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मोदी सरकार में पहली बार बैंकों को एनपीए का धन वापस मिला: निर्मला सीतारमण - 10 हजार करोड़ की भरपाई

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर गैर-निष्पादित आस्तियां (Non Performing Assets) बन गये ऋणों की भरपाई नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बैंकों को पहली बार मोदी सरकार में चूककर्ताओं से पैसा वापस मिला है.

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सीतारमण
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Published : Mar 28, 2022, 4:03 PM IST

Updated : Mar 28, 2022, 4:38 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि मोदी सरकार में पहली बार बैंकों को एनपीए (Non Performing Assets) का धन वापस मिला. उन्होंने लोकसभा में यह भी कहा कि धोखाधड़ी वाली विभिन्न योजनाओं से अनेक छोटे निवेशकों को ठगने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने समेत कार्रवाई की गयी है.

वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भी ऐप आधारित वित्तीय कंपनियों पर निगरानी रख रहा है. ऋण चूककर्ताओं और एनपीए के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बारे में द्रमुक के टीआर बालू के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि कर्ज का राइटिंग ऑफ (बट्टे खाते में डालना) पूरी तरह छूट देना नहीं होता और बैंक ऋण के हर मामले में भरपाई की प्रक्रिया संचालित कर रहे हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान

10 हजार करोड़ की भरपाई: वित्तमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ऋण चूककर्ताओं की संपत्तियां जब्त करने के साथ उनसे 10000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की भरपाई की है. सीतारमण ने कहा कि देश में पहली बार मोदी सरकार में बैंकों को अनेक एनपीए संबंधी पैसा वापस मिला है. जबकि संप्रग सरकार में एनपीए से कोई भरपाई नहीं की गयी. वित्त मंत्री के इस बयान पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आपत्ति जताई. जिस पर सीतारमण ने कहा कि विपक्षी पार्टी को कड़वा सच सुनना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में राजनीतिक आधार पर फोन पर ऋण दे दिये जाते थे.

यह भी पढ़ें- COVID-19 के कारण अधिकांश उपभोक्ताओं ने वाहन खरीदने का निर्णय टाला : रिपोर्ट

यह हैं NPA के आंकड़े: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सूचीबद्ध बैंकों का कुल एनपीए 8.5 लाख करोड़ रु. से ज्यादा है. आरबीआइ ने बैंकों के लिए जानकारी देने के नियम और सख्त कर दिए हैं, जिसकी वजह से यह आंकड़े और बढ़ सकते हैं. वित्तीय रेटिंग एजेंसी इक्रा ने इसके जल्द ही 9.25 लाख करोड़ रुपये के पार जाने का अनुमान लगाया है. वहीं क्रिसिल ने 9.5 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अंदेशा जताया है. भारत के रक्षा और ढांचागत क्षेत्र के बजटों को मिला लिया जाए तो यह राशि उससे भी ज्यादा है और श्रीलंका की जीडीपी का लगभग दोगुना है.

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि मोदी सरकार में पहली बार बैंकों को एनपीए (Non Performing Assets) का धन वापस मिला. उन्होंने लोकसभा में यह भी कहा कि धोखाधड़ी वाली विभिन्न योजनाओं से अनेक छोटे निवेशकों को ठगने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने समेत कार्रवाई की गयी है.

वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) भी ऐप आधारित वित्तीय कंपनियों पर निगरानी रख रहा है. ऋण चूककर्ताओं और एनपीए के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बारे में द्रमुक के टीआर बालू के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि कर्ज का राइटिंग ऑफ (बट्टे खाते में डालना) पूरी तरह छूट देना नहीं होता और बैंक ऋण के हर मामले में भरपाई की प्रक्रिया संचालित कर रहे हैं.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान

10 हजार करोड़ की भरपाई: वित्तमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ऋण चूककर्ताओं की संपत्तियां जब्त करने के साथ उनसे 10000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की भरपाई की है. सीतारमण ने कहा कि देश में पहली बार मोदी सरकार में बैंकों को अनेक एनपीए संबंधी पैसा वापस मिला है. जबकि संप्रग सरकार में एनपीए से कोई भरपाई नहीं की गयी. वित्त मंत्री के इस बयान पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आपत्ति जताई. जिस पर सीतारमण ने कहा कि विपक्षी पार्टी को कड़वा सच सुनना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में राजनीतिक आधार पर फोन पर ऋण दे दिये जाते थे.

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यह हैं NPA के आंकड़े: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार सूचीबद्ध बैंकों का कुल एनपीए 8.5 लाख करोड़ रु. से ज्यादा है. आरबीआइ ने बैंकों के लिए जानकारी देने के नियम और सख्त कर दिए हैं, जिसकी वजह से यह आंकड़े और बढ़ सकते हैं. वित्तीय रेटिंग एजेंसी इक्रा ने इसके जल्द ही 9.25 लाख करोड़ रुपये के पार जाने का अनुमान लगाया है. वहीं क्रिसिल ने 9.5 लाख करोड़ रुपये पहुंचने का अंदेशा जताया है. भारत के रक्षा और ढांचागत क्षेत्र के बजटों को मिला लिया जाए तो यह राशि उससे भी ज्यादा है और श्रीलंका की जीडीपी का लगभग दोगुना है.

Last Updated : Mar 28, 2022, 4:38 PM IST

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