दीपावली के ठीक एक दिन बाद गोवर्धन पूजा भारत के प्रमुख हिस्सों में बहुत उत्साह के साथ की जाती है. यह दीपावली के त्योहारों का चौथा पर्व है. अन्य पर्वों की तरह इसका भी खास महत्व है. गोवर्धन पूजा के दिन कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. तभी उसका उचित लाभ मिलता है.
आइए जानते हैं कि क्या करें और क्या न करें...
- कभी भी बंद कमरे में गोवर्धन पूजा नही करनी चाहिए. बंद कमरे में पूजा करने से बेहद अशुभ संकेत कहा जाता है.
- गोवर्धन पूजा का यह पर्व गौ माता व प्रकृति से जुड़ा हुआ है. इस दिन गौ, गोबर व गोबर्धन की उपादेयता कही जाती है. इस दिन गो माता का आशीर्वाद जरूर लेना चाहिए.
- भगवान कृष्ण को गोपाल कहने के पीछे यही धारणा है, क्यों कि वह गौ और बछड़ों को पाला करते थे. अगर गौ माता के साथ उनके बछड़े की पूजा हो तो अति उत्तम माना जाता है.
- गोवर्धन पूजा के दिन गंदे कपड़े न पहनें. अगर आप नए कपड़े नहीं खरीद सकते हैं तो साफ-सुथरे कपड़े में गोवर्धन पूजा व गोवर्धन परिक्रमा करें.
- गोवर्धन पूजा परिवार के सदस्यों को एक साथ करनी चाहिए. अलग-अलग पूजा करना अशुभ माना जाता है.
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- गोवर्धन पूजा के दिन काले और लाल रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. इस दिन हल्के पीले या नारंगी रंग के कपड़े पहनें तो अति उत्तम रहता है.
- गोवर्धन पूजा के दिन संभव हो तो गोवर्धन परिक्रमा नंगे पैर करें. इससे स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं से परेशान लोगों को राहत मिलती है.
- गोवर्धन परिक्रमा को कभी भी अधूरा न छोड़ें. गोवर्धन परिक्रमा को बीच में छोड़ना अशुभ माना जाता है.
- गोवर्धन पूजा के दिन शराब या मांस का सेवन न करें. गोवर्धन पूजा के समय इसका उपयोग करना अशुभ माना जाता है.
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