मेष राशि (चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
सबसे पहले मेष राशि के जातकों की बात करें तो बृहस्पति आपके नौवें और बारहवें भाव का स्वामी है. बृहस्पति इस मार्गी गोचर काल के दौरान जन्म पत्रिका के दसवें भाव में संचरण करेंगे. इस समय आपको अपने क्षेत्र में सामान्य सफलता मिलने की उम्मीद है. राशि के लोगों को इस समय अपने काम में सफलता मिलेगी. अब नई नौकरी के भी अवसर मिलेंगे. कारोबारियों के लिए लाभ की संभावना है.
वृषभ राशि (ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
बृहस्पति के इस गोचर काल के दौरान आपका व्यक्तित्व आकर्षक होगा. वृषभ राशि के जातकों की बात करें तो बृहस्पति आपके आठवें और ग्यारहवें भाव का स्वामी है. स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी समय अनुकूल रहेगा. इस समय गुरु आपकी राशि से नवम यानी भाग्य भाव में गोचर करेगा. संतान को उचित कामयाबी मिलने की संभावना है. छात्रों को अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे, कोई बड़ी उपलब्धि मिल सकती है.
मिथुन राशि (का, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा)
गुरु का मार्गी गोचर आपके कुंडली के आठवें स्थान पर होगा. राशि के जातकों की बात करें तो गुरु आपके सातवें और दसवें भाव का स्वामी है. गुरु के इस गोचर के प्रभाव से सभी सांसारिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि का लाभ मिलेगा. पुराने रोगों से राहत होने से स्वास्थ्य बेहतर होगा.
कर्क राशि (ही, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
गुरु का मार्गी गोचर कर्क राशि के जातकों के सातवें स्थान पर होगा. गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आप धर्म के कार्यों में अपना सहयोग देंगे. इस गोचर काल के दौरान दान-धर्म आदि के कार्य भी कर सकते हैं. धन के मामले में कुछ मिले-जुले प्रभाव मिलेंगे, यह समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
सिंह राशि (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
इस गोचर काल के दौरान आपका बृहस्पति आपकी पत्रिका के छठे स्थान पर होगा. बृहस्पति के इस गोचर के प्रभाव से भाग्य का साथ नहीं मिल पाएगा. आर्थिक रूप से सावधानी बरतें और उचित परामर्श लेने के बाद ही निवेश का फैसला लें.
कन्या राशि (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
गुरु के मार्गी गोचर काल के दौरान आपके पांचवें स्थान पर होने जा रहा है. पंचम और नौवें भाव को त्रिकोण भाव कहा जाता है. गुरु के इस गोचर के कारण गुरुओं और वरिष्ठों का सहयोग कन्या राशि को मिलेगा. वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी. जीवन साथी का सहयोग प्राप्त होगा.
तुला राशि (रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
बृहस्पति के मार्गी गोचर काल के दौरान माता पक्ष से सहयोग मिलेगा. गुरु का मार्गी गोचर आपकी कुंडली के चौथे स्थान पर होगा. गुरु के इस गोचर के प्रभाव से माता का सहयोग प्राप्त होगा. दूसरों की मदद का मौका मिलेगा. स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी समय बेहतर रहेगा.
वृश्चिक राशि (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
बृहस्पति इस मार्गी गोचर काल के दौरान जन्म पत्रिका के तीसरे भाव में होगा.इस गोचर काल के दौरान आर्थिक पक्ष के लिहाज से यह समय बेहद अनुकूल रहेगा. वृश्चिक राशि के लोगों को इस समय अपने काम में सफलता मिलेगी. अब नई नौकरी के भी अवसर मिलेंगे.
धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढ, भे)
बृहस्पति इस मार्गी गोचर काल के दौरान जन्म पत्रिका के दूसरे भाव में संचरण करेंगे. गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आर्थिक पक्ष बेहद अनुकूल रहेगा, धन का लाभ होगा. इस समय आपको अपने कार्य क्षेत्र में बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है.
मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
बृहस्पति इस मार्गी गोचर काल के दौरान जन्म पत्रिका के पहले भाव में संचरण करेंगे. निवेश आदि से धन के मामले में यह समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.कारोबारियों के लिए लाभ की संभावना है नौकरीपेशा लोगों के लिए भी यह समय अच्छा रहने वाला है.
कुम्भ राशि (गु, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
बृहस्पति इस मार्गी गोचर काल के दौरान जन्म पत्रिका के बारहवें भाव में संचरण करेंगे. गुरु के इस गोचर के प्रभाव से आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी. जरूरी या गैर जरूरी खर्च की संभावना है इसलिए आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए. इस दौरान शिक्षा अच्छी रहेगी. प्रतियोगिता में बैठने वाले छात्रों के लिए भी समय बेहतर रहेगा.
मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची)
बृहस्पति इस मार्गी गोचर काल के दौरान जन्म पत्रिका के ग्यारहवें भाव में संचरण करेंगे. आपका झुकाव धार्मिक गतिविधियों की तरफ ज्यादा रहने वाला है.पारिवारिक रिश्ते मजबूत होंगे. घर परिवार का वातावरण सुखद व शांतिपूर्ण रहेगा. पहले से चली आ रही समस्या का समाधान होगा. देव गुरु बृहस्पति आपके राशि और कर्म भाव के स्वामी हैं.पारिवारिक जीवन अनुकूल रहेगा. इस दौरान आप अपने भाई बहनों के साथ प्यार बढ़ेगा.
देव गुरु बृहस्पति की अनुकूलता प्राप्ति के उपाय
- गाय और गुरु की सेवा करें.
- हल्दी या पीले केसर का तिलक लगाएं.
- बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें.
- मंदिर और धार्मिक कार्यों में सहयोग करें.
- केले के वृक्ष को जल से सींचे.
- संभव हो तो बृहस्पतिवार का व्रत रखें.