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विपक्ष के बहिष्कार के बीच सरकार ने राज्यसभा में कई विधेयक पारित कराए

संसद के मानसून सत्र में कई विधेयक पारित किए गए. इसमें विवादास्पद आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020,भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 और कई विधेयक शामिल हैं. यह राज्यसभा में विपक्षी नेताओं के हंगामे संसदों के निलंबन की मांग के बाद भी यह पारित किए गए.

Parliament House
संसद भवन
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Published : Sep 23, 2020, 10:54 AM IST

नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र जारी है. राज्यसभा में विपक्षी नेताओं के हंगामे सांसदों के निलंबन वापसी की मांग के बीच कई विधेयक पारित किए गए. पारित विधेयकों में विवादास्पद आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल रहा.

सरकार ने पहले भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया.

राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित दो विधेयक भी ध्वनि मत से पारित किए गए.

इसके साथ ही उच्च सदन में कंपनीज संशोधन विधेयक 2020 और बैंकिंग रेगुलेशन संशोधन विधेयक 2020 भी पारित किए गए.

इससे पहले दिन में विपक्ष ने फैसला किया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक राज्यसभा के मानसून सत्र की शेष अवधि का वह बहिष्कार करेंगे.

राज्यसभा के आठ निलंबित सदस्यों ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं के एक अनुरोध के बाद अपना दिन भर का विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया, जिसमें उन्होंने मानसून सत्र के चल रहे बहिष्कार में उनके शामिल होने का आग्रह किया.

कांग्रेस के निलंबित सांसदों में से एक सैयद नासिर हुसैन ने कहा, 'हमने अपना विरोध खत्म कर दिया है, लेकिन सत्र के बहिष्कार में शामिल होंगे.'

उनके सहयोगी राजीव सातव, जिन्हें निलंबित कर दिया गया था, उन्होंने कहा कि उनका विरोध संसद से सड़क तक जाएगा.

विपक्षी सांसदों का कहना है कि अगर नए कृषि विधेयकों पर उनकी तीन मांगें केंद्र सरकार द्वारा पूरी नहीं की जाती हैं तो वह संयुक्त रूप से सत्र का बहिष्कार करेंगे.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जब तक विपक्ष की मांगें पूरी नहीं होंगी, वह सत्र का बहिष्कार करेंगे. उन्होंने मंगलवार को कहा, 'जब तक हमारे सांसदों के बहिष्कार को वापस नहीं लिया जाता और किसान के विधेयकों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करेगा.'

किसानों से जुड़ी मांगों को सामने रखते हुए गुलाम नबी ने कहा, 'सरकार एक और विधेयक लेकर आई है, जिसके तहत कोई भी प्राइवेट प्लेयर एमएसपी से नीचे खरीद न कर सके, एमएसपी को स्वामीनाथन कमीशन द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले के आधार पर तय किया जाए, एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां एमएसपी से नीचे खरीद न करें.'

पढ़ें - राज्य सभा : एफसीआरए बिल पास, खत्म हो सकता है आज मॉनसून सत्र

आजाद ने कहा कि विवाद का मूल कारण समन्वय की कमी और समय की कमी है.

राज्यसभा में हंगामे के बीच समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग की. रामगोपाल यादव ने कहा, 'विपक्ष के लोगों से गलती हुई है और जो बड़े होते हैं, उनका दिल बड़ा होना चाहिए. उन्हें माफ करना चाहिए. उनका निलंबन रद्द किया जाए. मैं सभी सांसदों की तरफ से माफी मांगता हूं.' सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सत्र के बहिष्कार के सात कारण गिनाए.

नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र जारी है. राज्यसभा में विपक्षी नेताओं के हंगामे सांसदों के निलंबन वापसी की मांग के बीच कई विधेयक पारित किए गए. पारित विधेयकों में विवादास्पद आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 शामिल रहा.

सरकार ने पहले भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कानून (संशोधन) विधेयक, 2020 पारित किया.

राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित दो विधेयक भी ध्वनि मत से पारित किए गए.

इसके साथ ही उच्च सदन में कंपनीज संशोधन विधेयक 2020 और बैंकिंग रेगुलेशन संशोधन विधेयक 2020 भी पारित किए गए.

इससे पहले दिन में विपक्ष ने फैसला किया कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, तब तक राज्यसभा के मानसून सत्र की शेष अवधि का वह बहिष्कार करेंगे.

राज्यसभा के आठ निलंबित सदस्यों ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं के एक अनुरोध के बाद अपना दिन भर का विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया, जिसमें उन्होंने मानसून सत्र के चल रहे बहिष्कार में उनके शामिल होने का आग्रह किया.

कांग्रेस के निलंबित सांसदों में से एक सैयद नासिर हुसैन ने कहा, 'हमने अपना विरोध खत्म कर दिया है, लेकिन सत्र के बहिष्कार में शामिल होंगे.'

उनके सहयोगी राजीव सातव, जिन्हें निलंबित कर दिया गया था, उन्होंने कहा कि उनका विरोध संसद से सड़क तक जाएगा.

विपक्षी सांसदों का कहना है कि अगर नए कृषि विधेयकों पर उनकी तीन मांगें केंद्र सरकार द्वारा पूरी नहीं की जाती हैं तो वह संयुक्त रूप से सत्र का बहिष्कार करेंगे.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि जब तक विपक्ष की मांगें पूरी नहीं होंगी, वह सत्र का बहिष्कार करेंगे. उन्होंने मंगलवार को कहा, 'जब तक हमारे सांसदों के बहिष्कार को वापस नहीं लिया जाता और किसान के विधेयकों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता, विपक्ष सत्र का बहिष्कार करेगा.'

किसानों से जुड़ी मांगों को सामने रखते हुए गुलाम नबी ने कहा, 'सरकार एक और विधेयक लेकर आई है, जिसके तहत कोई भी प्राइवेट प्लेयर एमएसपी से नीचे खरीद न कर सके, एमएसपी को स्वामीनाथन कमीशन द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले के आधार पर तय किया जाए, एफसीआई जैसी सरकारी एजेंसियां एमएसपी से नीचे खरीद न करें.'

पढ़ें - राज्य सभा : एफसीआरए बिल पास, खत्म हो सकता है आज मॉनसून सत्र

आजाद ने कहा कि विवाद का मूल कारण समन्वय की कमी और समय की कमी है.

राज्यसभा में हंगामे के बीच समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने सांसदों का निलंबन रद्द करने की मांग की. रामगोपाल यादव ने कहा, 'विपक्ष के लोगों से गलती हुई है और जो बड़े होते हैं, उनका दिल बड़ा होना चाहिए. उन्हें माफ करना चाहिए. उनका निलंबन रद्द किया जाए. मैं सभी सांसदों की तरफ से माफी मांगता हूं.' सदन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने सत्र के बहिष्कार के सात कारण गिनाए.

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