अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने बुधवार को पीडब्ल्यूडी विभाग में क्वालिटी कंट्रोल अधीक्षण अभियंता के पद पर तैनात रामेश्वर सिंह जाटव को 6 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. इससे पहले भी रामेश्वर सिंह ने कॉन्ट्रैक्टर से एक बार 2.5 लाख रुपए तो एक बार 1.5 लाख रुपए की रिश्वत ली थी.
एसीबी के डीएसपी रामेश्वर दयाल ने बताया कि एसीबी को पीडब्ल्यूडी विभाग के क्वालिटी कंट्रोल विभाग में तैनात अधीक्षण अभियंता रामेश्वर सिंह जाटव की ओर से रिश्वत मांगने की शिकायत मिली थी. तीन महीने से एसीबी की टीम अधीक्षण अभियंता के पीछे लगी हुई थी. उसने कॉन्ट्रैक्टर से 15 लाख रुपए रिश्वत की डिमांड की थी, लेकिन 10 लाख रुपए में डील फाइनल हुई. चार लाख रुपए अधीक्षण अभियंता पहले ले चुका था. शेष 6 लाख रुपए दो किस्त में देने की बात हुई.
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एसीबी के अधिकारियों ने बुधवार को कॉन्ट्रैक्टर को 2 लाख रुपए की राशि व 4 लाख रुपए डमी राशि लेकर रामेश्वर सिंह के पास भेजा. अलवर सरस डेयरी के पास कॉन्ट्रैक्टर ने रामेश्वर सिंह को 6 लाख रुपए की रिश्वत दी. इसपर एसीबी की टीम ने रामेश्वर सिंह को रिश्वत की राशि के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. डीएसपी रामेश्वर दयाल ने बताया कि आरोपी के खिलाफ लंबे समय से रिश्वत की शिकायतें मिल रही थी, जिसपर आज कार्रवाई की गई.
डीएसपी रामेश्वर दयाल ने बताया कि आरोपी लंबे समय से कॉन्ट्रैक्टर से रिश्वत वसूल रहा था. वो कॉन्ट्रैक्टर को फोन करके धमकी देता व उसकी राशि रुकवाने की बात कहता था. पुराने मामलों की भी जांच पड़ताल की जा रही है. कॉन्ट्रैक्टर का मोबाइल जब्त कर लिया गया है. साथ ही उसके बैंक खातों को भी चेक करने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्टर के घर व ऑफिस की फाइलों को भी चेक करने में टीम लगी हुई है. आरोपी अधीक्षण अभियंता से पूछताछ की जा रही है.
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डीएसपी ने कहा कि अधीक्षण अभियंता पहले भी कई कॉन्टैक्टर को धमकी देकर उनसे पैसे वसूल चुका है. इस मामले में पीडब्ल्यूडी विभाग के कई अन्य कर्मचारियों और अधिकारियों के नाम भी सामने आ रहे हैं, जिन्होंने फाइल को रोक कर रखा है. उनकी भी जांच पड़ताल चल रही है. इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. उसने कहा कि अधीक्षण अभियंता के पास जयपुर ग्रामीण का चार्ज था, जबकि उसका मुख्यालय अलवर कार्यालय था.
क्वालिटी कंट्रोल की एनओसी के लिए रिश्वत : कांट्रेक्टर की ओर से भवन, सड़क, नाला और जिस चीज का निर्माण कार्य किया जाता है, उस कार्य को पूर्ण होने के बाद पीडब्लूडी विभाग स्थित क्वालिटी कंट्रोल विभाग से उसे एनओसी लेनी पड़ती है. एनओसी मिलने के बाद ही उसके कार्य का भुगतान मिलता है. एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि कांट्रेक्टर से अधीक्षण अभियंता ने क्वालिटी कंट्रोल की एनओसी जारी करने की एवज में रिश्वत की राशि मांगी थी. इससे पहले भी एस्टीमेट साइन करने व अन्य कार्यों के लिए वो कांट्रेक्टर से मोटी राशि वसूल चुका है.