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सेना के शूरवीरों ने एलएसी की छह नई चोटियों पर जमाया कब्जा

भारतीय सेना ने सामरिक बढ़त बनाई है. सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा की कई चोटियों पर कब्जा जमा लिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सेना के शूरवीरों
सेना के शूरवीरों
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Published : Sep 20, 2020, 3:51 PM IST

श्रीनगर : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तल्खी बढ़ गई है. इसी बीच भारत ने सामरिक बढ़त हासिल की है. भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की छह नई प्रमुख पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने 29 अगस्त से सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच छह नई ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है.

सैनिकों ने जिन नई पहाड़ियों पर कब्जा किया है उनमें मगर पहाड़ी, गुरुंग हिल, रेसेन ला, रेजांग ला, मोखपारी शामिल हैं. इसके अलवा फिंगर 4 के पास की ऊंचाइयों पर हमारे जवान मौजूद हैं. यह जगहें खाली पड़ी थीं और चीनी सैनिकों के वहां पहुंचने से पहले ही भारतीय जवानों ने रणनीतिक बढ़त हासिल कर ली.

सूत्रों के मुताबिक ऊंचाइयों पर पहुंचने में नाकाम चीनियों की हताशा के चलते ही सीमा पर लंबे अरसे बाद गोलियां चलीं. पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर हवा में फायरिंग की कम से कम तीन घटनाएं हुईं हैं.

फिंगर 4 की चोटियों पर सेना का कब्जा
इससे पहले भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के पास स्थिति फिंगर 4 की कई चोटियों पर कब्जा किया था. सेना ने यह गतिविधि अगस्त के अंत में ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपना कब्जा करने के लिए झील के दक्षिणी तट से ऑपरेशन शुरू किया था. इससे पहले चीनी सेना ने फिंगर 4 के पास ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन भारतीय सेना ने अब उन ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है.

चीन ने की घुसपैठ की कोशिश
बता दें कि इससे पहले चीनी सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त को वास्तविक नियंत्रण सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश की. इसको लेकर झड़प होने की भी खबर सामने आई. भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया. सेना ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि उन्हें माकूल जवाब दिया गया. उल्लेखनीय है कि सीमा विवाद को लेकर पिछले कई महीनों से चीन और भारत के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं और दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनातनी जारी है. बावजूद भारतीय सेना ने शांति, सौहार्द्र और मानवता का परिचय देते हुए बिगड़ते रिश्तों के बाद भी इंसानियत की मिसाल पेश की और चीनी नागरिकों को बचाया था.

भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प

गौरतलब है कि 15-16 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. भारत का दावा था कि घटना में चीन के भी काफी सैनिक मारे गए हैं, हालांकि चीन ने मारे गए सैनिकों के बारे में कभी भी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की.

पैंगोंग इलाके का क्या है विवाद
लद्दाख में 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील हिमालय में करीब 14,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है. इस झील का 45 किलोमीटर का क्षेत्र भारत में पड़ता है, जबकि 90 किलोमीटर चीन के क्षेत्र में आता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा इसी झील से गुजरती है, लेकिन चीन यह मानता है कि पूरी झील चीन के अधिकार क्षेत्र में है.

श्रीनगर : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तल्खी बढ़ गई है. इसी बीच भारत ने सामरिक बढ़त हासिल की है. भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की छह नई प्रमुख पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना ने 29 अगस्त से सितंबर के दूसरे सप्ताह के बीच छह नई ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है.

सैनिकों ने जिन नई पहाड़ियों पर कब्जा किया है उनमें मगर पहाड़ी, गुरुंग हिल, रेसेन ला, रेजांग ला, मोखपारी शामिल हैं. इसके अलवा फिंगर 4 के पास की ऊंचाइयों पर हमारे जवान मौजूद हैं. यह जगहें खाली पड़ी थीं और चीनी सैनिकों के वहां पहुंचने से पहले ही भारतीय जवानों ने रणनीतिक बढ़त हासिल कर ली.

सूत्रों के मुताबिक ऊंचाइयों पर पहुंचने में नाकाम चीनियों की हताशा के चलते ही सीमा पर लंबे अरसे बाद गोलियां चलीं. पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर हवा में फायरिंग की कम से कम तीन घटनाएं हुईं हैं.

फिंगर 4 की चोटियों पर सेना का कब्जा
इससे पहले भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के पास स्थिति फिंगर 4 की कई चोटियों पर कब्जा किया था. सेना ने यह गतिविधि अगस्त के अंत में ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर अपना कब्जा करने के लिए झील के दक्षिणी तट से ऑपरेशन शुरू किया था. इससे पहले चीनी सेना ने फिंगर 4 के पास ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था, लेकिन भारतीय सेना ने अब उन ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है.

चीन ने की घुसपैठ की कोशिश
बता दें कि इससे पहले चीनी सैनिकों ने 29 और 30 अगस्त को वास्तविक नियंत्रण सीमा पर घुसपैठ करने की कोशिश की. इसको लेकर झड़प होने की भी खबर सामने आई. भारतीय सेना ने इसका करारा जवाब दिया. सेना ने इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि उन्हें माकूल जवाब दिया गया. उल्लेखनीय है कि सीमा विवाद को लेकर पिछले कई महीनों से चीन और भारत के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं और दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में तनातनी जारी है. बावजूद भारतीय सेना ने शांति, सौहार्द्र और मानवता का परिचय देते हुए बिगड़ते रिश्तों के बाद भी इंसानियत की मिसाल पेश की और चीनी नागरिकों को बचाया था.

भारत-चीन के सैनिकों के बीच झड़प

गौरतलब है कि 15-16 जून को भी लद्दाख की गलवान घाटी में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था. इसमें भारतीय सेना के एक कर्नल समेत 20 सैनिक शहीद हो गए थे. भारत का दावा था कि घटना में चीन के भी काफी सैनिक मारे गए हैं, हालांकि चीन ने मारे गए सैनिकों के बारे में कभी भी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की.

पैंगोंग इलाके का क्या है विवाद
लद्दाख में 134 किलोमीटर लंबी पैंगोंग झील हिमालय में करीब 14,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर स्थित है. इस झील का 45 किलोमीटर का क्षेत्र भारत में पड़ता है, जबकि 90 किलोमीटर चीन के क्षेत्र में आता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा इसी झील से गुजरती है, लेकिन चीन यह मानता है कि पूरी झील चीन के अधिकार क्षेत्र में है.

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