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डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती

Appointment of Deputy CM challenged in High Court, राजस्थान हाईकोर्ट में शनिवार को जनहित याचिका दायर कर प्रदेश के डिप्टी सीएम पद पर दीया कुमारी व प्रेम चन्द बैरवा की नियुक्ति व शपथ लेने को चुनौती दी गई है. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ आगामी दिनों में सुनवाई करेगी.

Appointment of Deputy CM challenged in High Court
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 16, 2023, 8:43 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में शनिवार को जनहित याचिका दायर कर प्रदेश के डिप्टी सीएम पद पर दीया कुमारी व प्रेम चन्द बैरवा की नियुक्ति व शपथ लेने को चुनौती दी गई है. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ आगामी दिनों में सुनवाई करेगी. अधिवक्ता ओमप्रकाश सोलंकी ओर से दायर इस जनहित याचिका में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को पक्षकार बनाया गया है.

जानें पूरा मामला : जनहित याचिका में कहा गया कि भारतीय संविधान में डिप्टी सीएम का कोई पद नहीं है और न ही इस पद पर नियुक्ति का ही कोई प्रावधान है. संविधान के आर्टिकल 163 व 164 के तहत सीएम की अनुशंसा पर ही गवर्नर मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करते हैं. इसके अलावा आर्टिकल 163 के तहत ही शपथ ली जाती है और उसमें गवर्नर, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाते हैं.

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इसके बावजूद भी गत शुक्रवार को दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा ने खुद को डिप्टी सीएम बताते हुए शपथ ली है. जबकि संविधान में केवल मंत्री पद की शपथ ही ली जा सकती है. ऐसे में डिप्टी सीएम का पद ही काल्पनिक है और दोनों राजनेताओं की डिप्टी सीएम के तौर पर ली गई शपथ असंवैधानिक है. इसलिए प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों की शपथ व नियुक्तियों को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द किया जाए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में शनिवार को जनहित याचिका दायर कर प्रदेश के डिप्टी सीएम पद पर दीया कुमारी व प्रेम चन्द बैरवा की नियुक्ति व शपथ लेने को चुनौती दी गई है. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की खंडपीठ आगामी दिनों में सुनवाई करेगी. अधिवक्ता ओमप्रकाश सोलंकी ओर से दायर इस जनहित याचिका में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को पक्षकार बनाया गया है.

जानें पूरा मामला : जनहित याचिका में कहा गया कि भारतीय संविधान में डिप्टी सीएम का कोई पद नहीं है और न ही इस पद पर नियुक्ति का ही कोई प्रावधान है. संविधान के आर्टिकल 163 व 164 के तहत सीएम की अनुशंसा पर ही गवर्नर मंत्रिपरिषद की नियुक्ति करते हैं. इसके अलावा आर्टिकल 163 के तहत ही शपथ ली जाती है और उसमें गवर्नर, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को शपथ दिलाते हैं.

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इसके बावजूद भी गत शुक्रवार को दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा ने खुद को डिप्टी सीएम बताते हुए शपथ ली है. जबकि संविधान में केवल मंत्री पद की शपथ ही ली जा सकती है. ऐसे में डिप्टी सीएम का पद ही काल्पनिक है और दोनों राजनेताओं की डिप्टी सीएम के तौर पर ली गई शपथ असंवैधानिक है. इसलिए प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्रियों की शपथ व नियुक्तियों को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द किया जाए.

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