नई दिल्ली : वेटलिफ्टर मीराबाई चानू (Weightlifter Mirabai Chanu) ने सिल्वर मेडल (silver medal) जीतकर देश का नाम रोशन किया है. टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर जीतने के बाद चानू ने एक टिप्पणी में कहा था कि उन्होंने लंबे समय से पिज्जा नहीं खाया है. इस पर एक प्रतिष्ठित पिज्जा कंपनी डोमेनिको ने कहा है कि वह मीराबाई चानू को आजीवन मुफ्त पिज्जा खिलाएगी.
टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में मीराबाई के रजत जीतने के बाद पिज्जा कंपनी की भारतीय इकाई ने एक ट्वीट में उन्हें बधाई दी. कंपनी ने लिखा, 'आपने एक अरब से ज्यादा भारतीयों के सपनों को साकार किया है. हम आपको जीवन भर के लिए मुफ्त पिज्जा देने से ज्यादा खुश नहीं हो सकते.
ओलंपिक में रजत पदक जीतकर भारतीय भारोत्तोलन में नया इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू ने शनिवार को कहा कि वह अब अभ्यास की परवाह किए बिना अपने परिजनों के साथ छुट्टियां बिता सकती हैं क्योंकि पिछले पांच वर्षों में वह केवल पांच दिन के लिये मणिपुर स्थित अपने घर जा पाई.
चानू ने कहा, 'पिछले पांच वर्षों में मैं केवल पांच दिन के लिए घर जा पाई थी. अब मैं इस पदक के साथ घर जाऊंगी.
उनका परिवार नोंगपोक काकचिंग गांव में रहता है जो इंफाल से लगभग 20 किमी दूर है.
चानू ने खुलासा किया कि रियो ओलंपिक खेलों में असफल रहने के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और तकनीक पूरी तरह से बदल दी थी ताकि वह तोक्यो में अच्छा प्रदर्शन कर सके.
चानू ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) द्वारा आयोजित वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'ओलंपिक पदक जीतने का मेरा सपना आज पूरा हो गया. मैंने रियो में काफी कोशिश की थी लेकिन तब मेरा दिन नहीं था. मैंने उस दिन तय किया था कि मुझे तोक्यो में खुद को साबित करना होगा.'
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मीराबाई को पांच साल पहले रियो में भी पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन वह महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में वैध वजन उठाने में असफल रही थी.
उन्होंने कहा, 'मुझे उस दिन काफी सबक मिले थे. मेरी ट्रेनिंग और तकनीक बदल गई थी. हमने उसके बाद काफी कड़ी मेहनत की.'
मुख्य कोच विजय शर्मा ने भी खुलासा किया कि रियो के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन पर काफी दबाव था.
उन्होंने कहा, 'रियो की असफलता के बाद मुझ पर भी काफी दबाव था. हम सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में नाकाम रहे थे. हमसे तब भी पदक की उम्मीद की जा रही थी.'
तोक्यो में स्वयं को साबित करने के लिये प्रतिबद्ध चानू और शर्मा ने इसके बाद इस मणिपुरी खिलाड़ी की ट्रेनिंग और तकनीक में काफी बदलाव किए.
शर्मा ने कहा, 'इसके बाद हमने अभ्यास के तरीकों में काफी बदलाव किए. इसके बाद हमने 2017 में विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे परिणाम देखे. उसने पिछले छह वर्षों में अभ्यास के अलावा कुछ नहीं किया है.'
(एजेंसी इनपुट के साथ)