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कांग्रेस का तंज- बीजेपी शासन में पीड़िता पर होती है FIR, आरोपी पर नहीं - बीजेपी शासन में पीड़िता

JNU हिंसा पर जमकर राजनीति हो रही है. अब कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार के रवैये पर कड़ा तेवर अपनाया है और पूरी घटना के लिए JNU प्रशासन और गृह मंत्री को सवालों के घेरे में लाने की कोशिश कर रही है. साथ ही कांग्रेस ने JNU छात्र नेताओ पर FIR कराए जाने का भी मुखर विरोध शुरू कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

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पवन खेड़ा
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Published : Jan 8, 2020, 9:36 PM IST

नई दिल्ली : JNU हिंसा मामले पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर करारा हमला बोला है.उसका कहना है कि बीजेपी सरकार के दौर में एक अलग तरह की परम्परा की शुरुआत हुई है, जिसके तहत आरोपियों की बजाए पीड़ितों पर ही मामला दर्ज किया जाता है, JNU हिंसा में घायल छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष पर ही मामला दर्ज किया गया है और हैरान करने वाली बात है कि हिंसा में शामिल किसी व्यक्ति के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरु विश्विविधालय (JNU) में बीते रविवार को बड़ी संख्या में नकाबपोश गुंडों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था, जिसमें JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दर्जनों छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे. लेकिन दिल्ली पुलिस ने घोष और 19 अन्य के खिलाफ ही बीती चार जनवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ व सुरक्षा गार्ड पर कथित हमले के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.

दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक पदाधिकारी ने टीवी पर खुले तौर पर यह स्वीकार किया है कि उनके पास लोहे की छड़ें, तेजाब, लकड़ी के डंडे और काली मिर्च का स्प्रे था, उसके बाद भी दिल्ली पुलिस ने अब तक उनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की है, बल्कि हद तो यह है कि उल्टा आइशी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

मीडिया को संबोधित करते कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा.

खेड़ा ने कहा कि पुलिस का यह रवैया यह बताता है कि यह एक नया रिवाज चलाया जा रहा है, जहां पीड़िता पर एफआई और आरोपी पर मौन धारण की नीति चल रही है.

कांग्नेस नेता ने JNU प्रशासन और दिल्ली पुलिस के क्रियाकलाप पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार JNU प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई की है, वह यह समझने के लिए काफी है कि दिल्ली पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रही है.

पढ़ें : दिल्ली चुनाव तक JNU मुद्दा गर्म रखना चाहती है सरकार : कन्हैया कुमार

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में बैठे लोग ही जब समाज को बांटने पर उतारू हैं और एक वर्ग को दूसरे वर्ग के खिलाफ भड़का रहे हैं, तब ऐसे वातावरण में पुलिस से क्या उम्मीद की जा सकती है.

गृहमंत्री अमित शाह पर प्रहार करते हुए खेड़ा ने कहा कि इसमें किसी को लेशमात्र भी संदेह नही रखना चाहिए कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है और वह उसी के इशारे पर काम कर रही है.

वहीं दिल्ली पुलिस पर पवन खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा, 'हम दिल्ली पुलिस से उम्मीद करते हैं कि वह अपनी क्षमता का एहसास करेगी और अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाएगी.'

बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के JNU जाने पर हो रहे विवाद पर खेड़ा ने पीएम और गृहमंत्री के साथ-साथ आरएसएस पर भी हमला करते हुए कहा कि जो भी युवाओं से मिलता है तो इन लोगों को दिक्कत होती है,आखिर खुद युवाओं और छात्रों से क्यों नहीं मिलते. अब जब घायल और परेशान छात्रों से कोई मिलने जाता है तो आखिर इन लोगों को दिक्कत क्यों हो रही है.

मीडिया को संबोधित करते कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा.

यह भी पढ़ें : JNU हिंसा के विरोध में जामा मस्जिद पर प्रदर्शन, केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण JNU हिंसा में घायल हुए छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर पहुंची थीं. लेकिन दीपिका के इस कदम का विरोध होने लगा, उनके जाने के बाद सोशल मीडिया दो वर्गों में विभाजित हो गया, एक वर्ग उनकी आने वाली फिल्म 'छपाक' के बहिष्कार का अभियान चलाने लगा, जिसमें बीजेपी के नेता शामिल थे. खेड़ा ने इसे क्षुद्र राजनीति का उदाहरण करार दिया.

नई दिल्ली : JNU हिंसा मामले पर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर करारा हमला बोला है.उसका कहना है कि बीजेपी सरकार के दौर में एक अलग तरह की परम्परा की शुरुआत हुई है, जिसके तहत आरोपियों की बजाए पीड़ितों पर ही मामला दर्ज किया जाता है, JNU हिंसा में घायल छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष पर ही मामला दर्ज किया गया है और हैरान करने वाली बात है कि हिंसा में शामिल किसी व्यक्ति के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरु विश्विविधालय (JNU) में बीते रविवार को बड़ी संख्या में नकाबपोश गुंडों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था, जिसमें JNUSU की अध्यक्ष आइशी घोष सहित दर्जनों छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे. लेकिन दिल्ली पुलिस ने घोष और 19 अन्य के खिलाफ ही बीती चार जनवरी को सर्वर रूम में तोड़फोड़ व सुरक्षा गार्ड पर कथित हमले के आरोप में एफआईआर दर्ज की है.

दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के एक पदाधिकारी ने टीवी पर खुले तौर पर यह स्वीकार किया है कि उनके पास लोहे की छड़ें, तेजाब, लकड़ी के डंडे और काली मिर्च का स्प्रे था, उसके बाद भी दिल्ली पुलिस ने अब तक उनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की है, बल्कि हद तो यह है कि उल्टा आइशी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.

मीडिया को संबोधित करते कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा.

खेड़ा ने कहा कि पुलिस का यह रवैया यह बताता है कि यह एक नया रिवाज चलाया जा रहा है, जहां पीड़िता पर एफआई और आरोपी पर मौन धारण की नीति चल रही है.

कांग्नेस नेता ने JNU प्रशासन और दिल्ली पुलिस के क्रियाकलाप पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार JNU प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई की है, वह यह समझने के लिए काफी है कि दिल्ली पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रही है.

पढ़ें : दिल्ली चुनाव तक JNU मुद्दा गर्म रखना चाहती है सरकार : कन्हैया कुमार

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में बैठे लोग ही जब समाज को बांटने पर उतारू हैं और एक वर्ग को दूसरे वर्ग के खिलाफ भड़का रहे हैं, तब ऐसे वातावरण में पुलिस से क्या उम्मीद की जा सकती है.

गृहमंत्री अमित शाह पर प्रहार करते हुए खेड़ा ने कहा कि इसमें किसी को लेशमात्र भी संदेह नही रखना चाहिए कि दिल्ली पुलिस केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आती है और वह उसी के इशारे पर काम कर रही है.

वहीं दिल्ली पुलिस पर पवन खेड़ा ने तंज कसते हुए कहा, 'हम दिल्ली पुलिस से उम्मीद करते हैं कि वह अपनी क्षमता का एहसास करेगी और अपनी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाएगी.'

बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के JNU जाने पर हो रहे विवाद पर खेड़ा ने पीएम और गृहमंत्री के साथ-साथ आरएसएस पर भी हमला करते हुए कहा कि जो भी युवाओं से मिलता है तो इन लोगों को दिक्कत होती है,आखिर खुद युवाओं और छात्रों से क्यों नहीं मिलते. अब जब घायल और परेशान छात्रों से कोई मिलने जाता है तो आखिर इन लोगों को दिक्कत क्यों हो रही है.

मीडिया को संबोधित करते कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा.

यह भी पढ़ें : JNU हिंसा के विरोध में जामा मस्जिद पर प्रदर्शन, केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

बता दें कि बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण JNU हिंसा में घायल हुए छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर पहुंची थीं. लेकिन दीपिका के इस कदम का विरोध होने लगा, उनके जाने के बाद सोशल मीडिया दो वर्गों में विभाजित हो गया, एक वर्ग उनकी आने वाली फिल्म 'छपाक' के बहिष्कार का अभियान चलाने लगा, जिसमें बीजेपी के नेता शामिल थे. खेड़ा ने इसे क्षुद्र राजनीति का उदाहरण करार दिया.

Intro:New Delhi: Congress slammed the Central government over the FIRs registered against Jawaharlal Nehru University Students Union (JNUSU) President Aishe Ghosh, saying, "FIR registrated against the victim and not the perpetrator of the crime, is the new normal."


Body:After the masked goons attacked students and teachers on the campus of Jawaharlal Nehru University (JNU), Delhi Police has registered FIRs against the Present of JNUSU, Aishe Ghosh, who got injured during the violence, and 19 others for allegedly attacking security guards and vandalizing a server room on January 4.

While addressing the media, Congress spokesperson Pawan Khera said, "An office bearer of ABVP has accepted openly that they were having iron rods, acid, wooden sticks and pepper sprays with them. Even after that, Delhi Police registered FIR against Aishe Ghosh. This proves that it has become a new normal of registering FIRs against the victim and not the perpetrator of the crime."

He further added, "When your leadership acts in a manner which is divisive which tries to provoke one group against the other, which is unfair and unjust, what else would you expect Delhi Police to do? They are just following orders. We just hope Delhi Police realizes their potential, and acts responsibly."


Conclusion:After the Bollywood actress Deepika Padukone went to JNU campus for showing solidarity with the students who got injured during the violence, social media was split into two sections. One section of which appealed to boycott her upcoming movie as mark of protest against her move. This section also includes many BJP leaders who were not in support of Deepika's visit to JNU.

Responding over the matter, Pawan Khera said, "They just know to indulge in petty social media polls and taking videos. Should she go to Nagpur, the Sangh headquarters to promote her movie? What they want this country to be? If there is unrest in the country, we expect our Prime Minister and Home Minister to address the people."
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