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लोगों को अंगदान जैसे नेक काम के लिए आगे आने की जरूरत : डॉ हर्षवर्धन

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Published : Nov 14, 2019, 12:04 AM IST

भारत में प्रतिवर्ष लाखों मरीजों को अंगों की जरूरत पड़ती है, लेकिन कुछ हजार मरीजों को ही अंग आपूर्ति हो पाती है. भारत में अंगों की मांग और पूर्ति को लेकर डॉ हर्षवर्धन ने और किरेन रिजिजू ने एम्स द्वारा आयोजित समारोह में भाग लिया. उन्होंने लोगों को इस नेक काम में आगे आने के लिए भी कहा. जानें भारत समेत कुछ पश्चिमी देशों में क्या कहते हैं अंगदान की दरों के आंकड़े...

लोगों को अंगदान जैसे नेक काम के लिए आगे आने की जरूरत

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंगदाताओं के परिजनों को सम्मानित किया. एम्स में अंगदान की भूमिका को लेकर बुधवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और खेल व युवा मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू मौजूद रहे.

इस दौरान डॉ हर्षवर्धन ने लोगों से इस नेक काम के लिए आगे आने की अपील की.

अंगदान की जरूरत पर किरेन रिजिजू और डॉ हर्षवर्धन का बयान

अंग दान बड़ा संकट
इसी दृष्टिकोण को देखते हुए, खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, भारत में अंग दान एक संकट है.

50 डोनर्स के परिवार हुए सम्मानित
इस कार्यक्रम में तकरीबन 50 अंग डोनर्स के परिवारों को सम्मानित किया गया.

पढ़ें : नई दिल्ली में अगले माह ग्लोबल बायो-इंडिया सम्मेलन : डॉ. हर्षवर्धन

अंगों की मांग-आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर
यदि मानव अंगो की मांग और उनकी पूर्ति की बात की जाए तो आंकड़े कहते हैं कि इन दोनों के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है.

जरूरत ज्यादा, आपूर्ति कम
भारत में, लगभग 1.5 लाख रोगियों को किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल 7500-8000 रोगियों को ही किडनी मिल पाती है.

क्या कहते हैं आंकड़े
ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ORBO) द्वारा संकलित आंकड़ों के हिसाब से, लगभग 75,000 से 80,000 रोगियों को प्रतिवर्ष लीवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल 1800 के आसपास को ही मिल पाता है.

मनोज सेठी ने की ईटीवी भारत से बातचीत
इस दौरान अंग दान करने वाले के परिजन मनोज सेठी ने ईटीवी भारत से बातचीत भी की. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस नेक काम में आगे आएं और हिस्सा लें.

मनोज सेठी की मां ने अपनी आंखें और किडनी सालों पहले दान कर दी हैं.

स्वतंत्रता सेनानी की बेटी थी मां
उन्होंने कहा, 'मेरी मां स्वतंत्रता सेनानी की बेटी थी. उन्होंने अपने पिता को देश के लिए कुर्बानी देते देखा था. इसलिए उन्होंने सोचा कि जीते जी न सही, लेकिन मरने के बाद देश के लिए कुछ कर जाऊंगी.'

पढ़ें : अंगदान से बचाई जा सकती हैं कई ज़िंदगियां- कैलाश सत्यार्थी

उन्होंने आगे कहा कि जब एक दुर्घटनावश उनकी मौत हुई तो हमने ORBO से संपर्क किया और उनकी आंखें और किडनी दान कर दी.

भारत में अंग दान की दर
भारत में अंग दान का अनुमान 0.65 प्रति मिलियन जनसंख्या है. वहीं पश्चिमी देशों में अंग दान की दर बहुत अधिक है.

जानें क्या है पश्चिमी देशों में अंगदान की दर

  • स्पेन में प्रति मिलियन जनसंख्या 48.0 (दुनिया में सबसे अधिक)
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में 33.32 प्रति मिलियन जनसंख्या है
  • ब्रिटेन में 24.52 प्रति मिलियन जनसंख्या है

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अंगदाताओं के परिजनों को सम्मानित किया. एम्स में अंगदान की भूमिका को लेकर बुधवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और खेल व युवा मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू मौजूद रहे.

इस दौरान डॉ हर्षवर्धन ने लोगों से इस नेक काम के लिए आगे आने की अपील की.

अंगदान की जरूरत पर किरेन रिजिजू और डॉ हर्षवर्धन का बयान

अंग दान बड़ा संकट
इसी दृष्टिकोण को देखते हुए, खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, भारत में अंग दान एक संकट है.

50 डोनर्स के परिवार हुए सम्मानित
इस कार्यक्रम में तकरीबन 50 अंग डोनर्स के परिवारों को सम्मानित किया गया.

पढ़ें : नई दिल्ली में अगले माह ग्लोबल बायो-इंडिया सम्मेलन : डॉ. हर्षवर्धन

अंगों की मांग-आपूर्ति के बीच बहुत बड़ा अंतर
यदि मानव अंगो की मांग और उनकी पूर्ति की बात की जाए तो आंकड़े कहते हैं कि इन दोनों के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है.

जरूरत ज्यादा, आपूर्ति कम
भारत में, लगभग 1.5 लाख रोगियों को किडनी प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल 7500-8000 रोगियों को ही किडनी मिल पाती है.

क्या कहते हैं आंकड़े
ऑर्गन रिट्रीवल बैंकिंग ऑर्गनाइजेशन (ORBO) द्वारा संकलित आंकड़ों के हिसाब से, लगभग 75,000 से 80,000 रोगियों को प्रतिवर्ष लीवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है, लेकिन केवल 1800 के आसपास को ही मिल पाता है.

मनोज सेठी ने की ईटीवी भारत से बातचीत
इस दौरान अंग दान करने वाले के परिजन मनोज सेठी ने ईटीवी भारत से बातचीत भी की. उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे इस नेक काम में आगे आएं और हिस्सा लें.

मनोज सेठी की मां ने अपनी आंखें और किडनी सालों पहले दान कर दी हैं.

स्वतंत्रता सेनानी की बेटी थी मां
उन्होंने कहा, 'मेरी मां स्वतंत्रता सेनानी की बेटी थी. उन्होंने अपने पिता को देश के लिए कुर्बानी देते देखा था. इसलिए उन्होंने सोचा कि जीते जी न सही, लेकिन मरने के बाद देश के लिए कुछ कर जाऊंगी.'

पढ़ें : अंगदान से बचाई जा सकती हैं कई ज़िंदगियां- कैलाश सत्यार्थी

उन्होंने आगे कहा कि जब एक दुर्घटनावश उनकी मौत हुई तो हमने ORBO से संपर्क किया और उनकी आंखें और किडनी दान कर दी.

भारत में अंग दान की दर
भारत में अंग दान का अनुमान 0.65 प्रति मिलियन जनसंख्या है. वहीं पश्चिमी देशों में अंग दान की दर बहुत अधिक है.

जानें क्या है पश्चिमी देशों में अंगदान की दर

  • स्पेन में प्रति मिलियन जनसंख्या 48.0 (दुनिया में सबसे अधिक)
  • संयुक्त राज्य अमेरिका में 33.32 प्रति मिलियन जनसंख्या है
  • ब्रिटेन में 24.52 प्रति मिलियन जनसंख्या है
Intro:New Delhi: Union Minister for Health and Family Welfare Dr Harsh Vardhan on Wednesday gave a clarion call to the people to participate in organ donation efforts.


Body:Being aware of the fact that there is a huge gap between demand and supply for organs, Harsh Vardhan appealed people to come forward for this noble cause.

Echoing the same view, Minister of State for Sports and Youth Affairs Kiren Rijiju said, "There is a crisis for organ donation in India."

Dr Harsh Vardhan and Kiren Rijiju were attending a donor felicitation ceremony being organised by All India Institute of Medical Science (AIIMS) in New Delhi.

Around 50 donors were felicitated in the programme.

Statistics revealed that there is a huge gap between demand and supply of human organs and tissues.

In India, around 1.5 lakh patients require kidney transplantation but only 7500-8000 patients receive it. According to the statistics compiled by Organ Retrieval Banking Organisation (ORBO), around 75,000 to 80,000 patients require liver transplants annually but only around 1800 are performed.

Similarly 1 lakh patients are in need of corneal transplantation but only 50,000 undergo corneal transplant. In case of heart transplantation, the scenaior is much more dismal. "More than 10,000 people require heart transplant whereas only 150-200 transplants are being performed annually," the statistics said.

Talking to ETV Bharat, Manoj Sethi a kin of an organ donator also appealed that people should come forward and take party in this noble cause.

Manoj Sethi's mother has donated her eyes and kidney years back.

"It was a wish of my mother that she should do something for the country even after her death. So when she suffered brain death following a minor accident, we contacted ORBO and donated her eyes and kidney," recalled Seth.


Conclusion:The organ donation in India is estimated to be 0.65 per million population.

In western countries, the rate of organ donation is much higher. In Spain 48.0 per million population (highest in the world), in USA 33.32 per million population and in UK 24.52 per million population.

end.
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