देहरादून: 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सेना के वीरों और शहीदों को नमन किया है.
उत्तराखंड के चार दिवसीय दौरे पर देहरादून में मौजूद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट किया कि 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' के मौके पर मैं सशस्त्र सेना के जवानों और उनके परिवारों के राष्ट्र के प्रति साहस और बलिदान का अभिनंदन करता हूं. आइए हमारे सशस्त्र बलों के परिवारों के कल्याण में योगदान करने के लिए कृतसंकल्प हों.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट किया कि 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस' हमारे सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को नमन करने और उनके कल्याण के लिए योगदान करने का पावन दिन है. आइये, हम इस अवसर पर सशस्त्र बलों के परिजनों के कल्याणार्थ योगदान करने की शपथ लें जय हिंद'.
सन् 1949 से हर वर्ष सात दिसंबर को देशभर में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य वर्दी धारियों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है, जो अनगिनत मौकों पर देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान खतरे में डालते हैं.
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास भारत के रक्षा मंत्रालय के तहत 28 अगस्त, 1949 को एक समिति का गठन किया गया था. सात दिसंबर को एक वार्षिक ध्वज दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था. इसका उद्देश्य छोटी मोटी वस्तुएं वितरित कर धन एकत्रित करना था.
झंडा दिवस मनाने के तीन महत्वपूर्ण उद्देश्य
⦁ सेवारत कर्मियों और उनके परिवारों का कल्याण.
⦁ पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों का पुनर्वास और कल्याण.
⦁ युद्ध के हताहतों के पुनर्वास, सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान के लिए आम जनता से अपील.