नई दिल्ली: सरकार ने लोकसभा को बताया कि क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency ) संबंधी धन शोधन के सात मामलों में ईडी की जांच चल रही है. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने साइबर अपराधियों द्वारा क्रिप्टो करंसी के इस्तेमाल का मुद्दा उठाया है.
धन शोधन रोकथाम कानून (money laundering prevention law) के तहत ईडी जिन मामलों की जांच कर रहा है, उनमें पता चलता है कि आरोपियों ने वर्चुअल मुद्रा के माध्यम से काले धन को सफेद बनाने का काम किया. उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय पीएमएलए 2002 के तहत सात मामलों में जांच कर रहा है जिनमें धन शोधन के लिए क्रिप्टो करंसी का इस्तेमाल किया गया है.
मंत्री ने कहा कि ईडी ने इन मामलों में पीएमएलए के तहत 135 करोड़ रुपये की राशि जब्त की है. इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त लोगों की पहचान के सवाल पर चौधरी ने कहा कि अभी तक ईडी द्वारा कराई गई जांच से खुलासा हुआ है कि कुछ विदेशी नागरिकों और उनके भारतीय सहयोगियों ने कुछ मुद्रा विनिमय प्लेटफॉर्म पर क्रिप्टो करंसी खातों के जरिये धन शोधन किया.
क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग का डर
क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार का डिजिटल टोकन है जो ब्लॉक चेन तकनीक के उपयोग पर आधारित है. जिसे डिजिटल रूप से आदान-प्रदान किया जा सकता है. कुछ देशों में बिटकॉइन, ईथर, डॉगकोइन जैसी अन्य जैसी क्रिप्टो मुद्राएं वैध हैं. लेकिन ज्यादातर ये मुद्राएं अनियमित हैं. भारत में भारतीय रिजर्व बैंक ने कई बार क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के खिलाफ चिंता व्यक्त की है क्योंकि वे अनियमित हैं. आरबीआई ने धोखाधड़ी और भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ आम निवेशकों को आगाह भी किया है.
पीएम मोदी ने भी जताई चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के लिए क्रिप्टोकरेंसी के संभावित दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि दुनिया के लोकतांत्रिक देशों को क्रिप्टोकरेंसी के दुरुपयोग के खिलाफ संयुक्त प्रतिक्रिया देने के लिए एक साथ आना चाहिए. इस साल के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी और ऐसी अन्य डिजिटल संपत्तियों में व्यापार पर कर लगाने की घोषणा की है. उन्होंने यह भी घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल मुद्रा लांच करेगा.