फरीदाबाद: भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के खिलाफ ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गये. लेकिन बहुत बड़ी आबादी ऐसे लोगों की भी है जिनके परिजन हिट एंड रन का शिकार हो कर दुनिया से चले गए या फिर जीवन भर के लिए अपंग हो गये. ऐसे लोग भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के समर्थन में खड़े हो गये हैं.
नये कानून का स्वागत: फरीदाबाद की रहने वाली सोनी रावत आज भी उस मंजर को याद कर सिहर जाती है, जब सड़क पार करने के दौरान तेज गति से आ रही मिनी बस की टक्कर से उनकी मां बेदही देवी की मौत हो गयी थी. सोनी रावत ने बताया कि 31 अक्टूबर 2017 को शाम के वक्त फरीदाबाद के अजरौंदा चौक स्थित खाटू श्याम मंदिर से दर्शन करके वापस आ रहे थे. हम सड़क क्रॉस करने लगे तो इतने में तेजी से एक मिनी बस आई. मिनी बस मुझे, मेरी मम्मी को और मेरी बेटी को टक्कर मारते हुए भाग गई. टक्कर के कारण मेरी माता जी की वहीं मौत हो गयी. मेरी एक आंख खराब हो गई और मेरी बेटी को भी गंभीर चोटें आई. उस हादसे को हम भुला नहीं पा रहे हैं. हम नये कानून का समर्थन करते हैं ताकि किसी और के साथ ऐसा नहीं हो जो हमारे साथ हुआ है.
न्याय की बढ़ी उम्मीद: हिट एंड रन हादसे में जान गंवाने वाली बेदही देवी के बेटे अंशु रावत ने बताया कि नये कानून के आने के बाद हमें ज्यादा खुशी हो रही है ताकि किसी के साथ भी इस तरह की घटना ना हो. हिट एंड रन से हम खुद पीड़ित हैं. हादसे में मेरी माता जी की मृत्यु हो गई और मेरी बहन की एक आंख चली गई. आज तक माताजी का डेथ सर्टिफिकेट भी नहीं मिला है. हम नौकरी पेशे वाले लोग हैं, हर जगह चक्कर काट के थक चुके हैं. हमने उम्मीद भी छोड़ दी है. तीन-चार दिन के बाद फाइलें बंद कर दी जाती है. लेकिन इस कानून के आने के बाद एक आस जगी है. कानून अच्छा है, इसका हम समर्थन करते हैं.
नये कानून में क्या है?: भारतीय न्याय संहिता 2023 में संशोधन के बाद हिट एंड रन मामले में दस साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा सात लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.
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