नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 102वीं जयंती पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद किया. पीएम ने अपने ट्वीट में कहा, 'हमारी पूर्व पीएम श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि.'
इसके अलावा कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी शक्ति स्थल पहुंच कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि दी.
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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित पार्टी के कई अन्य नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
इन नेताओं ने शक्ति स्थल पहुंचकर इंदिरा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंदिरा जी को याद करते हुए ट्वीट किया, 'सशक्त, समर्थ नेतृत्व और अद्भुत प्रबंधन क्षमता की धनी, भारत को एक सशक्त देश के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका रखने वालीं लौह-महिला और मेरी प्यारी दादी स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी जी की जयंती पर शत् शत् नमन.'
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'शहादत सब कुछ खत्म नहीं करती, यह केवल एक शुरुआत है, विश्व राजनीति में अलग पहचान, लौह इरादों से परिपूर्ण, भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री, श्रीमती इंदिरा गांधी जी को उनकी जयंती पर शत् शत् नमन.'
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवम्बर, 1917 को इलाहाबाद में हुआ था. इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर संभाली और उसके बाद 1980 में दोबारा प्रधानमंत्री बनीं. उन्होंने राष्ट्र के संदर्भ में कई ऐसे फैसले लिये, जिनका वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक प्रभाव पड़ा और भारत की पहचान एक मजबूत राष्ट्र के रूप में उभरी.
इंदिरा गांधी को उनके कई फैसलों की वजह से भारत की ‘जॉन ऑफ आर्क' और 'आयरन लेडी' भी कहा गया. इंदिरा गांधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए विश्व राजनीति के इतिहास में जानी जाती हैं.
उनका मानना था कि संतोष प्राप्ति से नहीं, बल्कि प्रयास से मिलता है और पूरा प्रयास पूर्ण विजय है. वो खुद पर यकीन करती थीं. इसी यकीन की बदौलत उन्होंने अपने कार्यकाल को भारतीय राजनीति और सत्ता का एक युग बना दिया.
इंदिरा गांधी ने अपने प्रयोगों को भारत के भविष्य की लकीर बना दी और बाद की राजनीतिक पीढ़ी को एक समृद्ध-चिंतनशील परंपरा विरासत में दी.
एक प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा जी अपने राजनीतिक हठ और सत्ता के अभूतपूर्व केंद्रीकरण के लिए जानी जाती थीं.