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राजस्थानः इस बार नहीं लगेगा पुष्कर कार्तिक पशु मेला, लंपी रोग के कारण लिया निर्णय...विभाग ने जारी किए आदेश

गोवंश में फैले लंपी संक्रमण को देखते हुए पशुपालन विभाग ने इस बार अंतरराष्ट्रीय पुष्कर कार्तिक पशु मेला आयोजित (Pushkar cattle fair canceled due to lumpy disease) नहीं करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में पशुपालन विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं.

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इस बार नहीं लगेगा पुष्कर कार्तिक पशु मेला.
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Published : Oct 13, 2022, 6:33 PM IST

अजमेर. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर कार्तिक पशु मेला 2022 का आयोजन इस बार नही होगा. इसका कारण गोवंश में लंपी संक्रमण का फैलना (Pushkar cattle fair canceled due to lumpy disease) है. इस संबंध में पशुपालन विभाग की ओर से आदेश जारी किए जा चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर कार्तिक पशु मेला 2022 का आयोजन 26 अक्टूबर से प्रस्तावित था.

पुष्कर पशु मेला इस बार भी नहीं होने की वजह से पशुपालकों के साथ ही पर्यटन उद्योग को झटका लगा है. राज्य सरकार के पशुपालन विभाग की शासन उपसचिव कश्मी कौर ने पशु मेले का आयोजन नहीं करने के आदेश जारी (Animal Husbandry Department issued order) कर दिए हैं. जबकि आध्यात्मिक धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से विख्यात पशु मेले में पशु आवक और पशु प्रतियोगिताओं के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

पढ़ें. पुष्कर पशु मेले पर लंपी बीमारी का ग्रहण! सरकार के निर्णय पर टिकी सबकी निगाहें

पुष्कर पशु मेला को लेकर यह आदेश...
पशु मेला आयोजित नहीं होगा. कोई animal keeperयदि पशुओं को लेकर पहुंच जाता है तो उसके चारे-पानी की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन एंट्री नहीं होगी. पशु मेले में पशुओं की आवक पूर्णतया प्रतिबंध रहेगी. लंपी रोग के दृष्टिगत पशुपालन विभाग के कार्मिकों को मेला ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा.

पशुपालकों को होगा आर्थिक नुकसानः पुष्कर पशु मेले के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने से पशुपालकों को बड़ा नुकसान होगा. पुष्कर पशु मेले में पशुओं की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त होती है. कोविड 19 की वजह से गत वर्ष पुष्कर पशु मेले का आयोजन छोटे स्तर पर किया गया था. इसमें करीब सवा 5 करोड़ के पशुओं की खरीद-फरोख्त हुई थी. बता दें कि पुष्कर पशु मेले में घोड़े, ऊंट के अलावा गाय, बैल भेड़, बकरी, गधे बिकने के लिए आते हैं. वही राजस्थान की कई जिलों के अलावा अन्य राज्यों से पशुपालक पशु खरीदने के लिए पुष्कर पशु मेले में आते हैं.

पढ़ें. Pushkar Cattle Fair : 26 अक्टूबर को शुरू होना है पुष्कर पशु मेला, सरकार से नहीं मिली है स्वीकृति

पर्यटन उद्योग को लगेगा करारा झटकाः पुष्कर पशु मेले का आयोजन नहीं होने से पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगेगा. दरअसल पशु मेले में पशुओं के साथ लोक संस्कृति की झलक पाने के लिए देशी और विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में पुष्कर आते हैं. पशुओं की होने वाली प्रतियोगिताएं भी पर्यटकों को आकर्षित करती है. पुष्कर पशु मेला पर्यटन उद्योग के लिए रीढ़ की हड्डी मानी जाती है.

अध्यात्म और धार्मिक मेला होगाः पुष्कर पशु मेला का आयोजन नहीं होने के आदेश राज्य सरकार ने जारी कर दिए है. ऐसे में पशु मेले के अंतर्गत होने वाली पशुओं की प्रतियोगिताएं नही होंगी. लेकिन पशुपालन पर्यटन और स्थानीय प्रशासन की ओर से सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे.

अजमेर. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर कार्तिक पशु मेला 2022 का आयोजन इस बार नही होगा. इसका कारण गोवंश में लंपी संक्रमण का फैलना (Pushkar cattle fair canceled due to lumpy disease) है. इस संबंध में पशुपालन विभाग की ओर से आदेश जारी किए जा चुके हैं. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर कार्तिक पशु मेला 2022 का आयोजन 26 अक्टूबर से प्रस्तावित था.

पुष्कर पशु मेला इस बार भी नहीं होने की वजह से पशुपालकों के साथ ही पर्यटन उद्योग को झटका लगा है. राज्य सरकार के पशुपालन विभाग की शासन उपसचिव कश्मी कौर ने पशु मेले का आयोजन नहीं करने के आदेश जारी (Animal Husbandry Department issued order) कर दिए हैं. जबकि आध्यात्मिक धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से विख्यात पशु मेले में पशु आवक और पशु प्रतियोगिताओं के आयोजन पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.

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पुष्कर पशु मेला को लेकर यह आदेश...
पशु मेला आयोजित नहीं होगा. कोई animal keeperयदि पशुओं को लेकर पहुंच जाता है तो उसके चारे-पानी की व्यवस्था की जाएगी, लेकिन एंट्री नहीं होगी. पशु मेले में पशुओं की आवक पूर्णतया प्रतिबंध रहेगी. लंपी रोग के दृष्टिगत पशुपालन विभाग के कार्मिकों को मेला ड्यूटी से मुक्त रखा जाएगा.

पशुपालकों को होगा आर्थिक नुकसानः पुष्कर पशु मेले के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने से पशुपालकों को बड़ा नुकसान होगा. पुष्कर पशु मेले में पशुओं की बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त होती है. कोविड 19 की वजह से गत वर्ष पुष्कर पशु मेले का आयोजन छोटे स्तर पर किया गया था. इसमें करीब सवा 5 करोड़ के पशुओं की खरीद-फरोख्त हुई थी. बता दें कि पुष्कर पशु मेले में घोड़े, ऊंट के अलावा गाय, बैल भेड़, बकरी, गधे बिकने के लिए आते हैं. वही राजस्थान की कई जिलों के अलावा अन्य राज्यों से पशुपालक पशु खरीदने के लिए पुष्कर पशु मेले में आते हैं.

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पर्यटन उद्योग को लगेगा करारा झटकाः पुष्कर पशु मेले का आयोजन नहीं होने से पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगेगा. दरअसल पशु मेले में पशुओं के साथ लोक संस्कृति की झलक पाने के लिए देशी और विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में पुष्कर आते हैं. पशुओं की होने वाली प्रतियोगिताएं भी पर्यटकों को आकर्षित करती है. पुष्कर पशु मेला पर्यटन उद्योग के लिए रीढ़ की हड्डी मानी जाती है.

अध्यात्म और धार्मिक मेला होगाः पुष्कर पशु मेला का आयोजन नहीं होने के आदेश राज्य सरकार ने जारी कर दिए है. ऐसे में पशु मेले के अंतर्गत होने वाली पशुओं की प्रतियोगिताएं नही होंगी. लेकिन पशुपालन पर्यटन और स्थानीय प्रशासन की ओर से सांस्कृतिक और अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे.

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