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निवेश के लिए भारत से अच्छा कोई स्थान नहीं, सरकार सुधार लाने के लिए प्रयासरत : सीतारमण - भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मुख्यालय में बातचीत के एक सत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर कोई जगह नहीं मिलेगी, जहां लोकतंत्र में यकीन करने के साथ ही पूंजीवाद का सम्मान किया जाता है. जानें विस्तार से...

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
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Published : Oct 17, 2019, 10:50 AM IST

Updated : Oct 17, 2019, 5:58 PM IST

नई दिल्ली/ वाशिंगटन : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर कोई जगह नहीं मिलेगी, जहां लोकतंत्र में यकीन करने के साथ ही पूंजीवाद का सम्मान किया जाता है.

दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मुख्यालय में बातचीत के एक सत्र में सीतारमण ने दुनियाभर के निवेशकों को आश्वासन दिया कि सरकार नये सुधार लाने पर निरंतर काम कर रही है.

उन्होंने बुधवार को कहा, 'यह (भारत) आज भी सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है. इसके पास उत्कृष्ट कुशलता वाली श्रमशक्ति और ऐसी सरकार है, जो सुधार के नाम पर जरूरी चीजों और इन सबसे ऊपर लोकतंत्र एवं विधि के शासन पर लगातार काम कर रही है.'

NIRMALA SITHARAMAN ON  INVESTMENT
अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन शृंगला ने ट्वीट कर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अमेरिकी दौरे की जानकारी दी.

निवेशक भारत में निवेश क्यों करें, इस सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि भले ही अदालती व्यवस्था में थोड़ी देरी हो जाती है, लेकिन भारत एक पारदर्शी एवं मुक्त समाज है.

उन्होंने कहा कि भारत में कानून व्यवस्था के साथ काम होता है और बहुत तेजी से सुधार हो रहे हैं, विलंबों को कम करने की दिशा में भी.

इसे भी पढ़ें - भारत का 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य 'चुनौतीपूर्ण' लेकर हासिल करने लायक : सीतारमण

भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघों के संघ (फिक्की) और अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'इसलिए आपको भारत जैसा लोकतंत्र पसंद और पूंजीवाद का सम्मान करने जैसा स्थान नहीं मिलेगा.'

वहीं बड़ी बीमा कम्पनियों द्वारा इस क्षेत्र में निवेश पर लगी सीमा हटाने की अपील पर उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि सीमा हटाने के अलावा इस क्षेत्र की और क्या उम्मीदें हैं.

इसे भी पढ़ें - भारत, अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता की प्रगति अच्छी : सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि उनका रुख इसके प्रति लचीला है और वे उन्हें ब्यौरा भेज सकते हैं.

हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस वक्त उन्हें किसी तरह का आश्वासन नहीं दे सकती हैं, लेकिन इस दिशा में काम करेंगी.

भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को और नहीं बढ़ने देने को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार 'संकटग्रस्त' क्षेत्रों की समस्या को सुलझाने के लिए कदम उठा रही है.

इसे भी पढ़ें - मनमोहन सिंह-राजन का कार्यकाल सार्वजनिक बैंकों के लिए 'सबसे बुरा दौर' था : सीतारमण

निवेशकों के साथ जम्मू-कश्मीर में निवेश करने पर की बात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार की नीति का विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होगा.

सीतारमण ने कहा, 'हमने यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है कि विभिन्न पहलुओं से जम्मू-कश्मीर की पूरी क्षमता उभर सके.

वित्त मंत्री ने पर्यटन, ललित कला, हस्तशिल्प, लकड़ी के काम, कालीन, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को सूचीबद्ध किया.

सीतारमण ने कहा, 'बहुत सारी चीजें एक साथ की जा रही हैं कि कैसे इसके लिए एक उत्कृष्ट योजना बनाई जा सके. जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच एक खास तरह के पैटर्न पर काम किया जाएगा और उसकी घोषणा की जाएगी.'

उन्होंने कहा, 'इस दिशा में काम जारी है.'

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को दिये गये विशेष दर्जे को रद किये जाने के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि राज्य की सरकारी कम्पनियों के साथ-साथ निजी कम्पनियों को भी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

नई दिल्ली/ वाशिंगटन : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर कोई जगह नहीं मिलेगी, जहां लोकतंत्र में यकीन करने के साथ ही पूंजीवाद का सम्मान किया जाता है.

दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मुख्यालय में बातचीत के एक सत्र में सीतारमण ने दुनियाभर के निवेशकों को आश्वासन दिया कि सरकार नये सुधार लाने पर निरंतर काम कर रही है.

उन्होंने बुधवार को कहा, 'यह (भारत) आज भी सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है. इसके पास उत्कृष्ट कुशलता वाली श्रमशक्ति और ऐसी सरकार है, जो सुधार के नाम पर जरूरी चीजों और इन सबसे ऊपर लोकतंत्र एवं विधि के शासन पर लगातार काम कर रही है.'

NIRMALA SITHARAMAN ON  INVESTMENT
अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन शृंगला ने ट्वीट कर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अमेरिकी दौरे की जानकारी दी.

निवेशक भारत में निवेश क्यों करें, इस सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि भले ही अदालती व्यवस्था में थोड़ी देरी हो जाती है, लेकिन भारत एक पारदर्शी एवं मुक्त समाज है.

उन्होंने कहा कि भारत में कानून व्यवस्था के साथ काम होता है और बहुत तेजी से सुधार हो रहे हैं, विलंबों को कम करने की दिशा में भी.

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भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघों के संघ (फिक्की) और अमेरिका-भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, 'इसलिए आपको भारत जैसा लोकतंत्र पसंद और पूंजीवाद का सम्मान करने जैसा स्थान नहीं मिलेगा.'

वहीं बड़ी बीमा कम्पनियों द्वारा इस क्षेत्र में निवेश पर लगी सीमा हटाने की अपील पर उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि सीमा हटाने के अलावा इस क्षेत्र की और क्या उम्मीदें हैं.

इसे भी पढ़ें - भारत, अमेरिका व्यापार समझौता वार्ता की प्रगति अच्छी : सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि उनका रुख इसके प्रति लचीला है और वे उन्हें ब्यौरा भेज सकते हैं.

हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस वक्त उन्हें किसी तरह का आश्वासन नहीं दे सकती हैं, लेकिन इस दिशा में काम करेंगी.

भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को और नहीं बढ़ने देने को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार 'संकटग्रस्त' क्षेत्रों की समस्या को सुलझाने के लिए कदम उठा रही है.

इसे भी पढ़ें - मनमोहन सिंह-राजन का कार्यकाल सार्वजनिक बैंकों के लिए 'सबसे बुरा दौर' था : सीतारमण

निवेशकों के साथ जम्मू-कश्मीर में निवेश करने पर की बात

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार की नीति का विवरण बहुत जल्द उपलब्ध होगा.

सीतारमण ने कहा, 'हमने यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है कि विभिन्न पहलुओं से जम्मू-कश्मीर की पूरी क्षमता उभर सके.

वित्त मंत्री ने पर्यटन, ललित कला, हस्तशिल्प, लकड़ी के काम, कालीन, रेशम, केसर और सेब के उत्पादन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को सूचीबद्ध किया.

सीतारमण ने कहा, 'बहुत सारी चीजें एक साथ की जा रही हैं कि कैसे इसके लिए एक उत्कृष्ट योजना बनाई जा सके. जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के बीच एक खास तरह के पैटर्न पर काम किया जाएगा और उसकी घोषणा की जाएगी.'

उन्होंने कहा, 'इस दिशा में काम जारी है.'

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को दिये गये विशेष दर्जे को रद किये जाने के बाद राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि राज्य की सरकारी कम्पनियों के साथ-साथ निजी कम्पनियों को भी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 9:31 HRS IST




             
  • निवेश के लिए भारत से अच्छा कोई स्थान नहीं, सरकार सुधार लाने के लिए प्रयासरत : सीतारमण



(ललित के झा)



वाशिंगटन, 17 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि निवेशकों को पूरी दुनिया में भारत से बेहतर कोई जगह नहीं मिलेगी जहां लोकतंत्र में यकीन करने के साथ ही पूंजीवाद का सम्मान किया जाता है।



अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) मुख्यालय में बातचीत के एक सत्र में सीतारमण ने दुनिया भर के निवेशकों को आश्वासन दिया कि सरकार नये सुधार लाने पर निरंतर काम कर रही है।



उन्होंने बुधवार को कहा, “यह (भारत) आज भी सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है। इसके पास उत्कृष्ट कुशलता वाली श्रमशक्ति और ऐसी सरकार है जो सुधार के नाम पर जरूरी चीजों और इन सबसे ऊपर लोकतंत्र एवं विधि के शासन पर लगातार काम कर रही है ।”



निवेशक भारत में निवेश क्यों करें, इस सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि भले ही अदालती व्यवस्था में थोड़ी देरी हो जाती है लेकिन भारत एक पारदर्शी एवं मुक्त समाज है।



उन्होंने कहा कि भारत में कानून व्यवस्था के साथ काम होता है और बहुत तेजी से सुधार हो रहे हैं, विलंबों को कम करने की दिशा में भी।



भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग परिसंघों के संघ (फिक्की) और अमेरिका भारत रणनीतिक एवं साझेदारी फोरम द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “इसलिए आपको भारत जैसा लोकतंत्र पसंद और पूंजीवाद का सम्मान करने जैसा स्थान नहीं मिलेगा।”



बड़ी बीमा कंपनियों द्वारा इस क्षेत्र में निवेश पर लगी सीमा हटाने की अपील पर उन्होंने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि सीमा हटाने के अलावा इस क्षेत्र की और क्या उम्मीदें हैं।



सीतारमण ने कहा कि उनका रुख इसके प्रति लचीला है और वे उन्हें ब्यौरा भेज सकते हैं।



हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि वह इस वक्त उन्हें किसी तरह का आश्वासन नहीं दे सकती हैं लेकिन इस दिशा में काम करेंगी।



भारतीय अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटे को और नहीं बढ़ने देने को लेकर प्रतिबद्ध है और सरकार “संकटग्रस्त” क्षेत्रों की समस्या को सुलझाने के लिए कदम उठा रही है।





 


Conclusion:
Last Updated : Oct 17, 2019, 5:58 PM IST
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