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बंगाल में हिंसक हुआ सीएए विरोधी प्रदर्शन, दो की मौत, 20 घायल

पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं. वहीं सीएए के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया गया.

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विरोध प्रदर्शन.
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Published : Jan 29, 2020, 1:08 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 9:42 AM IST

नई दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई है.

विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद के जलंगी में हिंसक घटना में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि 20 लोगों के घायल होने की खबर है.

बंगाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान के हिंसा.

गौरतलब है कि कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में धरने पर बैठीं 60 मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को 23वें दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. इस मैदान को 'कोलकाता का शाहीन बाग' कहा जा रहा है.

वहीं बुधवार को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर भी काफी तादाद में लोग इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं पुरानी दिल्ली की आजाद मार्केट के बेरी वाला बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहा महिलाओं का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है.

कोलकाता प्रदर्शन में गृहणियों से लेकर पेशेवर महिलाएं तक शामिल हैं, जिनके वहां से हटने की फिलहाल कोई योजना नहीं दिख रही है. धरने पर बैठीं महिलाओं में से एक गृहिणी परवीन नजीर का मानना है कि इस प्रदर्शन की सबसे बड़ी ताकत यह है कि प्रदर्शनकारी किसी राजनीतिक समूह से जुड़ी नहीं हैं.

नजीर ने कहा, 'हमारी एकमात्र पहचान यह है कि हम भारतीय हैं और हम महिलाएं हैं, जो किसी ताकत से नहीं डरतीं.'

भाजपा ने आरोप लगाए हैं कि ये प्रदर्शनकारी भारतीय नहीं, बल्कि घुसपैठिए हैं, जिस पर नजीर ने कहा, 'हम कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, सदियों से हिन्दुओं के साथ दुर्गा पूजा समारोहों में भाग लेते आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'अचानक, हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं.' एक अन्य प्रदर्शकारी पीएचडी शोधार्थी नौसीन बाबा खान ने कहा, 'हम तब तक यह जगह नहीं छोड़ेंगे, जब तक सीएए को रद करने की हमारी मांग के संबंध में एक अनुकूल निर्णय नहीं हो जाता'

कोलकाता में विरोध प्रदर्शन.

गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, माकपा नेता मोहम्मद सलीम के अलावा कई गायक, रंगमंच कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता हाल के दिनों में इस स्थल का दौरा कर चुके हैं.

वहीं पुरानी दिल्ली के आजाद मार्केट के बेरी वाला बाग में CAA और NRC के खिलाफ चल रहा महिलाओं का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में पूर्व आईएएस अफसर हर्ष मंदर प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने हजारों महिलाओं को संबोधित किया. साथ ही उन्होंने कहा, 'हमारी लीगल टीम पूरी तरह से आपके साथ है.'

दिल्ली के बेरी वाला बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं को संबोधित करते पूर्व आईएएस अफसर हर्ष मंदर.

उन्होंने कहा कि सरकार धर्म के नाम पर देश को बांटना चाहती है. हर्ष मंदर ने महिलाओं की तरफ से शांतिपूर्ण प्रदर्शन चलने पर बधाई दी और कहा, 'हमें संविधान को बचाने के लिए आगे आना होगा.'

उनका ये भी कहना था, 'दिल्ली और देश की महिलाओं और लड़कियों ने सोए हुए और दबी आवाज में बोलने वालों को हिम्मत दी है, जिसके लिए मैं उन सभी महिलाओं का शुक्रिया अदा करता हूं.'

पूर्व आईएएस ऑफिसर का यह भी कहना था कि इस देश के लिए जिन लोगों के पूर्वजों ने बेशुमार कुर्बानियां दी. आज उनकी नस्लों से नागरिकता के सुबूत मांगे जा रहे हैं. ये यह अफसोसजनक है. सरकार का ये सुलूक खतरनाक है.

नई दिल्ली/कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई है.

विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद के जलंगी में हिंसक घटना में दो लोगों की मौत हुई है, जबकि 20 लोगों के घायल होने की खबर है.

बंगाल में विरोध प्रदर्शन के दौरान के हिंसा.

गौरतलब है कि कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में धरने पर बैठीं 60 मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को 23वें दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. इस मैदान को 'कोलकाता का शाहीन बाग' कहा जा रहा है.

वहीं बुधवार को दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर भी काफी तादाद में लोग इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं पुरानी दिल्ली की आजाद मार्केट के बेरी वाला बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ चल रहा महिलाओं का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है.

कोलकाता प्रदर्शन में गृहणियों से लेकर पेशेवर महिलाएं तक शामिल हैं, जिनके वहां से हटने की फिलहाल कोई योजना नहीं दिख रही है. धरने पर बैठीं महिलाओं में से एक गृहिणी परवीन नजीर का मानना है कि इस प्रदर्शन की सबसे बड़ी ताकत यह है कि प्रदर्शनकारी किसी राजनीतिक समूह से जुड़ी नहीं हैं.

नजीर ने कहा, 'हमारी एकमात्र पहचान यह है कि हम भारतीय हैं और हम महिलाएं हैं, जो किसी ताकत से नहीं डरतीं.'

भाजपा ने आरोप लगाए हैं कि ये प्रदर्शनकारी भारतीय नहीं, बल्कि घुसपैठिए हैं, जिस पर नजीर ने कहा, 'हम कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, सदियों से हिन्दुओं के साथ दुर्गा पूजा समारोहों में भाग लेते आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, 'अचानक, हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं.' एक अन्य प्रदर्शकारी पीएचडी शोधार्थी नौसीन बाबा खान ने कहा, 'हम तब तक यह जगह नहीं छोड़ेंगे, जब तक सीएए को रद करने की हमारी मांग के संबंध में एक अनुकूल निर्णय नहीं हो जाता'

कोलकाता में विरोध प्रदर्शन.

गौरतलब है कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, माकपा नेता मोहम्मद सलीम के अलावा कई गायक, रंगमंच कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता हाल के दिनों में इस स्थल का दौरा कर चुके हैं.

वहीं पुरानी दिल्ली के आजाद मार्केट के बेरी वाला बाग में CAA और NRC के खिलाफ चल रहा महिलाओं का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है. दिल्ली में पूर्व आईएएस अफसर हर्ष मंदर प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने हजारों महिलाओं को संबोधित किया. साथ ही उन्होंने कहा, 'हमारी लीगल टीम पूरी तरह से आपके साथ है.'

दिल्ली के बेरी वाला बाग में विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं को संबोधित करते पूर्व आईएएस अफसर हर्ष मंदर.

उन्होंने कहा कि सरकार धर्म के नाम पर देश को बांटना चाहती है. हर्ष मंदर ने महिलाओं की तरफ से शांतिपूर्ण प्रदर्शन चलने पर बधाई दी और कहा, 'हमें संविधान को बचाने के लिए आगे आना होगा.'

उनका ये भी कहना था, 'दिल्ली और देश की महिलाओं और लड़कियों ने सोए हुए और दबी आवाज में बोलने वालों को हिम्मत दी है, जिसके लिए मैं उन सभी महिलाओं का शुक्रिया अदा करता हूं.'

पूर्व आईएएस ऑफिसर का यह भी कहना था कि इस देश के लिए जिन लोगों के पूर्वजों ने बेशुमार कुर्बानियां दी. आज उनकी नस्लों से नागरिकता के सुबूत मांगे जा रहे हैं. ये यह अफसोसजनक है. सरकार का ये सुलूक खतरनाक है.

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कोलकाता का शाहीन बाग कहे जाने वाले पार्क सर्कस मैदान में सीएए-विरोधी प्रदर्शन जारी



कोलकाता, 29 जून (भाषा) संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ अनिश्चित काल के लिए यहां के पार्क सर्कस मैदान में धरने पर बैठी 60 मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को 23 वें दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा. इस मैदान को 'कोलकाता का शाहीन बाग' कहा जा रहा है.



इनमें गृहणियों से लेकर पेशेवर महिलाएं तक शामिल हैं, जिनके वहां से हटने की फिलहाल कोई योजना नहीं दिख रही है.



धरने पर बैठी महिलाओं में से एक गृहिणी परवीन नजीर का मानना है कि इस प्रदर्शन की सबसे बड़ी ताकत यह है कि प्रदर्शनकारी किसी राजनीतिक समूह से जुड़े नहीं हैं.



उसने कहा, 'हमारी एकमात्र पहचान यह है कि हम भारतीय हैं, और हम महिलाएं हैं, जो किसी ताकत से नहीं डरती.'



भाजपा ने आरोप लगाए हैं कि ये प्रदर्शनकारी भारतीय नहीं, बल्कि घुसपैठिए हैं, जिसपर नजीर ने कहा, 'हम कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, सदियों से हिंदुओं के साथ दुर्गा पूजा समारोहों में भाग लेते आ रहे हैं.



उन्होंने कहा, 'अचानक, हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं.' एक अन्य प्रदर्शकारी पीएचडी शोधार्थी नौसीन बाबा खान ने कहा, 'हम तब तक यह जगह नहीं छोड़ेंगे, जब तक सीएए को रद्द करने की हमारी मांग के संबंध में एक अनुकूल निर्णय नहीं हो जाता'



लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, माकपा नेता मोहम्मद सलीम के अलावा कई गायक, रंगमंच कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता हाल के दिनों में इस स्थल का दौरा कर चुके हैं.


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Last Updated : Feb 28, 2020, 9:42 AM IST
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