जयपुर. राजधानी दिल्ली में संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों का एक साथी राजस्थान के एक गांव में छिपा था. उसकी लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस और आईबी उस गांव में पहुंची, लेकिन आरोपी का वहां भी कोई सुराग नहीं मिल पाया. वो इस पूरी साजिश का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. हालांकि, फिलहाल पुलिस को उस आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने और भीतर व बाहर स्मॉक बम (पटाखे) चलाकर नारेबाजी करने वाले आरोपियों के एक साथी की आखिरी लोकेशन नीमराणा के गंडाला गांव में मिली थी. उसके आधार पर पुलिस और आईबी की टीम गांव में पहुंची और आरोपी की तलाश की, लेकिन आरोपी का वहां कोई सुराग नहीं मिला.
खाली हाथ लौटी पुलिस : बताया जा रहा है कि पुलिस और आईबी की टीम के पहुंचने से पहले ही वो वहां से फरार हो गया था. उसका नाम ललित झा है और वो एक एनजीओ से जुड़ा है. बता दें कि इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सागर शर्मा, नीलम, अमोल शिंदे और मनोरंजन गौड़ा को गिरफ्तार किया है. एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया गया है, जबकि पकड़े गए आरोपियों के साथ ही ललित झा के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 453, 153, 186, 353 और यूएपीए की धारा 16 और 18 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
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डेढ़ साल पहले सभी की हुई थी मैसूरू में मुलाकात : डेढ़ साल पहले मैसूरू में मिले सोशल मीडिया से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आरोपियों का अभी तक किसी भी संगठन से जुड़े होने की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन ने संसद भवन के पास का इंतजाम किया था. ये सभी आरोपी सोशल मीडिया ग्रुप भगत सिंह फैन क्लब से जुड़े हुए थे. बताया जा रहा है कि सभी आरोपी डेढ़ साल पहले मैसूरू में मिले थे. सागर लखनऊ से जुलाई में दिल्ली आया था, लेकिन संसद भवन में प्रवेश नहीं कर सका था, जबकि 10 दिसंबर को बाकी के आरोपी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे. इंडिया गेट के पास वे इकट्ठा हुए, जहां रंगीन पटाखे सभी को दिए गए.
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एक को सांसदों ने पकड़ा था : यह घटना बुधवार दोपहर एक बजकर एक मिनट पर हुई थी. लोकसभा में पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल शून्यकाल की कार्यवाही को संचालित कर रहे थे, तभी दो शख्स दर्शक दीर्घा से नीचे कूद गए. नीले रंग की जैकेट पहना एक शख्स सांसदों की सीट पर कूदने लगा. वो आसन की तरफ जाने लगा. कुछ सांसदों ने हिम्मत दिखाकर उसे घेर लिया और मार्शल भी दौड़कर आ गए. उसने जूते से कुछ निकाला और पीला धुंआ उठने लगा. बाद में दोनों युवकों को दबोच लिया गया. वहीं, संसद के बाहर प्रदर्शन करते हुए दो लोगों को पकड़ा गया था.