नई दिल्ली : लद्दाख में चीनी सेना की हरकतों पर पैनी नजर रखने के लिए भारतीय सेना को स्वदेश निर्मित ड्रोन 'भारत' मिला है. इस ड्रोन को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन विकसित किया है. इस ड्रोन से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक निंयत्रण रेखा के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों और इलाकों में सटीक निगरानी करने में मदद मिलेगा.
रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चल रहे विवाद में सटीक निगरानी के लिए ड्रोन की आवश्यकता है. इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए डीआरडीओ ने सेना को भारत ड्रोन दिया है.
भारत ड्रोन का विकास डीआरडीओ की चंडीगढ़ स्थित प्रयोगशाला ने किया है.
इस ड्रोन को विश्व के सबसे चुस्त और हल्के निगरानी ड्रोन के रूप में सूचीबद्ध किया जा सकता है. यह पूरी तरह से स्वदेश निर्मित है.
डीआरडीओ के सूत्रों ने बताया कि, 'यह छोटा और शक्तिशाली ड्रोन है और बड़ी सटीकता के साथ किसी भी स्थान पर स्वायत्तता से काम करता है.
अत्याधुनिक तकनीक के साथ यूनिबॉडी बायोमिमेटिक डिजाइन है जो निगरानी मिशन के लिए घातक संयोजन है. ड्रोन दोस्तों और दुश्मनों का पता लगाने के लिए कृत्रिम इंटेलीजेंसी से लैस है और इसके अनुसार कार्रवाई कर सकता है.
पढ़ें : भारत-चीन सीमा विवाद : वायुसेना की इस सप्ताह बैठक, राफेल की तैनाती पर चर्चा
ड्रोन को अत्यधिक ठंडे मौसम में भी निगरानी कर सकता है. इसे अत्यंत संवेदनशील मौसम के लिए भी विकसित किया जा रहा है.
यह ड्रोन पूरे मिशन के दौरान वास्तविक समय वीडियो प्रसारण प्रदान करेगा और बहुत उन्नत रात दृष्टि क्षमताओं से घने जंगलों में छिपे मनुष्यों का पता लगा सकता है.
सूत्रों ने कहा कि यह बहुत लोकप्रियता हासिल कर रहा है क्योंकि यह भीड़ में भी आसानी से संचालित किया जा सकता है.
इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत है कि यह राडार की पकड़ में भी नहीं आएगा.