ETV Bharat / bharat

बिहार में ग्रामीण ने जांच में पत्नी के कोरोना संक्रमित पाये जाने पर संदेह प्रकट किया

author img

By

Published : May 6, 2020, 10:10 AM IST

बिहार के भागलपुर से एक अजीब घटना सामने आई है. यहां के एक ग्रामीण ने जांच में पत्नी के कोरोना वायरस संक्रमित पाये जाने पर संदेह प्रकट किया है. पढ़ें पूरी खबर...

photo
प्रतीकात्मक तस्वीर.

भागलपुर : बिहार के भागलपुर में तब अजीब स्थिति पैदा हो गयी तब कोविड-19 की एक मरीज के पति ने आरोप लगाया कि जांच के लिए उसकी पत्नी का बलगम नमूना लिये बगैर ही उसे संक्रमित घोषित कर दिया गया.

हालांकि अधिकारियों ने उसके दावे को खारिज कर दिया और कहा कि जब घर-घर स्क्रीनिंग करने वाली टीम उसके घर पहुंची तब उसे महिला में (कोविड-19) के लक्षण नजर आये और फिर उसका नमूना लेकर परीक्षण के लिए भेज दिया गया.

शहर के एक अस्पताल में महिला को भर्ती कराया गया है. उसके पति ने जिले के कहलगांव के माथुरपुर गांव में अपने घर पहुंचकर आरोप लगाया कि उसे चिकित्सा एवं पुलिस अधिकारी एक पृथक वास केंद्र में ले गये और उन्होंने (इन अधिकारियों ने) दावा किया कि उसकी पत्नी संक्रमित पायी गई है.

इस व्यक्ति ने कहा, मेरी बेटियों को भी पृथक वास केंद्र में ले जाया गया और वे अब भी वहीं हैं। मुझे आज (पृथक वास केंद्र से) छुट्टी दे दी गई और मुझसे बताया गया कि जांच में मेरे अंदर संक्रमण नहीं पाया गया. लेकिन कैसे मेरी पत्नी में संक्रमण की पुष्टि हो गयी जब उसने कभी नमूना दिया ही नहीं.

उसकी किशोर बेटियों ने भी यही बात कही है. उन्होंने कहा कि जब तीन मई को अधिकारी उसके घर पर आये तब वे उनसे कहती रहीं कि कुछ गलतफहमी हुई है लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. उन्होंने कहा, हमारी मां को पृथक वार्ड में डाल दिया है और हम यहां पृथक वास केंद्र में हैं.

लेकिन कहलगांव के उपसंभागीय अस्पताल के उपाधीक्षक लाखन मुर्मू ने आरोपी का खंडन करते हुए कहा कि एक अप्रैल को घर-घर स्क्रीनिंग के दौरान महिला में लक्षण नजर आया था. मूर्म के अनुसार एक मई को नमूना लिया गया था.

पति ने महिला की उम्र में विसंगति का हवाला दिया और कहा कि आधार कार्ड के अनुसार उसकी पत्नी एक जनवरी, 1985 में पैदा हुई थी जबकि चिकित्सकीय रिकार्ड में उसे 26 साल का बताया गया है.

भागलपुर : बिहार के भागलपुर में तब अजीब स्थिति पैदा हो गयी तब कोविड-19 की एक मरीज के पति ने आरोप लगाया कि जांच के लिए उसकी पत्नी का बलगम नमूना लिये बगैर ही उसे संक्रमित घोषित कर दिया गया.

हालांकि अधिकारियों ने उसके दावे को खारिज कर दिया और कहा कि जब घर-घर स्क्रीनिंग करने वाली टीम उसके घर पहुंची तब उसे महिला में (कोविड-19) के लक्षण नजर आये और फिर उसका नमूना लेकर परीक्षण के लिए भेज दिया गया.

शहर के एक अस्पताल में महिला को भर्ती कराया गया है. उसके पति ने जिले के कहलगांव के माथुरपुर गांव में अपने घर पहुंचकर आरोप लगाया कि उसे चिकित्सा एवं पुलिस अधिकारी एक पृथक वास केंद्र में ले गये और उन्होंने (इन अधिकारियों ने) दावा किया कि उसकी पत्नी संक्रमित पायी गई है.

इस व्यक्ति ने कहा, मेरी बेटियों को भी पृथक वास केंद्र में ले जाया गया और वे अब भी वहीं हैं। मुझे आज (पृथक वास केंद्र से) छुट्टी दे दी गई और मुझसे बताया गया कि जांच में मेरे अंदर संक्रमण नहीं पाया गया. लेकिन कैसे मेरी पत्नी में संक्रमण की पुष्टि हो गयी जब उसने कभी नमूना दिया ही नहीं.

उसकी किशोर बेटियों ने भी यही बात कही है. उन्होंने कहा कि जब तीन मई को अधिकारी उसके घर पर आये तब वे उनसे कहती रहीं कि कुछ गलतफहमी हुई है लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. उन्होंने कहा, हमारी मां को पृथक वार्ड में डाल दिया है और हम यहां पृथक वास केंद्र में हैं.

लेकिन कहलगांव के उपसंभागीय अस्पताल के उपाधीक्षक लाखन मुर्मू ने आरोपी का खंडन करते हुए कहा कि एक अप्रैल को घर-घर स्क्रीनिंग के दौरान महिला में लक्षण नजर आया था. मूर्म के अनुसार एक मई को नमूना लिया गया था.

पति ने महिला की उम्र में विसंगति का हवाला दिया और कहा कि आधार कार्ड के अनुसार उसकी पत्नी एक जनवरी, 1985 में पैदा हुई थी जबकि चिकित्सकीय रिकार्ड में उसे 26 साल का बताया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.