुई तीन मंत्रियों की हार : सरकार गठन के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में पश्चिमी राजस्थान को मजबूत बनाने के इरादे से बीकानेर जिले से ही तीन मंत्री बनाए थे. इनमें कोलायत से भंवर सिंह भाटी दिग्गज नेता देवी सिंह भाटी के पोते अंशुमान सिंह से चुनाव हार गए. भाटी गहलोत सरकार में ऊर्जा मंत्री थे. इसी तरह बीकानेर पश्चिम से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता बीडी कल्ला भी चुनाव हार गए. जेठानंद व्यास से मुकाबले में पिछड़े कल्ला अशोक गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री थे. इसके अलावा कांग्रेस के प्रचार समिति की कमान संभालने वाले गोविंद राम मेघवाल ने भी परंपरागत प्रतिद्वंदी डॉक्टर विश्वनाथ से हार का सामना किया.
पूर्वी राजस्थान में भी हार गए मंत्री : कांग्रेस के लिए पिछली दफा बढ़त लेने वाले पूर्वी राजस्थान से इस बार हार के रोचक परिणाम देखने को मिले. यहां दौसा जिले में मंत्री परसादी लाल मीणा और ममता भूपेश ने हार का सामना किया. करौली से मंत्री रमेश मीणा हार गए. वहीं, डीग-कुम्हेर से पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह भी पराजित हुए. वैर से भजनलाल जाटव को हार का सामना करना पड़ा तो कामां से जाहिदा खान की हार चौंकाने वाली रही.
गहलोत सरकार के ये मंत्री हारे : खाजुवाला से गोविन्द राम मेघवाल, कोलायत से भंवर सिंह भाटी, सपोटरा से रमेश मीणा, लालसोट से परसादीलाल मीणा, डीग-कुम्हेर से विश्वेन्द्र सिंह, सिविल लाइंस से प्रताप सिंह खाचरियावास, सिकराय से ममता भूपेश, बानसूर से शंकुतला रावत, कोटपूतली से राजेंद्र यादव, बीकानेर पश्चिम से बीडी कल्ला, पोकरण से सालेह मोहम्मद, मांडल से राम लाल जाट, सांचौर से सुखराम विश्नोई, निंबाहेड़ा से उदयलाल आंजना, कामां से जाहिदा खान, अंता से प्रमोद जैन भाया और वैर से भजन लाल जाटव को हार का सामना करना पड़ा है.