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राजस्थान के सीएम गहलोत के बेटे समेत 14 के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज

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Published : Mar 19, 2022, 7:58 PM IST

राजस्थान के मुख्यमंत्री के पुत्र और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत धोखाधड़ी के आरोप में फंस गए हैं. उनके खिलाफ नासिक में एक व्यक्ति ने फ्रॉड का केस (FIR Against Vaibhav Gehlot) दर्ज कराया है. मामले में कुल 14 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.

Vaibhav Gehlot
वैभव गहलोत (फाइल फोटो)

जोधपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र एवं राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत सहित एक दर्जन लोगों के विरुद्ध धोखाधाड़ी का मामला (FIR Against Vaibhav Gehlot) महाराष्ट्र के नासिक जिले में दर्ज किया गया है. न्यायालय के आदेश पर नासिक के गंगापुर थाने में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में नासिक निवासी सुशील भालचंद्र पाटिल ने कुल 14 लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई है. सुशील का आरोप है कि मुख्य आरोपी गुजरात कांग्रेस नेता सचिन वालेरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपनी नजदीकी होने का प्रभाव बनाया.

वैभव गहलोत के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज

दर्ज रिपोर्ट के अनुसार सचिन ने सुशील से कहा कि वह राजस्थान सरकार के सरकारी काम करता है. वैभव गहलोत भी उसके पार्टनर हैं. इस कारण सचिन जब भी मुख्यमंत्री से मिलता तो फोटो और लोकेशन उसे शेयर करता था. इससे प्रभावित होकर उसने सचिन के कहे अनुसार 13 बैंक खातों में तीन करोड़ 93 लाख रुपए बतौर स्लीपिंग पार्टनर जमा करवा दिए. इसके एवज में हर माह उसे रिटर्न मिलना था. रिटर्न को लेकर जो वादा किया गया तो उसके अनुसार कुल 19 करोड़ मिलने थे, लेकिन मिले नहीं. दी गई राशि के ब्याज सहित कुल 6 करोड़ 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.

ईटीवी भारत ने नासिक निवासी सुशील पाटिल से बात की तो उसने बताया कि जो राशि जमा करवाई गई थी उन खातों की सूची में वैभव गहलोत का नाम नहीं था. मुझे यह बताया कि ​सचिन वालेरा की कंपनी अभिक एडवारटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के मार्फत सरकारी विभागों के ठेके लेने थे. रुपए ट्रांसफर होने के बाद कुछ दिनों तक उसे मासिक रुपए मिले. कुल तीस से चालीस लाख रुपए उसे प्राप्त हुए, लेकिन उसके बाद रुपये मिलने बंद हो गए. उसके बाद कोरोना आ गया तो सचिन ने कहा कि महामारी के चलते अभी काम बंद है. इस पर सचिन ने उसकी बातों पर विश्वास कर लिया. सुशील ने बताया कि लॉकडाउन समाप्त होने और कोरोना का खतरा कम होने के बाद जब भी सचिन से रुपये के लिए बात करता तो वह अनसुनी कर देता.

वैभव गहलोत के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज
वैभव गहलोत के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज

वीडियो कॉल पर करवाई वैभव गहलोत से बात
सुशील के अनुसार जब उसने सचिन पर ज्यादा दबाव बनाया तो एक दिन व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के माध्यम से वैभव गहलोत से बात करवाई. वीडियो कॉल में वैभव गहलोत ने उससे कहा कि वह परेशान न हों, हम सब साथ हैं. सचिन वालेरा उसका बकाया लौटा देगा लेकिन इसके बावजूद उसकी राशि नहीं मिली. पिछले छह माह से सचिन से कोई कॉन्टेक्ट ही नहीं हो पा रहा है. सुशील के अनुसार उसके अभी 6 करोड़ 80 लाख रुपये बकाया हैं. जबकि जो बात यह हुई थी उसके मुताबिक अ​भी तक उसके पास 19 करोड़ रुपये आने चाहिए थे.

ये भी पढ़ें - Mumbai Bank Scam : महाराष्ट्र विधान परिषद के विपक्षी नेता प्रवीण दरेकर पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज

मुख्यमंत्री के साथ संबंध
सचिन वालेरा गुजरात कांग्रेस का नेता है. जब अशोक गहलोत गुजरात के प्रभारी थे तब सचिन वालेरा ने उनसे संपर्क बढ़ाए. यहां तक कि गहलोत उसके घर भी गए. वालेरा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी गहलोत की फोटो अपने परिवार के साथ लगा रखी है. यह अलग बात है कि 2020 के बाद इस अकाउंट से कोई ट्वीट नहीं हुआ है.

जोधपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र एवं राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत सहित एक दर्जन लोगों के विरुद्ध धोखाधाड़ी का मामला (FIR Against Vaibhav Gehlot) महाराष्ट्र के नासिक जिले में दर्ज किया गया है. न्यायालय के आदेश पर नासिक के गंगापुर थाने में केस दर्ज किया गया है. इस मामले में नासिक निवासी सुशील भालचंद्र पाटिल ने कुल 14 लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई है. सुशील का आरोप है कि मुख्य आरोपी गुजरात कांग्रेस नेता सचिन वालेरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अपनी नजदीकी होने का प्रभाव बनाया.

वैभव गहलोत के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज

दर्ज रिपोर्ट के अनुसार सचिन ने सुशील से कहा कि वह राजस्थान सरकार के सरकारी काम करता है. वैभव गहलोत भी उसके पार्टनर हैं. इस कारण सचिन जब भी मुख्यमंत्री से मिलता तो फोटो और लोकेशन उसे शेयर करता था. इससे प्रभावित होकर उसने सचिन के कहे अनुसार 13 बैंक खातों में तीन करोड़ 93 लाख रुपए बतौर स्लीपिंग पार्टनर जमा करवा दिए. इसके एवज में हर माह उसे रिटर्न मिलना था. रिटर्न को लेकर जो वादा किया गया तो उसके अनुसार कुल 19 करोड़ मिलने थे, लेकिन मिले नहीं. दी गई राशि के ब्याज सहित कुल 6 करोड़ 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है.

ईटीवी भारत ने नासिक निवासी सुशील पाटिल से बात की तो उसने बताया कि जो राशि जमा करवाई गई थी उन खातों की सूची में वैभव गहलोत का नाम नहीं था. मुझे यह बताया कि ​सचिन वालेरा की कंपनी अभिक एडवारटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड के मार्फत सरकारी विभागों के ठेके लेने थे. रुपए ट्रांसफर होने के बाद कुछ दिनों तक उसे मासिक रुपए मिले. कुल तीस से चालीस लाख रुपए उसे प्राप्त हुए, लेकिन उसके बाद रुपये मिलने बंद हो गए. उसके बाद कोरोना आ गया तो सचिन ने कहा कि महामारी के चलते अभी काम बंद है. इस पर सचिन ने उसकी बातों पर विश्वास कर लिया. सुशील ने बताया कि लॉकडाउन समाप्त होने और कोरोना का खतरा कम होने के बाद जब भी सचिन से रुपये के लिए बात करता तो वह अनसुनी कर देता.

वैभव गहलोत के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज
वैभव गहलोत के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज

वीडियो कॉल पर करवाई वैभव गहलोत से बात
सुशील के अनुसार जब उसने सचिन पर ज्यादा दबाव बनाया तो एक दिन व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के माध्यम से वैभव गहलोत से बात करवाई. वीडियो कॉल में वैभव गहलोत ने उससे कहा कि वह परेशान न हों, हम सब साथ हैं. सचिन वालेरा उसका बकाया लौटा देगा लेकिन इसके बावजूद उसकी राशि नहीं मिली. पिछले छह माह से सचिन से कोई कॉन्टेक्ट ही नहीं हो पा रहा है. सुशील के अनुसार उसके अभी 6 करोड़ 80 लाख रुपये बकाया हैं. जबकि जो बात यह हुई थी उसके मुताबिक अ​भी तक उसके पास 19 करोड़ रुपये आने चाहिए थे.

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मुख्यमंत्री के साथ संबंध
सचिन वालेरा गुजरात कांग्रेस का नेता है. जब अशोक गहलोत गुजरात के प्रभारी थे तब सचिन वालेरा ने उनसे संपर्क बढ़ाए. यहां तक कि गहलोत उसके घर भी गए. वालेरा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी गहलोत की फोटो अपने परिवार के साथ लगा रखी है. यह अलग बात है कि 2020 के बाद इस अकाउंट से कोई ट्वीट नहीं हुआ है.

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