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कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी आज थामेंगे 'हाथ' - kanhaiya kumar and jignesh mewani

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोनों युवा नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे.

जिग्नेश मेवानी
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Published : Sep 28, 2021, 10:27 AM IST

नई दिल्ली: सीपीआई नेता और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोनों युवा नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे.

बता दें हाल ही में कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में अटकलें तेज हो गई थीं.

जिग्नेश मेवानी
जिग्नेश मेवानी

जिग्नेश मेवानी दलित आंदोलन का चेहरा

जिग्नेश मेवानी दलित आंदोलन का चेहरा रहे हैं. राजनीति में आने से पहले वह पत्रकार, वकील थे और फिर दलित एक्टिविस्ट बने और अब नेता हैं. मेवानी तब अचानक सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने वेरावल में उना वाली घटना के बाद घोषणा की थी कि अब दलित लोग समाज के लिए मरे हुए पशुओं का चमड़ा निकालने, मैला ढोने जैसा 'गंदा काम' नहीं करेंगे. इसके बाद से मेवानी देश भर की सुर्खियों में रहे हैं. वो अक्सर प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं.

कन्हैया की मोदी विरोध पहचान

कन्हैया कुमार छात्र आंदोलन से निकले हैं. सीपीआई के छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़े हुए रहे हैं. वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ा था और बीजेपी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह से हार गए थे.

राहुल के करीबी छोड़ रहे कांग्रेस

वहीं, कांग्रेस में युवा नेता पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी या अन्य दलों का दामन थाम रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, अशोक तंवर, प्रियंका चतुर्वेदी, ललितेशपति त्रिपाठी जैसे कई युवा नेता कांग्रेस छोड़कर चले गए. ये सभी ऐसे नाम हैं, जिन्हें राहुल गांधी के सबसे प्रमुख करीबियों में गिना जाता था. राहुल के इस यूथ ब्रिगेड को कांग्रेस के भविष्य का चेहरा माना जाता था. इसके बाद भी कांग्रेस इन्हें पार्टी में रोककर नहीं रख सकी.

कांग्रेस में एक के बाद एक कई युवा नेता पार्टी छोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ गुलाम नबी आजाद सहित तमाम बुजुर्ग नेता पार्टी में साइड लाइन हैं. माना जा रहा है कि युवा नेताओं के जाने से पैदा हुए वैक्यूम को भरने के लिए कांग्रेस कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी की एंट्री करा रही है. दोनों ही नेता युवा हैं, आंदोलन से निकले हैं और अपनी पीढ़ी के युवाओं के बीच अच्छी पकड़ भी रखते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया, जिग्नेश और हार्दिक जैसे नेताओं की 'आउटसोर्स' करके युवाओं की पार्टी न रहने का ठप्पा हटाना चाहती है.

नई दिल्ली: सीपीआई नेता और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी दोनों युवा नेताओं को पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे.

बता दें हाल ही में कन्हैया कुमार ने राहुल गांधी से मुलाकात की थी जिसके बाद से ही राजनीतिक गलियारे में अटकलें तेज हो गई थीं.

जिग्नेश मेवानी
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जिग्नेश मेवानी दलित आंदोलन का चेहरा

जिग्नेश मेवानी दलित आंदोलन का चेहरा रहे हैं. राजनीति में आने से पहले वह पत्रकार, वकील थे और फिर दलित एक्टिविस्ट बने और अब नेता हैं. मेवानी तब अचानक सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने वेरावल में उना वाली घटना के बाद घोषणा की थी कि अब दलित लोग समाज के लिए मरे हुए पशुओं का चमड़ा निकालने, मैला ढोने जैसा 'गंदा काम' नहीं करेंगे. इसके बाद से मेवानी देश भर की सुर्खियों में रहे हैं. वो अक्सर प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं.

कन्हैया की मोदी विरोध पहचान

कन्हैया कुमार छात्र आंदोलन से निकले हैं. सीपीआई के छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन से जुड़े हुए रहे हैं. वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार के बेगूसराय से चुनाव लड़ा था और बीजेपी के उम्मीदवार गिरिराज सिंह से हार गए थे.

राहुल के करीबी छोड़ रहे कांग्रेस

वहीं, कांग्रेस में युवा नेता पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी या अन्य दलों का दामन थाम रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, अशोक तंवर, प्रियंका चतुर्वेदी, ललितेशपति त्रिपाठी जैसे कई युवा नेता कांग्रेस छोड़कर चले गए. ये सभी ऐसे नाम हैं, जिन्हें राहुल गांधी के सबसे प्रमुख करीबियों में गिना जाता था. राहुल के इस यूथ ब्रिगेड को कांग्रेस के भविष्य का चेहरा माना जाता था. इसके बाद भी कांग्रेस इन्हें पार्टी में रोककर नहीं रख सकी.

कांग्रेस में एक के बाद एक कई युवा नेता पार्टी छोड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ गुलाम नबी आजाद सहित तमाम बुजुर्ग नेता पार्टी में साइड लाइन हैं. माना जा रहा है कि युवा नेताओं के जाने से पैदा हुए वैक्यूम को भरने के लिए कांग्रेस कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी की एंट्री करा रही है. दोनों ही नेता युवा हैं, आंदोलन से निकले हैं और अपनी पीढ़ी के युवाओं के बीच अच्छी पकड़ भी रखते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस कन्हैया, जिग्नेश और हार्दिक जैसे नेताओं की 'आउटसोर्स' करके युवाओं की पार्टी न रहने का ठप्पा हटाना चाहती है.

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