नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने छठ पर हो रही राजनीति को लेकर केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी जैसी पार्टियों पर लखीमपुर खीरी घटना को तूल देने का आरोप लगाया है. कांग्रेस से यह सवाल भी किया है कि राजस्थान में दलित युवक की जिस तरह पीट-पीटकर हत्या की गई है कांग्रेस उस पर जवाब क्यों नहीं दे रही.
आरपी सिंह ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने जब दिल्ली में सारे बाजार खोल दिए. कोरोना वायरस प्रोटोकॉल यातायात के साधनों से भी हटा दिया गया तो आखिर छठ के घाटों पर पाबंदी क्यों लगाई गई है.
उन्होंने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि इसी तरह केजरीवाल ने कोरोना संक्रमण के दौरान एक खास प्रांत के श्रमिकों को डरा कर यहां से विस्थापन के लिए मजबूर किया था. उन्होंने कहा कि मजदूरों के सामने ऐसी स्थिति पैदा की गई थी कि वह अपने घर की तरफ वापस लौट पड़े थे, जिससे कोरोना की स्थिति काफी बिगड़ गई थी और अब छठ पूजा पर भी वह इसी तरह की राजनीति कर रहे हैं.
इस सवाल पर कि अलग-अलग राज्यों में हो रही घटनाओं को लेकर पूरा विपक्ष लामबंद है. चाहे लखीमपुर खीरी की घटना हो या फिर कश्मीर में मारे जा रहे खास समुदाय के लोगों को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा पर आरोप लगा रहा है. आर पी सिंह ने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले को कांग्रेस अपने राजनीतिक महत्वाकांक्षा के तौर पर देख रही है. जहां तक इस मामले पर उत्तर प्रदेश की सरकार की बात हो सरकार ने समय पर जांच बिठाते हुए पीड़ितों को मुआवजा भी दिया,लेकिन प्रियंका गांधी वहां राजनीतिक उद्देश्य से जा रही हैं.
उन्होंने कहा कि पीड़ितों से मिलना कोई गलत बात नहीं. उन्हें भी अपनी राजनीति चलानी है तो मिलना चाहिए लेकिन गलत आरोप सरकार पर नहीं लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को बढ़ाने की कोशिश की लेकिन वह फेल हो गए तो अब कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को आगे बढ़ाया है लेकिन उनका भी कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा.
'अनुच्छेद 370 हटाने से माहौल में परिवर्तन आया'
इस सवाल पर कि कश्मीर से 370 हटाने के बाद आतंकवादियों द्वारा की जा रही हत्या को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि यह एक इमेज बनाने की कोशिश की जा रही है. क्या 1990 के दशक में कश्मीर में हत्या नहीं हुई थीं. साथ ही उन्होंने कहा कि क्या आज के समय एक भी घटना पत्थरबाजी की सुनाई पड़ती है, इसके अलावा क्या रात रात भर चलने वाले एनकाउंटर या गोलीबारी की घटनाएं सुनने को मिलती हैं.
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उन्होंने कहा कि एक-दो घटनाओं को लेकर विपक्ष को राजनीति करने का मौका मिल जाता है, लेकिन कश्मीर की जनता यह जानती है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद वहां के माहौल में परिवर्तन आया है.
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