चित्तौड़गढ़ : राजस्थान सरकार प्रदेश के पुलिस अधिकारियों की करतूतों को लेकर विपक्ष के निशाने पर है. दरअसल, सोमवार को चित्तौड़गढ़ पुलिस का ऐसा कारनामा सामने आया है, जब जांच के नाम पर आरोपी की पत्नी से सहायक पुलिस उप निरीक्षक ने छेड़छाड़ की. जानकारी होने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने जांच अधिकारी एएसआई को बंधक बना लिया.
सूचना पर चंदेरिया थाने के अधिकारी अनिल जोशी सहित अन्य लोग मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों के अनुसार गांव के एक व्यक्ति की गत दिनों बछिया चोरी हो गई थी. इस संबंध में घोसुंडा पुलिस चौकी में रिपोर्ट दी गई थी. इस रिपोर्ट में फरियादी ने अपने ही भाई पर संदेह जताते हुए नामजद मुकदमा दर्ज कराया था. इसी सिलसिले में जांच अधिकारी सहायक पुलिस उपनिरीक्षक श्यामलाल पूछताछ के लिए गांव पहुंचा था.
एएसआई को बनाया बंधक
आरोप है कि जांच को पहुंचे एएसआई की नजर आरोपी की पत्नी पर पड़ गई. जांच में सहयोग के नाम पर एएसआई ने पुलिस के विश्वास को दांव पर लगाते हुए आरोपी की पत्नी से ज्यादती करने लगा. बताया जाता है कि इसी दौरान आरोपी का भाई फरियादी भी मौके पर पहुंच गया. उसने ग्रामीणों को एकत्रित करते हुए एएसआई को दबोच लिया और बंधक बनाते हुए पेड़ के बांध दिया.
थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट
मामले की जानकारी होते ही थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने की कोशिश की. दोपहर करीब 3 बजे के बाद एएसआई श्यामलाल सुकवाल को थाने ले जाया गया. जहां कुछ देर बाद पीड़िता भी पहुंच गई. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत सिंह भाटी, पुलिस उपाधीक्षक कमल जांगिड भी पहुंचे. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पीड़िता के बयान के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. वहीं आरोपी श्यामलाल द्वारा भी इस मामले में रिपोर्ट की जा रही है.
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत सिंह देवल ने बताया कि भैंस की बछिया चोरी के मामले में एएसआई के एक गांव में जाने की जानकारी मिली है. एएसआई से जो बातचीत हुई है उसके अनुसार महिला ने ही फोन करके बुलाया था. पीड़िता की ओर से पुलिस थाने में कोई रिपोर्ट नहीं दी गई है. दोनों ही पक्षों की ओर से रिपोर्ट दी जाती है, तो मामला दर्ज कर नियमानुसार जांच होगी.
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वहीं आरोपी एएसआई श्यामलाल का कहना है कि उन पर जो आरोप लगे हैं, वह गलत हैं. उनकी ओर से ऐसी कोई हरकत नहीं की गई है.