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Journey of BJP : भाजपा की राजनीतिक यात्रा, दो से 303 तक का 'सफर'

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Published : Apr 6, 2023, 12:42 PM IST

भाजपा आज दुनिया की नंबर वन पार्टी है. पार्टी आज अपना स्थापना दिवस मना रही है. एक समय था, जब उसके मात्र दो सांसद थे, और 2019 में पार्टी को 303 सीटें मिलीं. कैसी रही भाजपा की राजनीतिक यात्रा, एक नजर.

BJP concept photo
भाजपा, कॉन्सेप्ट फोटो

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी आज अपना 44 वां स्थापना दिवस मना रही है. 6 अप्रैल 1980 को भाजपा की नींव रखी गई थी. उस समय भाजपा के अधिकांश सदस्य आरएसएस के सदस्य थे. उससे पहले इसे जनसंघ के नाम से जाना जाता था. जनसंघ की स्थापना 1952 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी. मुखर्जी नेहरू मंत्रिमंडल के सदस्य रह चुके थे. लेकिन कश्मीर मुद्दे पर मतभेद होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

आज भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. इसके बाद दूसरा स्थान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का आता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहने को कहा है. पीएम ने कहा कि एक समय था, जब हमारे पास पॉलिटिकल एक्पीरियंस नहीं था, हमारे सदस्यों की संख्या भी अधिक नहीं थी, तब हमारे पास मॉतृभूमि की भक्ति और लोकतंत्र की शक्ति थी. उन्होंने कहा कि इसकी बदौलत ही हम आगे बढ़ते रहे.

भाजपा की राजनीतिक यात्रा - 1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात्र दो सीटें मिली थीं. उसके सभी उम्मीदवार हार गए थे. हारने वालों में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी भी शामिल थे. भाजपा ने आंध्र प्रदेश की हनामकोंडा और गुजरात की मेहसाणा सीटें जीती थीं. मेहसाणा से एके पटेल चुनाव जीते थे और हनामकोंडा से चंदूपाटिया जंगा रेड्डी ने जीत हासिल की थी. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी, इसलिए इनसे निकली सहानुभूति लहर में सभी पार्टियों की हालत खराब हो गई थी.

इसके बाद 1989 में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई. पार्टी को 89 सीटें मिलीं. तब भाजपा ने जनता दल का समर्थन किया था. वीपी सिंह ने बोफोर्स के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. सरकार का नेतृत्व वीपी सिंह कर रहे थे. लेकिन भाजपा ने अपना समर्थन उस समय वापस ले लिया, जब बिहार में लाल कृष्ण आडवाणी को रथ यात्रा के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था.

1991 में भाजपा को 121 सीटें मिलीं. इस समय कांग्रेस की सरकार बनी थी. सरकार का नेतृत्व पीवी नरसिंह राव के पास था. नरसिंह राव सरकार के समय में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई. 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. उसे 163 सीटें मिलीं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, लेकिन मात्र 13 दिनों में ही सरकार गिर गई. इसके बाद 1998 में फिर से भाजपा सरकार बनी. इसका नेतृत्व फिर से अटल बिहारी वाजपेयी के पास ही रहा. यह सरकार 13 महीनों में गिर गई. इसके बाद 1999 में भाजपा ने एनडीए का गठन किया. 1999 के चुनाव में गठबंधन को 294 सीटें मिलीं. भाजपा को 182 सीटें मिली थीं.

2004 और 2009 में यूपीए की सरकार बनी. 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रच दिया. पहली बार पार्टी को अपने दम पर जीत हासिल हुई. पार्टी को 282 सीटें मिलीं. 1984 के बाद यह पहला मौका था, जब किसी एक दल को अपने दम पर बहुमत हासिल हुआ था. 2019 में पार्टी ने उससे भी बड़ा कमाल किया. पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई. पार्टी को 303 सीटें मिलीं.

ये भी पढ़ें : BJP Foundation day: बीजेपी के स्थापना दिवस पर पीएम मोदी बोले-परिवारवाद, वंशवाद, जातिवाद और क्षेत्रवाद कांग्रेस जैसे दलों की राजनीतिक संस्कृति

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी आज अपना 44 वां स्थापना दिवस मना रही है. 6 अप्रैल 1980 को भाजपा की नींव रखी गई थी. उस समय भाजपा के अधिकांश सदस्य आरएसएस के सदस्य थे. उससे पहले इसे जनसंघ के नाम से जाना जाता था. जनसंघ की स्थापना 1952 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने की थी. मुखर्जी नेहरू मंत्रिमंडल के सदस्य रह चुके थे. लेकिन कश्मीर मुद्दे पर मतभेद होने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.

आज भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है. इसके बाद दूसरा स्थान चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का आता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहने को कहा है. पीएम ने कहा कि एक समय था, जब हमारे पास पॉलिटिकल एक्पीरियंस नहीं था, हमारे सदस्यों की संख्या भी अधिक नहीं थी, तब हमारे पास मॉतृभूमि की भक्ति और लोकतंत्र की शक्ति थी. उन्होंने कहा कि इसकी बदौलत ही हम आगे बढ़ते रहे.

भाजपा की राजनीतिक यात्रा - 1984 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात्र दो सीटें मिली थीं. उसके सभी उम्मीदवार हार गए थे. हारने वालों में अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी भी शामिल थे. भाजपा ने आंध्र प्रदेश की हनामकोंडा और गुजरात की मेहसाणा सीटें जीती थीं. मेहसाणा से एके पटेल चुनाव जीते थे और हनामकोंडा से चंदूपाटिया जंगा रेड्डी ने जीत हासिल की थी. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या हो गई थी, इसलिए इनसे निकली सहानुभूति लहर में सभी पार्टियों की हालत खराब हो गई थी.

इसके बाद 1989 में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई. पार्टी को 89 सीटें मिलीं. तब भाजपा ने जनता दल का समर्थन किया था. वीपी सिंह ने बोफोर्स के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. सरकार का नेतृत्व वीपी सिंह कर रहे थे. लेकिन भाजपा ने अपना समर्थन उस समय वापस ले लिया, जब बिहार में लाल कृष्ण आडवाणी को रथ यात्रा के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था.

1991 में भाजपा को 121 सीटें मिलीं. इस समय कांग्रेस की सरकार बनी थी. सरकार का नेतृत्व पीवी नरसिंह राव के पास था. नरसिंह राव सरकार के समय में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद गिरा दी गई. 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. उसे 163 सीटें मिलीं. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, लेकिन मात्र 13 दिनों में ही सरकार गिर गई. इसके बाद 1998 में फिर से भाजपा सरकार बनी. इसका नेतृत्व फिर से अटल बिहारी वाजपेयी के पास ही रहा. यह सरकार 13 महीनों में गिर गई. इसके बाद 1999 में भाजपा ने एनडीए का गठन किया. 1999 के चुनाव में गठबंधन को 294 सीटें मिलीं. भाजपा को 182 सीटें मिली थीं.

2004 और 2009 में यूपीए की सरकार बनी. 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रच दिया. पहली बार पार्टी को अपने दम पर जीत हासिल हुई. पार्टी को 282 सीटें मिलीं. 1984 के बाद यह पहला मौका था, जब किसी एक दल को अपने दम पर बहुमत हासिल हुआ था. 2019 में पार्टी ने उससे भी बड़ा कमाल किया. पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई. पार्टी को 303 सीटें मिलीं.

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