जयपुर. हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र में पट्टा जारी करने की आवास में रिश्वत राशि की मांग करने संबंधित प्रकरण में फिलहाल न्यायिक जांच चल रही है. ऐसे में स्वायत्त शासन विभाग ने एसीबी की ओर से मेयर हाउस पर मेयर पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को 2 लाख रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार करने, महापौर के घर से 40 लाख रुपये की संदिग्ध नकदी बरामद होने और इस पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टया मुनेश गुर्जर की संलिप्तता होने के चलते उन्हें दोषी और उत्तरदाई माना है.
जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण में दोषी पाए जाने पर मुनेश गुर्जर को 17 अगस्त को स्पष्टीकरण नोटिस भी जारी किया गया था, जिसमें व्यक्तिगत उपस्थित होकर या लिखित में जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए थे. इस पर मुनेश गुर्जर की ओर से मिला जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने के चलते राज्य सरकार की ओर से न्यायिक जांच के लिए विधि विभाग को प्रेषित किया गया. स्वायत्त शासन विभाग की ओर से शुक्रवार रात में जारी आदेश में मुनेश गुर्जर की ओर से महापौर पद का दुरुपयोग करने और पद के प्रतिकूल आचरण की बात कही गई है. साथ ही न्यायिक जांच प्रभावित न हो इसे ध्यान में रखते हुए मुनेश गुर्जर को पार्षद और महापौर पद से निलंबित करने के आदेश जारी किए गए हैं.
इससे पहले निलंबित महापौर मुनेश गुर्जर के बेटे ने एक बयान जारी करते हुए उनके माता-पिता को फंसाने के लिए मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को जिम्मेदार ठहराया. अपने बयान में मुनेश गुर्जर के बेटे दक्ष गुर्जर ने ये तक कह दिया कि वो इस मामले में इतना दुखी था कि सुसाइड करने जा रहा था. उसने डरे होने की बात करते हुए सुरक्षा की मांग भी की थी. आपको बता दें कि हाल ही में एसीबी की ओर से ट्रैप हुए मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को हाई कोर्ट से जमानत मिली थी, लेकिन मेयर के खिलाफ न्यायिक जांच पेंडिंग थी.