जयपुर. राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन सरहद के तहत मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई (Rajasthan Intelligence Big Action) को अंजाम दिया गया. राजस्थान इंटेलिजेंस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को गोपनीय दस्तावेज और युद्धाभ्यास की फोटो व वीडियो भेजने वाले सेना के जवान शांतिमोय राणा को गिरफ्तार किया है.
डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि सेना के जवान को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की दो महिला एजेंट ने पहले (Indian Jawan Trapped by ISI) हनी ट्रैप के जाल में फंसाया और फिर उसे धनराशि का प्रलोभन देकर सामरिक महत्व की सूचनाएं प्राप्त की. आरोपी जवान सोशल मीडिया के जरिए लगातार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट के संपर्क में था और उन्हें सामरिक महत्व की सूचनाएं शेयर कर रहा था. जिस पर इंटेलिजेंट द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही थी और उसे 25 जुलाई को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की गई थी.
पूछताछ में यह तथ्य सामने आए हैं कि 24 वर्षीय शांतिमोय राणा पश्चिम बंगाल का रहने वाला है जो मार्च 2018 से भारतीय सेना में कार्यरत है. वह पिछले काफी समय से व्हाट्सएप चैट और व्हाट्सएप ऑडियो-वीडियो कॉल के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट के संपर्क में है. आरोपी को जयपुर लाने के बाद राज्य विशेष शाखा के शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर (Pak Spy Arrested in Rajasthan) मंगलवार को गिरफ्तार किया गया. आरोपी का मोबाइल फोन तकनीकी विश्लेषण के लिए सीज कर एफएसएल जांच के लिए भेजा गया है.
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गुरनूर कौर उर्फ अंकिता और निशा के जाल में फंसा सेना का जवान : डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया सेना का जवान शांतिमोय राणा काफी संवेदनशील रेजीमेंट में तैनात था. आरोपी को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट ने गुरनूर कौर उर्फ अंकिता और निशा के नाम से हनी ट्रैप के जाल में फंसाया. गुरनूर कौर उर्फ अंकिता ने अपने आपको उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर निवासी बताते हुए मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज में कार्यरत होना बताया.
इसी प्रकार से दूसरी महिला एजेंट ने अपना नाम निशा बताते हुए खुद को मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में कार्यरत होना बताया. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की दोनों महिला एजेंट ने आरोपी को हनी ट्रैप में फंसा कर और धनराशि का प्रलोभन देकर सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों के फोटो व युद्धाभ्यास के वीडियो मांगे. जिस पर आरोपी ने प्रलोभन में आकर (Leaking Confidential Documents to Pakistani Intelligence Agency) अपनी रेजिमेंट के गोपनीय दस्तावेज व युद्धाभ्यास के वीडियो सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंटों को भेज कर अपने बैंक खाते में धनराशि प्राप्त की. हालांकि, आरोपी ने कितनी धनराशि अब तक प्राप्त की है, इसके बारे में पड़ताल की जा रही है और साथ ही प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच जारी है.