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Shekhawat Defamation Case: CM गहलोत को कोर्ट से झटका, मानहानि का चलता रहेगा केस

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 19, 2023, 11:03 AM IST

Updated : Sep 19, 2023, 3:05 PM IST

Gajendra Singh Shekhawat defamation case: गजेंद्र सिंह शेखावत के मानहानि मामले में गुरुवार को दिल्ली की कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने सीएम अशोक गहलोत को आरोप मुक्त करने की याचिका का खारिज कर दिया. यानी अब उन पर मानहानि का केस चलेगा.

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मुख्यमंत्री गहलोत मामला

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली की कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा झटका दिया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में आरोप मुक्त करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया. एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. यानी अब उन पर मानहानि का मुकदमा चलता रहेगा. पिछली सुनवाई में शेखावत के वकील ने गहलोत की अर्जी का विरोध किया था. कहा था कि गहलोत की अर्जी सुनवाई योग्य नहीं हैं.

बीते 14 सितंबर को कोर्ट ने गहलोत और शेखावत दोनों के वकीलों की ओर से चली सवा घंटे की बहस के बाद 19 सितंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. पिछली सुनवाई के दौरान अशोक गहलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत दोनों वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए थे. दोनों पक्षों के वकीलों में करीब सवा घंटे तक तीखी बहस हुई. शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और गहलोत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर पेश हुए.

256 के तहत आरोप मुक्त करने की मांगः गहलोत की ओर से मोहित माथुर ने दलील दी थी कि लगातार तीन तारीखों पर शिकायतकर्ता अगर पेश नहीं होता है तो कोर्ट द्वारा आरोपित को 256 के तहत आरोप मुक्त करने का अधिकार है. शिकायतकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत पहले ही लगातार तीन तारीखों पर अनुपस्थित रहे हैं. इसलिए अशोक गहलोत को मानहानि के मामले से आरोप मुक्त किया जाए. इसका विरोध करते हुए शेखावत के वकील विकास पाहवा ने अपनी दलीलें पेश की. उन्होंने कहा कि आरोपित होने के बावजूद गहलोत भी अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं, उन्हें भी कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया जाए.

ये भी पढ़ें : Gajendra Singh Shekhawat defamation case: CM गहलोत को आरोप मुक्त करने के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में 19 सितंबर को दोपहर दो बजे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में कोर्ट ने समन जारी कर सात अगस्त को पेश होने का भी आदेश दिया था. जिसके बाद गहलोत ने सेशन कोर्ट में अपील की थी और व्यक्तिगत पेशी के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति मांगी थी. तभी से गहलोत लगातार वीसी से पेश हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें : Shekhawat Defamation Case: कोर्ट में सुनवाई 14 अक्टूबर तक टली, गहलोत को वीसी से पेश होने की छूट बरकारार

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली की कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा झटका दिया है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में आरोप मुक्त करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया. एसीएमएम हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है. यानी अब उन पर मानहानि का मुकदमा चलता रहेगा. पिछली सुनवाई में शेखावत के वकील ने गहलोत की अर्जी का विरोध किया था. कहा था कि गहलोत की अर्जी सुनवाई योग्य नहीं हैं.

बीते 14 सितंबर को कोर्ट ने गहलोत और शेखावत दोनों के वकीलों की ओर से चली सवा घंटे की बहस के बाद 19 सितंबर के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. पिछली सुनवाई के दौरान अशोक गहलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत दोनों वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए थे. दोनों पक्षों के वकीलों में करीब सवा घंटे तक तीखी बहस हुई. शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और गहलोत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर पेश हुए.

256 के तहत आरोप मुक्त करने की मांगः गहलोत की ओर से मोहित माथुर ने दलील दी थी कि लगातार तीन तारीखों पर शिकायतकर्ता अगर पेश नहीं होता है तो कोर्ट द्वारा आरोपित को 256 के तहत आरोप मुक्त करने का अधिकार है. शिकायतकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत पहले ही लगातार तीन तारीखों पर अनुपस्थित रहे हैं. इसलिए अशोक गहलोत को मानहानि के मामले से आरोप मुक्त किया जाए. इसका विरोध करते हुए शेखावत के वकील विकास पाहवा ने अपनी दलीलें पेश की. उन्होंने कहा कि आरोपित होने के बावजूद गहलोत भी अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं, उन्हें भी कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया जाए.

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कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में 19 सितंबर को दोपहर दो बजे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में कोर्ट ने समन जारी कर सात अगस्त को पेश होने का भी आदेश दिया था. जिसके बाद गहलोत ने सेशन कोर्ट में अपील की थी और व्यक्तिगत पेशी के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति मांगी थी. तभी से गहलोत लगातार वीसी से पेश हो रहे हैं.

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Last Updated : Sep 19, 2023, 3:05 PM IST
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