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दूरसंचार कंपनियों को आज रात ही 11.59 तक जमा करने है 1.47 लाख करोड़ रुपये

समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) देने के उसके आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार विभाग को फटकार लगाई थी. इसके बाद दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों को आदेश जारी कर शुक्रवार मध्यरात्रि से पहले वैधानिक बकाये का भुगतान करने को कहा है. जानें विस्तार से...

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Published : Feb 14, 2020, 8:30 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 8:54 AM IST

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प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों को आदेश जारी कर शुक्रवार मध्यरात्रि से पहले वैधानिक बकाये का भुगतान करने को कहा है.

उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों से बकाये की वसूली पर रोक लगाने को लेकर विभाग की खिंचाई की. उसके बाद विभाग ने दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को सर्किल के आधार पर बकाये के संबंध में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है.

उत्तर प्रदेश (पश्चिम) दूरसंचार सर्किल ने शुक्रवार को सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को नोटिस जारी कर शुक्रवार को 11.59 तक बकाए का भुगतान करने को कहा.

इसमें कहा गया है, '....आपको लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के एवज में बकाया राशि का भुगतान 14.02.2020 को रात 11.59 से पहले करने निर्देश दिया जाता है.'

एक दूरसंचार परिचालक ने नाम नहीं देने की शर्त पर नोटिस मिलने की बात स्वीकार की है.

हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि बकाया राशि में से कितने का भुगतान मध्य रात्रि तक करने को कहा गया है. सभी 15 इकाइयों पर लाइसेंस शुल्क के रूप में 92,642 करोड़ रुपये और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में 55,054 करोड़ रुपये बकाए है. यानी इन कंपनियों के ऊपर सरकार के 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाये हैं.

ये आदेश सर्किल के संचार लेखा नियंत्रक ने जारी किए हैं. इससे पहले दूरसंचार विभाग ने उस आदेश को वापस ले लिया, जिसमें चूककर्ता दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से मना किया गया था.

इसे भी पढे़ं- दूरसंचार विभाग ने चूककर्ता कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आदेश को वापस लिया

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने आदेश के अनुपालन नहीं होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया, जिसके तुरंत बाद विभाग ने यह कदम उठाया.

दूरसंचार विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को शीर्ष अदालत के अक्टूबर के आदेश को क्रियान्वित करने के लिये तत्काल जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.

इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और अन्य कंपनियों के प्रबंध निदेशक ओर निदेशकों से कहा कि वे यह बतायें कि 1.47 लाख करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) देने के उसके आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना की कार्रवाई की जाए? न्यायाधीश अरूण मिश्रा, न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर और न्यायाधीश एम आर शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया और दूरसंचार विभाग के एक डेस्क अधिकारी द्वारा जारी आदेश पर नाराजगी जताई.

इससे देश के दूरसंचार बाजार में काम कर रही तीन निजी कंपनियों में से वोडाफोन आइडिया के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका है.

बता दें कि वोडाफोन आइडिया पर 53,000 करोड़ रुपये का बकाया है. इसमें 24,729 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम बकाया और 28,309 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के रूप में बकाया है. इससे पहले, कंपनी ने कहा था कि अगर उसे राहत नहीं मिली तो वह अपना कामकाज बंद कर देगी.

वहीं भारतीय एयरटेल पर देनदारी करीब 35,586 करोड़ रुपये है. इसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल हैं. शेष बकाया बीएसएनएल / एमटीएनएल और कुछ बंद / दिवालिया हो चुकी दूरसंचार कंपनियों पर है.

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय की फटकार के बाद दूरसंचार विभाग ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी दूरसंचार कंपनियों को आदेश जारी कर शुक्रवार मध्यरात्रि से पहले वैधानिक बकाये का भुगतान करने को कहा है.

उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार कंपनियों से बकाये की वसूली पर रोक लगाने को लेकर विभाग की खिंचाई की. उसके बाद विभाग ने दूरसंचार विभाग ने कंपनियों को सर्किल के आधार पर बकाये के संबंध में नोटिस भेजना शुरू कर दिया है.

उत्तर प्रदेश (पश्चिम) दूरसंचार सर्किल ने शुक्रवार को सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को नोटिस जारी कर शुक्रवार को 11.59 तक बकाए का भुगतान करने को कहा.

इसमें कहा गया है, '....आपको लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के एवज में बकाया राशि का भुगतान 14.02.2020 को रात 11.59 से पहले करने निर्देश दिया जाता है.'

एक दूरसंचार परिचालक ने नाम नहीं देने की शर्त पर नोटिस मिलने की बात स्वीकार की है.

हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि बकाया राशि में से कितने का भुगतान मध्य रात्रि तक करने को कहा गया है. सभी 15 इकाइयों पर लाइसेंस शुल्क के रूप में 92,642 करोड़ रुपये और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में 55,054 करोड़ रुपये बकाए है. यानी इन कंपनियों के ऊपर सरकार के 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाये हैं.

ये आदेश सर्किल के संचार लेखा नियंत्रक ने जारी किए हैं. इससे पहले दूरसंचार विभाग ने उस आदेश को वापस ले लिया, जिसमें चूककर्ता दूरसंचार कंपनियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से मना किया गया था.

इसे भी पढे़ं- दूरसंचार विभाग ने चूककर्ता कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आदेश को वापस लिया

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अपने आदेश के अनुपालन नहीं होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया, जिसके तुरंत बाद विभाग ने यह कदम उठाया.

दूरसंचार विभाग के क्षेत्रीय अधिकारियों को शीर्ष अदालत के अक्टूबर के आदेश को क्रियान्वित करने के लिये तत्काल जरूरी कदम उठाने को कहा गया है.

इससे पहले दिन में उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और अन्य कंपनियों के प्रबंध निदेशक ओर निदेशकों से कहा कि वे यह बतायें कि 1.47 लाख करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) देने के उसके आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना की कार्रवाई की जाए? न्यायाधीश अरूण मिश्रा, न्यायाधीश एस अब्दुल नजीर और न्यायाधीश एम आर शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया और दूरसंचार विभाग के एक डेस्क अधिकारी द्वारा जारी आदेश पर नाराजगी जताई.

इससे देश के दूरसंचार बाजार में काम कर रही तीन निजी कंपनियों में से वोडाफोन आइडिया के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका है.

बता दें कि वोडाफोन आइडिया पर 53,000 करोड़ रुपये का बकाया है. इसमें 24,729 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम बकाया और 28,309 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के रूप में बकाया है. इससे पहले, कंपनी ने कहा था कि अगर उसे राहत नहीं मिली तो वह अपना कामकाज बंद कर देगी.

वहीं भारतीय एयरटेल पर देनदारी करीब 35,586 करोड़ रुपये है. इसमें लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क शामिल हैं. शेष बकाया बीएसएनएल / एमटीएनएल और कुछ बंद / दिवालिया हो चुकी दूरसंचार कंपनियों पर है.

Last Updated : Mar 1, 2020, 8:54 AM IST
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