रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बागेश्वर धाम सरकार के दिव्य दरबार में एक महिला की तरफ से हिंदू धर्म अपनाने को लेकर भी सवाल उठाए हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "पिछले कुछ दिनों से घर वापसी और धर्मांतरण की बात करते हुए एक बाबा रायपुर में दिखाई दे रहे हैं. यदि धर्मांतरण है, घर वापसी की, तो अच्छी बात है. मैं भी हिंदू हूं, मैं भी पूछना चाहता हूं. उसे किस वर्ण में रखे हैं, यदि वह ईसाई ही है या मुसलमान हैं, उसे आपने हिंदुओं पर मिला लिया, बहुत अच्छी बात है. लेकिन उसे किस वर्ण पर रखे हैं. शुद्र वर्ण में, वैश्य वर्ण में, क्षत्रिय वर्ण में या ब्राह्मण वर्ण में, किस में रखे हैं. उसकी शादी किस वर्ण में होगी, किस जाति में होगी, यह व्यवस्था भी करें. आप जिन्हें वापस कर आए हैं, उन्हें बताना चाहिए कि हां भाई तुम इस जाति पर मिले हो, इस वर्ण में हो, यह बताएं."
"जोशीमठ समाप्त होने वाला है, यदि चमत्कार है तो बचा लो": मुख्यमंत्री ने कहा कि "जैसे कि जोशीमठ समाप्त होने वाला है, यदि चमत्कार है, तो बचा लो. अब इस चुनौती को कोई स्वीकार करेगा क्या? प्रकृति के साथ छेड़खानी कर रहे हो, यदि प्रकृति के विपरीत जाकर कोई काम करोगे, तो उसे तो भोगना ही पड़ेगा. हमें इस नियम का पालन करना चाहिए, सत्य के मार्ग में चलना चाहिए. यह हमारे संत महात्मा लगातार बोलते आ रहे हैं."
"साधक को सिद्धियां मिल ही जाती हैं": मुख्यमंत्री ने कहा कि "स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का भी बयान आया. जो भी आत्मसाक्षात्कार करना चाहते हैं या हठयोग करते हैं. जो साधना करते हैं, चाहे वह भक्ति का मार्ग हो, चाहे ज्ञान का मार्ग हो, चाहे राजयोग करें. जिस भी मार्ग से कोई साधना करें, आत्म साक्षात करना चाहते हैं. परमात्मा को प्राप्त करना चाहते हैं, उस साधक को सिद्धियां मिल ही जाती हैं. ऐसा नहीं है कि सिद्धियां नहीं होती. किसी को इतनी सिद्धियां मिलती है कि कोई बीमार है उसे ठीक भी कर सकते हैं. कोई सामान है, उसे हवा में ला सकते हैं."
"चमत्कार से समाज का भला नहीं होता": मुख्यमंत्री ने कहा कि "साधना के क्षेत्र में सिद्धियां प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन चमत्कार दिखाना नहीं चाहिए. यह जादूगरों का काम है. इससे समाज में जड़ता आती है. यह उचित नहीं है. जितने ऋषि मुनि हैं, उन सब ने इसको रोका है कि इस प्रकार से चमत्कार नहीं दिखाई देना चाहिए. तो वही मैं कहना चाहूंगा, सिद्धियां है, उसमें कोई शक नहीं है. जो मुसलमान पीर फकीर रहते हैं, वह ताबीज देते हैं, चमत्कार हो जाता है. ईसाइयों में चंगाई सभा, उसमें भी वही चमत्कार है. इसे अवॉइड करना चाहिए. क्योंकि इससे समाज का भला नहीं होता है."
"जो धर्म को बचाने का ठेका लेते हैं, वह धोखे में हैं": मुख्यमंत्री ने कहा कि "कितनी जातियां हैं, कितने धर्म है, वह इस धरती पर आए और मिट गए हैं. हमारी संस्कृति हजारों साल पुरानी है. तभी तो समाप्त नहीं हुई, कितने युद्ध हुए, इतने आक्रमण हुए हैं, महाभारत भी हो गया, लेकिन हमारी भारतीय संस्कृति जस की तस है, जहां की तहां है, कोई खत्म नहीं कर पाया. जो धर्म को बचाने का ठेका लेते हैं वह धोखे में हैं.''