भरतपुर. राजस्थान के भरतपुर जिले के बहुचर्चित नासिर-जुनैद हत्याकांड मामले में पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपी मोनू मानेसर ने पूछताछ में कई राज उजागर किए हैं. पूछताछ में सामने आया है कि मोनू मानेसर ने हत्याकांड के बाद थाईलैंड में फरारी काटी थी. इतना ही नहीं मोनू मानेसर ने अन्य आरोपियों को भी फरारी के दौरान शरण दी थी.
दोस्त और परिजनों के पास छुपकर रहा : डीग पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया कि गिरफ्तारी से दो माह पहले मोनू मानेसर फरारी काटने थाईलैंड गया था. वहां करीब 1 सप्ताह तक बैंकॉक में रुका था. मोनू मानेसर के साथ थाईलैंड और भी कई लोग गए थे. हत्याकांड के तुरंत बाद मोनू मानेसर गुड़गांव में अलग-अलग जगह छुप कर रहता था. घटना के बाद से ही उसने अपने मिलने वाले और दोस्तों के यहां पर रहकर फरारी काटी थी. मोनू ने अन्य आरोपी जो घटना में शामिल थे उनको भी शरण दी थी. अभी इस मामले में और भी गिरफ्तारियां होनी बाकी हैं. मंगलवार को मोनू मानेसर को कामां न्यायालय ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा था. गुरुवार को उसे फिर न्यायालय में पेश किया जाएगा.
यह था घटनाक्रम : बता दें कि 13 फरवरी की रात को भरतपुर के मेवात क्षेत्र के नासिर-जुनैद को पकड़ने के लिए आरोपियों ने अलवर-नूंह के बॉर्डर पर नाकाबंदी की थी, लेकिन उस रात गाड़ियों का मूवमेंट नहीं हुआ और वो कुछ नहीं कर पाए. इसके बाद 14 फरवरी की रात और 15 फरवरी की अलसुबह हरियाणा की दो टीमों के साथ नूंह की भी एक टीम साथ में जुड़ गई. ऐसे में तीन टीमें एकजुट हो गईं, जिन्होंने नासिर और जुनैद का अपहरण किया. गोतस्करी के शक में मारपीट भी की. गौतस्करी की गाड़ियों के बारे में पूछताछ भी की.
हत्या के बाद गाड़ी में जलाया : नासिर और जुनैद को लाठी, सरिया से पीटकर गंभीर रूप से घायल करने के बाद आरोपी उन्हें हरियाणा पुलिस के पास लेकर पहुंचे. दोनों की गंभीर हालत को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने कोई भी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. इसके बाद आरोपी नासिर और जुनैद को भिवानी के पास लेकर पहुंचे. यहां पहले उन्होंने नासिर की गला दबाकर हत्या की, जबकि जुनैद की पहले ही फिरोजपुर झिरका में मारपीट के दौरान मौत हो चुकी थी. इसके बाद दोनों शवों को गाड़ी में डालकर, पेट्रोल छिड़ककर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से जला दिया.