वारंगल (तेलंगाना) : श्मशान घाट का नाम सुनते ही हर कोई सहम सा जाता है. कोई भी उस ओर जाने से डरता है, लेकिन तेलंगाना के हनुमानकोंडा का एक श्मशान घाट तो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. यह श्मशान घाट किसी दार्शनिक स्थल से कम नहीं लगता है. यहां पर श्मशान घाट को चारों तरफ से हरे भरे पौधों और फूलों के पेड़ों से आकर्षण ढंग से सजाया गया है. यह शाश्वस सत्य है कि जिसने भी जन्म लिया है उसे एक दिन मरना ही है. ऐसे में किसी भी व्यक्ति की मौत हो जाने पर उसके परिजन श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करेंगे.
ऐसी जगह यदि साफ-सुथरी हो तो यहां पर आने वाले लोगों का मन हल्का हो जाता है. इन्हीं कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए हनुमानकोंडा में राज्य सरकार के द्वारा बैकुंठधामम के नाम से उन्नत श्मशान घाटों का निर्माण करा रही है. इन्हीं में से एक हनुमानकोंड़ा स्थित वाजपेयी कॉलोनी का श्मशान घाट है. यहां के श्मशानघाट को कुछ इस तरह से मूर्त रूप दिया गया है कि बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति पहली नजर में श्मशान घाट के रूप में नहीं पहचान सकेगा.
इतना ही नहीं वारंगल महा नगर निगम के द्वारा तीन करोड़ 80 लाख रुपये से एक एकड़ की भूमि पर बनाए गए श्मशान घाट में विश्राम कक्षों के साथ स्नान करने की सुविधा भी मुहैया कराई गई है. साथ ही यहां की दीवारों पर राजा हरिश्चंद्र औऱ अन्य कहानियों के चित्र भी दीवारों पर उकेरे गए हैं. यहां पर आने के बाद लोगों को सहसा सत्यता का पता चल सकेगा. जिससे वह अपनी गल्तियों को भविष्य के लिए सुधार लेगा. बताया गया है कि इस श्मशान घाट को शीघ्र ही जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
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